पिछले कुछ सालों जीवनशैली, वायु परिवर्तन और कई कारणों से ऑटोइम्यून बीमारियों से जुड़े मामलें ज्यादा आ रहे हैं। ऑटोइम्यून बीमारियां उन स्थितियों को कहते हैं, जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) अपनी ही स्वस्थ कोशिकाओं और ऊतकों (tissues) पर हमला करने लगती है। यह समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा देखी जाती है। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को ऑटोइम्यून बीमारियों का खतरा ज्यादा क्यों होता है, इस विषय पर अधिक जानकारी दे रही हैं एमडी डॉ. कल्पना गुप्ता शेखावत।
1. हार्मोन के कारण
महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन नामक हार्मोन अधिक मात्रा में पाया जाता है। एस्ट्रोजन इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है और इसकी प्रतिक्रिया को बढ़ा सकता है। यह हार्मोन, विशेष रूप से, प्रतिरक्षा प्रणाली को अधिक सक्रिय बनाता है, जो ऑटोइम्यून बीमारियों की संभावना बढ़ा सकता है। वहीं, इसके विपरीत, टेस्टोस्टेरोन, जो पुरुषों में अधिक होता है, इम्यून सिस्टम की प्रतिक्रिया को नियंत्रित करने में मदद करता है।
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2. जेनेटिक कारणों की वजह से
महिलाओं में दो X क्रोमोसोम (XX) होते हैं, जबकि पुरुषों में XY क्रोमोसोम। X क्रोमोसोम में प्रतिरक्षा से संबंधित कई जीन पाए जाते हैं। चूंकि महिलाओं में दो X क्रोमोसोम होते हैं, इस वजह से ऑटोइम्यून रोगों की संभावना बढ़ जाती है।
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3. गर्भावस्था
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में कई प्रकार के हार्मोनल बदलाव होते हैं। इन बदलावों के कारण महिला का इम्यून सिस्टम बच्चे की रक्षा करने के लिए बदलता रहता है। यह इम्यून सिस्टम की संवेदनशीलता को और बढ़ा सकता है, जिससे ऑटोइम्यून बीमारियों का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है।
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4. सामाजिक कारण
महिलाओं का सामाजिक जीवन पुरुषों से भिन्न होता है। तनाव, खानपान की आदतें और हार्मोनल परिवर्तन (जैसे माहवारी, गर्भावस्था और मेनोपॉज) भी ऑटोइम्यून बीमारियों के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
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महिलाएं ऑटोइम्यून बीमारियों से कैसे बचें?
इंस्टाग्राम पर शेयर किए गए पोस्ट में डॉ. कल्पना गुप्ता ने महिलाएं ऑटोइम्यून बीमारियों से कैसे बचाव कर सकती हैं, इसकी जानकारी भी दी है।
1. पोषण से भरपूर भोजन : एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन से भरपूर आहार (जैसे फल, सब्जियां, नट्स) प्रतिरक्षा प्रणाली को संतुलित रखने में मदद करता है।
2. तनाव को करें कम : ज्यादा तनाव होने की वजह से भी हार्मोन असंतुल होता है। इसलिए तनाव को कम करने के लिए मेडिटेशन और योग करें।
निष्कर्ष
ऑटोइम्यून बीमारियों का खतरा महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अधिक होता है, और इसके पीछे हार्मोन, जेनेटिक संरचना ऑटो इम्यून बीमारियों का खतरा बढ़ाती हैं। इसलिए अपने खानपान को संतुलित करें।