Powassan Virus in Hindi: अभी भी दुनिया कोरोना वायरस से पूरी तरह से उबर नहीं पाई है। इस बीच हमें नए-नए वायरस के बारे में सुनने को मिल रहा है। जीका और मंकीपॉक्स के बाद अब पॉवासन वायरस का नाम सामने आया है। यह एक दुर्लभ बीमारी है लेकिन इसका नाम नया नहीं है। इस वायरस के कुछ मामले हर साल दर्ज किए जाते हैं। लेकिन इस साल एक शख्स की मौत के बाद लोगों ने पॉवासन वायरस को गंभीरता से लिया। कनाडा और रूस में भी इस वायरस के मामले सामने आ चुके हैं। फिलहाल भारत में इस वायरस के किसी नए केस की खबर नहीं आई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस वायरस से सचेत रहने के लिए कहा है। सीडीसी (Centers for Disease Control and Prevention) की मानें, तो इस वायरस की चपेट में आने वाले 10 लोगों में से 1 की मौत हो जाती है। लंबे समय तक इस वायरस की चपेट में रहने से मसल्स लॉस, मेमोरी लॉस, तेज सिर दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। आगे जानेंगे पॉवासन वायरस के लक्षण, इलाज और बचाव के उपाय। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के एसजीपीजीआई (SGPGI) में हॉस्पिटल मैनेजमेंट के एचओडी डॉ राजेश हर्शवर्धन से बात की।
पॉवासन वायरस क्या है?- What is Powassan Virus
अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल प्रिवेंशन की मानें, तो पॉवासन वायरस (टिक-बोर्न वायरस) से फैलता है। जानवरों के शरीर पर मौजूद किलनी या छोटे कीड़ों को टिक कहते हैं। यह परजीवी कीड़े दूसरे पक्षियों और जानवरों के खून पर रहते हैं। जानवरों के संक्रमित होने से यह वायरस, इंसानों तक पहुंच जाता है। ये कीड़े हमारे शरीर के किसी भी भाग में चिपक सकते हैं जैसे बाजू, स्कैल्प या हाथ-पैर। यह वायरस एक इंसान से दूसरे में नहीं फैलता। ऐसा केवल ब्लड ट्रांसफ्यूजन की कंडीशन में हो सकता है। इसलिए इस वायरस की चपेट में आने वाले शख्स को ब्लड डोनेट करने की सलाह नहीं दी जाती।
पॉवासन वायरस से हो चुकी है एक शख्स मौत
पॉवासन वायरस (Powassan Virus in Hindi) को हल्के में लेना ठीक नहीं है। इसके काटने से यूएस के एक शख्स की मौत हो चुकी है। उसकी उम्र 58 साल थी। यह वायरस दिमाग पर हमला करती है। इस शख्स की भी न्यूरोलॉजिकल कंडीशन बिगड़ने पर उसे अस्पताल लाया गया था। वहां 2015 के बाद लगभग 15 केस आ चुके हैं। साल 2022 में 4 केस सामने आए थे।
पॉवासन वायरस के लक्षण- Powassan Virus Symptoms
- बुखार
- सिर दर्द
- उल्टी
- कमजोरी
- दिमाग में इन्फेक्शन
- ये लक्षण हफ्ते भर से लेकर महीने भर तक बने रह सकते हैं। कुछ गंभीर मामलों में बोलने में भी दिक्कत भी हो सकती है।
फिलहाल दवाई मौजूद नहीं है- How To Treat Powassan Virus
पॉवासन वायरस के लिए फिलहाल कोई दवा या वैक्सीन मौजूद नहीं है। एंटीबायोटिक खाने से यह बीमारी ठीक नहीं होती। इसलिए इससे बचाव ही इलाज है। ब्लड टेस्ट या स्पाइनल फ्लूड टेस्ट के जरिए इस वायरस के शरीर में मौजूद होने का पता लगाया जाता है। पॉवासन वायरस होने पर डॉक्टर आराम करने की सलाह देते हैं। जिन लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है, उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती किया जाता है। मरीज को पानी का सेवन करना चाहिए, ताकि वायरस जल्द से जल्द शरीर छोड़ दे। साथ ही मरीज को आराम करने की सलाह दी जाती है।
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कीड़े भगाने वाले स्प्रे का इस्तेमाल करें- Powassan Virus Prevention Tips
- पॉवासन वायरस जैसी अन्य बीमारी फैलाने वाले कीड़ों से बचने के लिए आपको घर में इन्सेक्ट स्प्रे का इस्तेमाल करना चाहिए। जहां भी कीड़े नजर आएं, वहां इसे स्प्रे कर दें। नीम और नीलगिरी के तेल को मिलाकर भी स्प्रे तैयार कर सकते हैं। तेल की तेज दुर्गंध से कीड़े नहीं आएंगे।
- पॉवासन वायरस से बचने के लिए जंगल और पेड़ वाली जगह पर जाने से बचें।
- बाहर जाने से पहले पूरी बाजू वाले कपड़े और फुल पैंट पहनें।
- आपके घर में पालतू जानवर हैं, तो उसकी साफ-सफाई का ख्याल रखें।
पॉवासन वायरस से बचने के लिए अपने आस-पास सफाई रखें और इसके लक्षण नजर आने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। इस जानकारी को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शेयर करें।