अधिकतर लोग मूली का सेवन सलाद के रूप में करते हैं। खासतौर पर सर्दियों के सीजन में इसकी खपत काफी ज्यादा होती है, क्योंकि यह आपको मार्केट में बहुत ही आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। स्वास्थ्य के लिए भी मूली काफी फायदेमंद होती है। इसमें विटामिन, खनिज, एंटीऑक्सिडेंट, फाइटोन्यूट्रिएंट्स इत्यादि पोषक तत्व भरपूर रूप से मौजूद होते हैं। यह स्वास्थ्य से लेकर स्किन की खूबसूरती को बढ़ाने में काफी फायदेमंद होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ज्यादा मात्रा में मूली के सेवन से आपकी सेहत को नुकसान हो सकता है? जी हां, मूली के सेवन से कुछ लोगों को नुकसान हो सकता है। साथ ही उनकी समस्याएं बढ़ सकती हैं। आज हम इस लेख में मूली कब नहीं खाना चाहिए और ज्यादा मात्रा में मूली खाने के नुकसान के बारे में जानेंगे।
ज्यादा मूली खाने के नुकसान / मूली कब नहीं खाना चाहिए? ( Side Effects Of Eating Too Many Radish )
1. हाइपरटेंशन का बन सकता है कारण
सीमित मात्रा में मूली का सेवन ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मददगार होता है। दरअसल, मूली में पोटेशियम की उपस्थिति होती है, जो रक्त वाहिकाओं को आराम देता है। इससे आपके शरीर में रक्त परिसंचरण में सुधार आता है। लेकिन अगर आप मूली का अत्यधिक मात्रा में सेवन करते हैं, तो यह आपके रक्तचाप को असामान्य रूप से निम्न स्तर पर ला सकता है और इससे हाइपोटेंशन या निम्न रक्तचाप की समस्या हो सकती है।
वहीं, अगर आप पहले से ही उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने वाली दवाओं का सेवन कर रहे हैं, तो मूली को अपने आहार में शामिल न करें। यह आपके रक्तचाप पर बुरा असर डाल सकता है।
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2. आयरन की अधिकता
मूली का नियमित रूप से सेवन एनीमिया के जोखिम को कम किया जा सकता है। यह एनिमिया के इलाज में प्रभावी माना जाता है। हालांकि, अगर आपके शरीर में आयरन की प्रचूर मात्रा है और आप फिर भी अधिक मात्रा में मूली का सेवन कर रहे हैं, तो यह आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। क्योंकि शरीर में आयरन की अधिकता से आपको कई तरह के नुकसान जैसे पेट में दर्द, दस्त, उल्टी, चक्कर आना, रक्त शर्करा के स्तर में कमी, लीवर को नुकसान, आंतरिक रक्तस्राव का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए ब्लड में आयरन की अधिकता होने पर मूली का सीमित मात्रा में करें।
3. हाइपोग्लाइसीमिया का कारण
जो व्यक्ति डायबिटीज की दवा ले रहे हैं, उन्हें भी मूली का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए। दरअसल, मूली लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स और उसमें मौजूद शुगर की मात्रा कम करने में आपकी मदद करता है। मूली का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है, जिसका अर्थ है कि यह रक्त में शर्करा को धीमी गति से छोड़ता है और इस प्रकार रक्त शर्करा के स्तर में अचानक वृद्धि को रोकता है।
ऐसे में अगर आप डायबिटीज की दवाओं के साथ-साथ मूली का सेवन करते हैं, तो आपके शरीर में शुगर की मात्रा काफी कम हो सकती है। जो हाइपोग्लाइसीमिया (Hypoglycemia) का कारक बन सकता है। अगर आप डायबिटीज दवाओं के साथ-साथ मूली खाना चाहते हैं, तो डॉक्टर या फिर अपने डायटीशियन से सलाह जरूर लें।
4. किडनी के लिए नुकसानदेह
मूली मूत्रवर्धक प्रकृति की होती है, जिसका अर्थ है कि यह हमारे शरीर में पेशाब के उत्पादन को बढ़ाती है। ऐसे में बार-बार पेशाब आने की समस्या हो सकती है। मूली का मूत्रवर्धक होना हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन अगर आप बहुत अधिक मात्रा में मूली खाते हैं, तो इससे आपके शरीर में अतिरिक्त पानी की कमी हो सकती है, जिसकी वजह से डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। शरीर से बहुत अधिक मात्रा में पानी निकलने से किडनी को नुकसान पहुंच सकता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए हमें मूली का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।
5. थायराइड रोगी
कच्ची मूली का सेवन थायराइड रोगियों के लिए लाभकारी नहीं माना जाता है। हालांकि, थायराइड की विभिन्न समस्याओं को दूर करने में मूली लाभकारी माना जाता है। लेकिन अगर आप कच्ची मूली का सेवन करते हैं, तो यह नुकसानदेय हो सकता है।
दरअसल, कच्ची मूली में गोइट्रोजन नामक यौगिक होता है, जो थायराइड हार्मोन में हस्तक्षेप कर सकता है और थायराइड ग्रंथि की खराबी का कारण बन सकता है। जब मूली पक जाती है, तो इसमें गोइट्रोजन का प्रभाव कम हो जाता है। इसलिए अगर आप थायराइड की समस्या से पीड़ित हैं, तो मूली को कच्चे रूप में नहीं बल्कि पके हुए रूप में खाएं। खासतौर पर सलाद का सेवन बिल्कुल भी न करें। आप मूली को उबालकर या फिर पराठे के रूप में कर सकते हैं। यह आपके लिए लाभकारी हो सकता है। लेकिन कच्ची मूली का सेवन बिल्कुल भी न करें।
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6. डिहाइड्रेशन की समस्या
मूली का सेवन करने से आपके शरीर में पानी की पूर्ति हो सकती है। हालांकि, अगर आप अधिक मात्रा में मूली का सेवन करते हैं, तो यह डिहाइड्रेशन का भी कारण बन सकता है। दरअसल, मूली में मूत्रवर्धक गुण होता है, जो आपको बार-बार पेशाब करने के लिए प्रेरित करते हैं। ऐसे में अगर आपके शरीर के काफी ज्यादा पानी निकल जाता है, तो आपको डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। इसलिए मूली का सेवन सीमित मात्रा में करें।
7. शरीर में फाइबर की अधिकता
मूली का नियमित रूप से सेवन हमारे पेट के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। यह आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मददगार होता है। इसमें भरपूर रूप से विटामिन, खनिज, फाइटोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं, तो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं। साथ ही यह फाइबर का भी अच्छा स्त्रोत होता है, जो मल त्याग में सुधार करता है। हालांकि, ध्यान रखें कि शरीर में फाइबर की अधिकता होना भी स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेय हो सकता है। बहुत अधिक फाइबक का सेवन करने से कब्ज, दस्त, आंतों की गैस, आंतों की रुकावट इत्यादि की समस्या हो सकती है।
मूली स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है। लेकिन ध्यान रखें कि अधिक मात्रा में मूली का सेवन नुकसानदेय हो सकता है। इसलिए सीमित मात्रा में ही मूली का सेवन करें। वहीं, कुछ गंभीर परिस्थिति में भी मूली के सेवन से बचें। अगर आप पहले से किसी समस्या से ग्रसित हैं, तो अपने डॉक्टर की सलाह पर ही मूली का सेवन करें।
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