अक्सर लोगों में इस बात को लेकर बहस होती है कि घी और मक्खन में कौन सबसे ज्यादा बेहतर है। कुछ लोग घी को बेहतर मानते हैं को कुछ मक्खन को। घी को संस्कृत में घृत के रूप में परिभाषित किया गया है। वहीं अंग्रेजी भाषा में घी को क्लेरिफाइड बटर (बिशुद्ध मक्खन) के रूप में वृगीकृत किया गया है। दरअसल घी को मक्खन के साथ बनाया जाता है और कम ऊष्मा पर पकाया जाता है और दूध के ठोस तत्वों को निकाल दिया जाता है। वेजीटेरियन न्यूट्रिशन एक्सपर्ट शुचि अग्रवाल इस लेख में आपको ये बताने जा रही हैं कि कैसे घी मक्खन से अलग होता है और आप घर में मक्खन से घी कैसे बना सकते हैं। इसके साथ ही आपको ये अंदाजा भी लग जाएगा कि घी, मक्खन से कैसे अलग है।
कैसे बनाएं घर पर मक्खन से घी
घर पर मक्खन से घी बनाने के लिए सबसे पहले आप मक्खन को पूरी तरह से पिघला लें। उसके बाद गैस की आंस कम कर मक्खन को धीमी आंच पर उबालें। 5 से 6 मिनट के बाद आप दो चीजें अलग होती देखेंगे। आप स्पष्ट रूप से बर्तन के तले पर फैट को पड़ा हुआ पाएंगे।
ऐसा होने पर गैस बंद न करें और 10 मिनट तक मक्खन को और उबालें। ऐसा करने से फैट की मात्रा और कम हो जाएगी और आपके सामने साफ घी आता हुआ दिखाई देगा।
जब आपको घी दिखाई देने लगे तो इस मिश्रण को और 5 से 10 मिनट तक उबालें। इस बात का ध्यान जरूर रखें की आंच धीमी होनी चाहिए। इस दौरान झाग उठना शुरू हो जाएगा और वे खिलने लगेगा। सुनिश्चित करें कि झाग जले नहीं अन्यथा घी बिल्कुल साफ नहीं होगा।
इसके बाद जब झाग का रंग बदलना शुरू हो जाए तो समझ लिजिए कि आपका घी तैयार हो चुका है। इस बिंदु पर आकर गैस को बंद कर दीजिए। घी के ठंडा होने का थोड़ा सा इंतजार करें । जब घी ठंडा हो जाए तो उसे एक स्टील के कंटेनर में डाल लें। इस बात का ध्यान रखें कि घी को रखने के लिए किसी भी प्रकार के प्लास्टिक के डिब्बे का इस्तेमाल न करें।
घी को गिलास या फिर स्टील के जार में महीनों तक रखा जा सकता है और इसमें कोई शिकायत भी नहीं आती।
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मक्खन से क्यों बेहतर है घी
घी की कोई एक्सपाइरी डेट नहीं होती और इसे सामान्य तापमान पर भी घर में रखा जा सकता है। वहीं मक्खन को हमेशा फ्रीज में रखने की जरूरत होती है इसलिए घी को स्टोर कर रखना मक्खन के मुकाबले ज्यादा आसान होता है।
घी में मक्खन के मुकाबले धुआं ज्यादा ऊष्मा (Ghee: 485 F, Butter 302 F)पर निकलता है। सिर्फ मक्खन ही नहीं कई अन्य तेलों के मुकाबले घी ज्यादा फायदेमंद होता है।
आप शायद इस बात से भलीभांति वाकिफ होंगे कि भारतीय लोग खाना तेज आंच पर पकाना पसंद करते हैं फिर चाहे वे किसी फूड को फ्राई करना हो या उसमें छौंक लगाना हो किसी फूड को भुनना। घी इन तीनों ही प्रयोग में सबसे बेहतर साबित होता है।
इसके अलावा घी को किसी फूड को ज्यादा पकाने या फिर कहें डीप फ्राई के लिए सबसे हेल्दी फैट में से एक के रूप में माना जाता है। घी का प्रयोग ज्यादातर हर भारतीय घर में होता है क्योंकि भारतीयों को पकौड़े या फिर स्नैक का बहुत शौक होता है।
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इसके साथ ही घी में मक्खन की तरह लैक्टोज नहीं होता है। इसलिए लैक्टोज से परेशानी वाले लोग घी का प्रयोग कर सकते हैं।
घी न केवल भारतीय रसोईघर की एक पारंपरिक सामग्री है बल्कि ये एक पारंपरिक दवा का हिस्सा भी है। आयुर्वेद के मुताबिक, घी मानव शरीर के लिए सबसे अच्छा तेल-फैट है। इसके अलावा घी जितना पुराना होता चला जाता है उसका प्रयोग कई चिकित्सीय कामों के लिए किया जाने लगता है।
इसके साथ ही स्वाद भी घी के अधिक प्रयोग का सबसे बड़ा कारण है। अधिकतर भारतीय व्यंजनों को पारंपरिक रूप से घी में बनाया जाता है।
(Input By Shuchi Agrawal, Vegetarian Nutrition Expert Qoura Wall )
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