लेग्यूम फैमिली यानी फलियों के परिवार से ताल्लुक रखने वाले छोले हजारों सालों से हमारी डाइट का हिस्सा हैं। लेकिन हाल के दिनों में ही इसमें पाए जाने वाले उपयोगी तत्वों का पता चला है। यह विटामिन, मिनरल और फाइबर का बेहतरीन स्रोत है। यह डाइजेशन को इंप्रूव करता है, वजन संतुलित रखता है और कई बीमारियों से निजात दिलाता है। यही वजह है कि विशेषज्ञ छोलों को अपनी डाइट में शामिल करने की सलाह देते हैं।
न्यूट्रिशनल प्रोफाइल
छोले कैलोरीज के बेहतरीन स्रोत माने जाते हैं। प्रत्येक 28 ग्राम छोले में 46 कैलोरी, 31 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 2 ग्राम फाइबर, 3 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है। इसके अलावा छोलों में फोलेट, आयरन, फोसफोरस, काॅपर, मैंग्नीज भी मौजूद है। इस लिहाज से देखें तो छोले में सभी महत्वपूर्ण तत्व पाए जाते हैं।
भूख कंट्रोल करे
प्रोटीन और फाइबर होने की वजह से यह भूख को नियंत्रित करने में सहायक होता है। दरअसल प्रोटीन और फाइबर धीरे-धीरे डाइजेस्ट होता है, इसलिए हमेशा पेट भरे का अहसास कराता है। एक अध्ययन से इस बात की पुष्टि भी हुई है। अध्ययन में कुछ लोगों को 12 हफ्तों तक 104 ग्राम छोले खाने को दिया गया। इन लोगों को छोले खाने के बाद कम भूख लगी है, जिस वजह से इनके खानपान में जंक फूड की कमी देखी गई। हालंाकि अभी इस क्षेत्र में और भी अध्ययन होने बाकी है।
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पर्याप्त प्रोटीन
जो लोग नान-वेज नहीं खाते, उनके लिए यह बेहतरीन खाद्य पदार्थ है। वेजीटेरियन लोगों के लिए छोले प्लांट बेस्ड प्रोटीन का मुख्य स्रोत है। इसमें उतना ही प्रोटीन पाया जाता है, जितना कि ब्लैक बीन्स में होता है। इसे खाने से वजन को नियंत्रित रखने में भी मदद मिलती है।
ब्लड शुगर कंट्रोल
छोलों में कई तरह के प्रापर्टीज होते हैं, जिस वजह से ब्लड शुगर भी कंट्रोल में रहता है। सबसे पहले बात तो छोलों में ग्लाकेमिक इंडेक्स या जीई काफी कम होता है, जो खाना खाने के बाद ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ाता है। डाइटीशियन की मानें तो जिन आहार में लो-जीई होता है, वह बेहतरीन तरीके से ब्लड शुगर को कंट्रोल कर पाते हैं।
बेहतर पाचनतंत्र
छोले में फाइबर भी काफी मात्रा में पाया जाता है, इसलिए इसे डाइजेस्टिव हेल्थ के लिए अच्छा माना जाता है। छोले में मौजूद फाइबर सोल्यूबल यानी घुलनशील होता है। सोल्यूबल फाइबर की वजह से हेल्दी बैक्टीरियर की संख्या बढ़ती है, जो पाचनतंत्र को बेहतर बनाने में उपयोगी है।
हार्ट प्राब्लम से छुटकारा
छोले को कई गंभीर बीमारियों में कारगर उपाय के रूप में देखा जाता है जैसे हृदय संबंधी बीमारियां। असल में छोले में मैग्नीशियम और पोटाशियम जैसे मिनरल्स पाए जाते हैं, जो हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। 12 हफ्तों तक 45 लोगों पर एक अध्ययन किया गया। इस अध्ययन से पता चला कि जो लोग रोजाना 728 ग्राम छोले प्रत्येक सप्ताह खाते हैं, उनके कोलेस्ट्रोल का स्तर घटता है। इस तरह यह हार्ट को हेल्दी रखता है।
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कैंसर से आराम
छोला कैंसर जैसी घातक बीमारी में आरामदायक साबित हुआ है। एक अध्ययन से इस बात का पता चला है कि रोजाना छोले खाने से शरीर फैटी एसिड का उत्पादन होता है। यह फैटी एसिड कोलोन सेल में जलन जैसी समस्या को घटाता है। इसी वजह से यह कोलोन कैंसर की आशंका को कम करता है। इसी तरह छोले डायबिटीज में भी कारगर है।
वैरायटी
छोलों को अपनी डाइट में शामिल करने की एक और वजह है। यह है कि इससे आप तरह-तरह की डिशेज बना सकते हैं, जो खाने में स्वादिष्ट होती हैं। मसलन इसे उबालकर या ग्रेवी बनाकर खाया जा सकता है।
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