मौसम बदलते ही बीमारियां भी तेजी से पैर पसारने लगती हैं। ऐसे में स्वाइन फ्लू के मामलों ने एक बार फिर से लोगों को चिंता में डाल दिया है। पिछले कुछ समय से राजस्थान के कई इलाकों में स्वाइन फ्लू के मामले तेजी से बढ़े हैं। यह एक तरह का इंफेक्शन है, जो आमतौर पर छींकने, खांसते या फिर किसी बीमार व्यक्ति के संपर्क में आने से होती है। राजस्थान में पिछले एक महीने में स्वाइन फ्लू के साथ ही साथ लेप्टोपायरोसिस के भी 32 मामलों की पुष्टि की गई है।
एक महीने में मिले एक हजार मामले
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों की मानें तो राजस्थान में पिछले एक महीने में स्वाइन फ्लू के एक हजार से भी ज्यादा मामलों की पुष्टि की जा चुकी है। आंकड़ों की मानें तो श्रीगंगानगर में 21 और जयपुर में इसके 17 मामले देखे जा चुके हैं। राजस्थान के अलग-अलग जिलों में से अप्रैल माह में 1004 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। जयपुर में यह मामले पिछले 33 दिनों में 498 से बढ़कर 517 तक पहुंच गए हैं। वहीं, उदयपुर में ये मामले 121 से बढ़कर 135 तक पहुंच चुके हैं। हाल ही में असम में स्वाइन फ्लू के कारण एक बच्ची की मौत तक हो गई है।
स्वाइन फ्लू के लक्षण
- स्वाइन फ्लू यानि एचएनएनवन से संक्रमित होने पर शरीर में कई लक्षण दिख सकते हैं।
- स्वाइन फ्लू होने पर बुखार, नाक से पानी बहने के साथ ही खांसी आने जैसे लक्षण दिख सकते हैं।
- इस फ्लू से संक्रमित होने पर शरीर में दर्द होने के अलावां ठंड भी लगती है।
- ऐसी स्थिति में थकान होने के साथ ही सिर में दर्द भी हो सकता है।
स्वाइन फ्लू से बचने के तरीके
- स्वाइन फ्लू से बचने के लिए आपको संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
- इसके लिए अपने हाथों को साबुन से धोएं।
- अगर आप बीमार हैं तो ऐसे में घर से बाहर जाने से बचें।
- इससे बचने के लिए आपको आंख, नाक और मुंह पर हाथ लगाने से बचना चाहिए।