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मानसून में डायबिटीज रोगी पैरों की देखभाल के दौरान जरूर बरतें ये 5 सावधानियां, इंफेक्शन से होगा बचाव

Precautions For Diabetic Foot During Monsoon: मधुमेह के कारण मानसून में पैरों में इंफेक्शन हो सकता है। जानें बचाव के टिप्स। 
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मानसून में डायबिटीज रोगी पैरों की देखभाल के दौरान जरूर बरतें ये 5 सावधानियां, इंफेक्शन से होगा बचाव

Precautions For Diabetic Foot During Monsoon: डायबिटीज आजकल एक आम बीमारी बन गई है। डायबिटीज होने पर मरीज को अपनी सेहत के साथ-साथ पैरों की देखभाल करना भी बहुत जरूरी होता है। मानसून के मौसम में डायबिटीज रोगी के पैर में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। अत्यधिक बारिश, पानी और गंदगी के कारण, फंगस और अल्सर संक्रमण विकसित की संभावना बढ़ जाती हैं। ऐसे में पैरों की देखभाल करना मुश्किल हो जाता है। डायबिटीक रोगी इस मौसम में कोशिश करें कि बाहर जाने से बचें और पैरों को सूखा रखें। ऐसा करने से फंगल इंफेक्शन कम होगा। डायबिटीज रोगी को घाव होने पर जल्दी नहीं भरता है। ऐसे में घाव होने पर डॉक्टर को अवश्य दिखाएं। कई बार मरीज का  शुगर लेवल ज्यादा होने पर पैरों की नर्व को नुकसान पहुंचता है, जिससे ये हिस्सा सुन्न हो सकता है। इसे डायबिटिक न्यूरोपैथी के नाम से जाना जाता है। ऐसे में मानसून में पैरों में इंफेक्शन की संभावना भी काफी बढ़ जाती है। इस समस्या से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी की जरूरत होती है। इन सावधानियों की बारे में जानने के लिए हमने बात की शारदा क्लीनिक के फिजिशियन डॉक्टर केपी सरदाना।


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नंगे पैर न चलें

मानसून होने पर डायबिटीज रोगी को नंगे पैर चलने से बचना चाहिए। बारिश के मौसम मे कोशिश करें कि बंद जूतों को पहनें। गंदे पानी में जाने से बचना चाहिए क्योंकि कई बार गंदे पानी में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया पैरों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

पैरों की जांच करें

मानसून के मौसम में डायबिटीक पेशेंट को समय-समय पर पैरों की जांच करते रहना चाहिए क्योंकि पैरों पर होने वाली खरोंच या एड़ी का फटना पैरों के संक्रमण की शुरुआत हो सकती हैं। कोशिश करें कि स्किन को पोषण  देने के लिए पैरों और टाँगों को हर दिन मॉइस्चराइज करें। पैरों को ड्राई होने से बचाएं।

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पैरों को सूखा रखें 

मानसून में बारिश के पानी के कारण सतह काफी गीली रहती है। लेकिन इस मौसम में डायबिटीज पेशेंट को कोशिश करनी चाहिए के पैरों को सूखा रखें। क्योंकि कई बार नमी और गंदगी के कारण फंगल इंफेक्शन हो सकता है। पैरों को सूखा रखने के साथ मॉइस्चराइज भी रखें। बारिश में भीगकर आने के बाद पैरों को साफ पानी से धोना चाहिए और पूरी तरह पोंछकर सुखा लेना चाहिए।

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पैरों को फंगस से बचाए

बहुत से लोग नहाने के तुरंत बाद बंद जूते पहने हैं। इससे पैरों की उंगलियों के बीच नमी बनी रहने से फंगस पनपने की संभावना बढ़ जाती है। मानसून के दौरान डायबिटीक पेशंट को बंद जूते पहनने से पहले एंटीफंगल पाउडर लगाना चाहिए। ऐसा करने से फंगल इंफेक्शन से पैरों का बचाव होगा।

पैर के नाखूनों को काटें

मानसून में डायबिटीक पेशेंट को पैरों के फंगल इंफेक्शन से बचने के लिए नाखूनों को काट कर रखना चाहिए। लेकिन इस दौरान ध्यान रखें कि कोनों को बहुत अधिक नहीं काटें क्योंकि ऐसा करने से नाखूनों के साइड में कट लग सकता है और उनमें इंफेक्शन होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता हैं। 

मानसून में डायबिटीज रोगी इन तरीकों से पैरों की देखभाल कर सकते हैं। हालांकि, समस्या होने पर डॉक्टर की राय अवश्य लें।

All Image Credit- Freepik

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