स्वस्थ रहने के आयुर्वेदिक उपाय: बीमारियां दूर रखने के लिए डाइट में शामिल करें ये 5 आयुर्वेदिक चीजें

stay healthy: आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। इनको आहार में शामिल करके हम बीमारियों से मुक्त रह सकते हैं। जानें कैसे?
  • SHARE
  • FOLLOW
स्वस्थ रहने के आयुर्वेदिक उपाय: बीमारियां दूर रखने के लिए डाइट में शामिल करें ये 5 आयुर्वेदिक चीजें


ayurvedic herbs for health: आयुर्वेद एक पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धति है। इसका उद्देश्य मन, शरीर और आत्मा को संतुलन में रखकर बीमारी को रोकना होता है। हम भी खुद को स्वस्थ रखने के लिए कई उपाय आजमाते हैं, लेकिन फिर भी किसी न किसी छोटी-बड़ी बीमारी की चपेट में आ ही जाते हैं। ऐसे में आप अपने रोज के आहार में कुछ खास आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां (ayurvedic herbs) शामिल कर सकते हैं। इससे आप हमेशा स्वस्थ और बीमारियों से मुक्त रहेंगे। साथ दीर्घायु भी प्राप्त होगी। चलिए राम हंस चेरिटेबल हॉस्पिटल, सिरसा के आयुर्वेदाचार्य श्रेय शर्मा से जानते हैं स्वस्थ रहने के आयुर्वेदिक उपाय-

स्वस्थ रहने के आयुर्वेदिक उपाय (ayurvedic herbs for healthy life)

आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी-बूटियां हैं, जिनका उपयोग तरह-तरह की बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। साथ ही कुछ ऐसी जड़ी-बूटियां भी है, जो बीमारियों से हमारा बचाव करते हैं। इसलिए आपको अपने आहार में इन जड़ी-बूटियों को जरूर शामिल करना चाहिए।

ashw

1. अश्वगंधा (ashwagandha benefits )

अश्वगंधा आयुर्वेद में सबसे प्रचलित जड़ी-बूटियों में से एक है। अश्वगंधा का उपयोग कई सामान्य से लेकर गंभीर बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है। आयुर्वेद में अश्वगंधा पुरुषों के लिए एक बेहतरीन औषधि मानी जाती है। अश्वगंधा पुरुषों की छोटी-बड़ी कई समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है। अश्वगंधा के सेवन से तनाव कम होता है, अनिद्रा की समस्या दूर होती है। साथ ही यह मांसपेशियों के विकास में भी मदद करता है। अश्वगंधा का उपयोग प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने और सूजन को कम करने के लिए भी किया जा सकता है। आप अश्वगंधा का उपोयग कैप्सूल, पाउडर या काढ़े की रूप में कर सकते हैं।

इसे भी पढ़ें - शरीर में जमा गंदगी निकालने के लिए अपनाएं ये 5 आयुर्वेदिक उपाय, पेट और आंतों की अच्छे से होगी सफाई

2. ब्राह्मी (brahmi benefits)

ब्राह्मी के फायदे: आयुर्वेद में ब्राह्मी जड़ी-बूटी का उपयोग भी कई बीमारियों का इलाज करने के लिए किया जाता है। ब्राह्मी में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो वायरस और बैक्टीरिया या संक्रमण से हमारा बचाव करते हैं। ब्राह्मी अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (attention deficit hyperactivity disorder meaning in hindi) यानि ध्यान की कमी और अत्यधिक सक्रियता की बीमारी के लक्षणों को कम करने में सहायता करता है। इस बीमारी को ADHD कहा जाता है। ब्राह्मी में एडाप्टोजेनिक गुण (adaptogenic properties) होते हैं, जो तनाव और चिंता को दूर करने में मदद करते हैं। ब्राह्मी बालों की खुजली से भी छुटकारा दिलाता है

3. नद्यपान जड़ (licorice root in hindi)

नद्यपान जड़ आयुर्वेदिक चिकित्सा में एक केंद्रीय स्थान रखता है। इसका उपयोग कई रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है। नद्यपान सूजन को कम करने, वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करता है। इसके अलावा नद्यपान का उपयोग गले में खराश से राहत पाने के लिए भी किया जा सकता है। यह ओरल हेल्थ (oral health) के लिए एक बेहतरीन जड़ी बूटी है। इतना ही नहीं नद्यपान जड़ का उपयोग त्वचा से संबंधित बीमारियों (licorice root extract for skin) को भी दूर करने के लिए किया जाता है। यह लालिमा, खुजली और सूजन से राहत दिलाता है।

4. गोटू कोला (gotu kola in hindi)

गोटू कोला के फायदे: आयुर्वेद में गोटू कोला को दीर्घायु की जड़ी बूटी भी कहा जाता है। गोटू कोला एक लोकप्रिय आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, इसका उपयोग कई बीमारियों को ठीक (gotu kola benefits) करने के लिए किया जाता है। यह एक बेस्वाद, गंधहीन पौधे से बना है, जिसमें पंखे के आकार की हरी पत्तियां होती हैं। यह पौधा पानी और उसके आसपास उगता है। आयुर्वेद में गोटू कोला का उपयोग स्ट्रोक (stroke) के बाद लोगों की याददाश्त में सुधार करने के लिए किया जाता है। गोटू कोला स्ट्रेच मार्क्स (gotu kola for skin) को दूर करने में मदद करती है, वैरिकाज नसों को कम कर सकती है और घावों को तेजी से ठीक करने में मदद करती है। इतना ही नहीं गोटू कोला एक्जिमा और सोरायसिस के लक्षणों को भी कम करने में सहायक होती है। गोटू कोला जोड़ों के दर्द (gotu kola joint pain) से भी राहत दिलाती है।

इसे भी पढ़ें - बच्चों की भूख बढ़ाने के आयुर्वेदिक उपाय: ये 6 जड़ी-बूटियां बढ़ाएंगी आपके बच्चे की भूख, जानें उपयोग का तरीका

5. इलायची (cardamom in hindi)

cardamom  को हिंदी में इलायची (cardamom meaning in hindi) कहा जाता है। इलायची को मसालों की रानी भी कहते हैं। प्राचीन काल से ही आयुर्वेद में इलायची का उपयोग बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता रहा है। इलायची पेट के अल्सर और गैस्ट्रिक अल्सर के लक्षणों में भी कमी करता है। स्वस्थ रहने के लिए आप इलायची को अपने खाने में शामिल कर सकते हैं। इलायची में मौजूद तत्व आपको कई रोगों से बचाते हैं।

आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और मसालों (ayurvedic herbs for health) को आम तौर पर सुरक्षित माना जाता है। लेकिन फिर भी इनका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। साथ ही बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी का उपयोग नहीं करना चाहिए।

(main image source : longevitypharmacy.ca)

Read Next

शरीर में जमा गंदगी निकालने के लिए अपनाएं ये 5 आयुर्वेदिक उपाय, पेट और आंतों की अच्छे से होगी सफाई

Disclaimer