गर्भवती को न सिर्फ अपने लिए बल्कि भावी शिशु के सही विकास के लिए भी पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। कुछ सुपरफूड्स हैं, जो प्रेग्नेंसी के दौरान जरूर लेने चाहिए। क्योंकि गर्भावस्था में जो भी भोजन किया जाता है, उसका शिशु के विकास पर सीधा प्रभाव पड़ता है। इसलिए यह जरूरी है कि प्रेग्नेंसी में पर्याप्त पोषक तत्व मिलें। कुछ ऐसे सुपरफूड्स हैं, जिन्हें प्रेग्नेंसी में नहीं भूलना चाहिए।
- पानी की महत्ता से कौन इंकार कर सकता है। यह न सिर्फ शरीर के भीतर से टॉक्सिक पदार्थों को बाहर करता है, बल्कि यूटीआइ जैसे संक्रमणों से भी बचाता है। यह प्रेग्नेंसी में होने वाली आम समस्या है। इसके अलावा नारियल पानी या ऑरेंज जूस भी डिहाइड्रेशन और कई अन्य संक्रमणों से बचाने में सहायक होता है।
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- हेल्दी फैट्स से भरपूर मेवे प्रेग्नेंसी में जरूरी हैं। इनमें अनसैच्युरेटेड फैट्स होते हैं। यह एक ओर पेट भरे होने का एहसास कराते हैं, साथ ही शिशु के मस्तिष्क का विकास करने में भी सहायक हैं। मुठ्ठी भर मेवे रोज खाएं और जब भी क्रेविंग हो, बिस्किट-नमकीन के बजाय इसे खाएं।
- हरी पत्तेदार सब्जियों तो सभी के लिए जरूरी हैं। खासतौर पर पालक प्रेग्नेंसी में बहुत फायदेमंद है। यह फोलिक एसिड और फोलेट का महत्वपूर्ण स्रोत है। यह प्री-टर्म लेबर से रोकने के अलावा प्रीइक्लेंप्सिया से भी बचाव करता है। पालक में विटमिंस, मिनरल्स और कैल्शियम की भरपूर मात्रा होती है।
- यह न सिर्फ प्रोटीन का स्रोत है, बल्कि इसमें दूध से भी ज्य़ादा कैल्शियम होता है। यह संक्रमणों से बचाता है। अब तो मार्केट में विटमिन डी, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटमिन बी और जिंक युक्त दही मिलने लगा है। लेने से पहले लेबल जरूर चेक करें।
- मल्टीग्रेन आटा, ओटमील, ब्राउन राइस में फाइबर और अन्य पोषक तत्वों की प्रचुर मात्रा होती है। इसलिए प्रेग्नेंसी में इनका सेवन जरूर करें। साबुत अनाज में फोलिक एसिड और विटमिन बी, जिंक, आयन की प्रचुरता होती है।
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- राजमा, उड़द, काबुली चना और लाल मसूर दाल को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। ये फाइबर और प्रोटीन के पावरहाउस हैं, यानी प्रेग्नेंसी में परफेक्ट कॉम्बो। फाइबर पेट संबंधी परेशानियों से बचाता है, जबकि प्रोटीन से ऊर्जा प्राप्त होती है और यह पेट भरने का एहसास भी पैदा करता है। दालों में प्रोटीन, फाइबर, आयन, फोलेट, कैल्शियम, जिंक जैसे तत्व होते हैं।
- गर्भवती स्त्री की भोजन की थाली सतरंगी होनी चाहिए। भोजन के अलावा मौसमी फल भी जरूरी हैं। अलग-अलग रंग के फल पोषक तत्वों, विटमिंस, एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं। हरे, पीले, नारंगी, लाल, बैगनी रंग के फल व सब्ज़्िायों का नियमित सेवन करें। विटमिन सी युक्त नीबू, आंवले या संतरे का सेवन भी ज़्ारूर करें क्योंकि यह गर्भावस्था में त्वचा संबंधी परेशानियों को दूर करते हैं।
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