Causes And Treatment Of Prostate Cyst: उम्र बढ़ने के साथ ही पुरुषों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में प्रोस्टेट की समस्या होना एक आम बात है। अधिक आयु के पुरुषों को प्रोस्टेट की समस्या हो सकती है। ऐसे में पुरुषों को प्रोस्टेट सिस्ट (Prostate Cyst) होने का खतरा भी रहता है। प्रोस्टेट संबंधी समस्या होने पर पुरुषों को पेशाब करते समय जलन, दर्द और कुछ मामलों में खून के थक्के दिखाई दे सकते हैं। इसके हल्के लक्षणों को व्यक्ति को खुलकर पेशाब नहीं आती है, साथ ही ब्लैडर खाली न होने के कारण उनको बार-बार पेशाब जाने की जरूरत हो सकती है। कई बार यह यूरिन और अंडकोष में इंफेक्शन का भी कारण बन सकता है। आगे ओपोलो अस्पताल के सीनियर यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर अजित सक्सेना से जानते हैं कि प्रोस्टेट सिस्ट क्या होता है और यह किन कारणों से होता है।
प्रोस्टेट सिस्ट के कारण - Causes Of Prostate Cyst In Hindi
- जन्म से समस्या होना: प्रोस्टेट सिस्ट की समस्या कुछ लोगों को जन्म से हो सकती है। इसका अर्थ है कि वे जन्म से ही मौजूद होते हैं। इसमें सिस्ट, जैसे कि म्यूलेरियन डक्ट सिस्ट (Müllerian duct cysts) और यूट्रिकल सिस्ट (utricle cysts), भ्रूण अवस्था में ग्रोथ के समय जुड़ी कुछ विसंगतियों के चलते हो सकते हैं। ये सिस्ट आम तौर पर प्रोस्टेट की मध्य रेखा के पास स्थित होते हैं।
- संक्रमण और सूजन: प्रोस्टेट ग्लैंड में संक्रमण, जिन्हें प्रोस्टेटाइटिस के रूप में जाना जाता है, सिस्ट होने का कारण बन सकते हैं। सूजन और संक्रमण प्रोस्टेट के भीतर नलिकाओं में रुकावट पैदा कर सकते हैं, जिससे लिक्विड इकट्ठा होता है और इससे बाद में सिस्ट का निर्माण होता है। बैक्टीरियल इंफेक्शन सिस्ट का आम कारण बनते हैं।
- बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (Benign Prostatic Hyperplasia-BPH): सौम्य प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया, अधिक उम्र के पुरुषों में एक आम स्थिति है, जिसमें प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ जाती है। यह बढ़ोतरी प्रोस्टेट के भीतर नलिकाओं को संकुचित और अवरुद्ध कर सकता है, जिससे सिस्ट का निर्माण होता है। BPH से संबंधित सिस्ट 50 से अधिक उम्र के पुरुषों में अधिक प्रचलित हैं और मूत्र संबंधी लक्षणों का कारण बन सकते हैं।
- नलिकाओं में रुकावट (Ductal Obstruction): प्रोस्टेट की नलिकाओं में संक्रमण, सूजन या अन्य कारकों के कारण लिक्विड इकट्ठा हो सकता है, जो आगे चलकर सिस्ट की वजह बन सकता है।
- चोट लगाना: पेल्विक एरिया या प्रोस्टेट में चोट लगने से भी सिस्ट बन सकता है। चोट से प्रोस्टेट के भीतर ब्लीडिंग या सूजन हो सकती है, जिसके चलते उपचार प्रक्रिया के दौरान सिस्ट का निर्माण हो सकता है।
प्रोस्टेट सिस्ट के लक्षण - Symptoms Of Prostate Cyst In Hindi
वैसे तो प्रोस्टेट सिस्ट में किसी तरह के लक्षण महसूस नहीं होते हैं। लेकिन, कई बार सिस्ट के आकार, स्थान और इंफेक्शन के आधार पर कई लक्षण पैदा कर सकते हैं।
- मूत्र संबंधी लक्षण: पेशाब करने में कठिनाई, पेशाब की कम धार, बार-बार पेशाब आना या मूत्राशय के पूरी तरह खाली न होने का एहसास।
- पेल्विक दर्द: पेट के निचले हिस्से, पेल्विक या पेरिनेल क्षेत्र में असुविधा या दर्द।
- यौन संबंधी समस्या: कुछ मामलों में, प्रोस्टेट सिस्ट यौन क्रिया को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे इरेक्टाइल संबंधी समस्या हो सकती है।
- संक्रमण: यदि सिस्ट संक्रमित हो जाता है, तो बार-बार यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन या प्रोस्टेटाइटिस हो सकता है।
प्रोस्टेट सिस्ट का उपचार - Treatment Of Prostate Cyst In Hindi
प्रोस्टेट सिस्ट का उपचार उनके आकार, लक्षणों और अंतर्निहित कारण पर निर्भर करता है।
- नियमित जांच करना: जब तक लक्षण बड़ी समस्या का कारण नहीं बनते हैं, तब तक उनकी नियमित जांच करानी चाहिए। यदि सिस्ट बढ़ने लगे तो आप इलाज शुरु कर सकते हैं।
- दवाएं: यदि सिस्ट इंफेक्शन या सूजन से जुड़ा है, तो ऐसे में डॉक्टर मरीज को एंटीबायोटिक्स या एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं दे सकते हैं। ये दवाएं लक्षणों को कम करने और आगे की जटिलताओं को रोकने में मदद कर सकती हैं।
- एस्पिरेशन और ड्रेनेज: सिस्ट एस्पिरेशन में सिस्ट से तरल पदार्थ निकालने के लिए सुई का उपयोग किया जा सकता है। यह प्रक्रिया लक्षणों से तत्काल राहत प्रदान कर सकती है, खासकर अगर सिस्ट की वजह से पेशाब होने में परेशानी हो रही हो।
- सर्जिकल इलाज: ऐसे मामलों में जहां सिस्ट बड़ा हो जाता है, वहां सर्जिकल इलाज की आवश्यक हो सकती है। सिस्ट को हटाने या निकालने के लिए ट्रांसयूरेथ्रल रिसेक्शन जैसी न्यूनतम इनवेसिव तकनीकों (कम चीरे वाली तकनीक) का उपयोग किया जा सकता है। जबकि, अधिक जटिल मामलों में, ओपन सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
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Prostate Cyst Causes And Treatment: प्रोस्टेट सिस्ट के हल्के मामलों को इलाज की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन, जब इसका आकार बढ़ने लगता है तो व्यक्ति को कुछ लक्षण महसूस हो सकते हैं। ऐसे में आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इसके बाद लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव की सलाह दी जा सकती है।