Post heart attack symptoms: हार्ट अटैक, एक जानलेवा बीमारी है जिससे बचना मुश्किल तो है लेकिन नामुमकिन नहीं। हार्ट अटैक जिन कारणों से होता है उसमें एक बड़ी वजह है खराब डाइट, लाइफस्टाइल और स्ट्रेस। यह तीनों मिलकर आपकी धमनियों को बीमार कर सकते हैं और इनके काम काज को प्रभावित कर सकते हैं। दरअसल, धमनियों में जमा फैट और कोलेस्ट्रॉल, ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करते हैं जिससे दिल पर अतिरिक्त प्रेशर पड़ता है। धमनियों में ब्लॉकेज होने की वजह से पहले तो हाई बीपी की समस्या होती है और इसके बाद दिल पर पड़ता यही प्रेशर एक दिन हार्ट अटैक की वजह बन जाता है। हालांकि, सही समय पर लक्षणों को पहनाकर इससे बचा जा सकता है। हार्ट अटैक के बाद भी व्यक्ति को मेडिकल ट्रीटमेंट मिल जाए तो वह जीवित रहते हैं और नॉर्मल लाइफ भी जी सकते हैं। लेकिन, दिल का दौरा पड़ने के बाद भी लोग कई प्रकार के लक्षण अपने शरीर में महसूस करते हैं। आइए, जानते हैं इस बारे में Dr. Gulshan Rohra Consultant Cardio-thoracic Surgeon Wokhardt Hospitals, Mumbai Central से।
हार्ट अटैक के बाद क्या लक्षण होते हैं-What Are the Symptoms After a Heart Attack?
Dr. Gulshan Rohra कहते हैं कि हार्ट अटैक से ठीक होने का मतलब यह नहीं है कि दिल पूरी तरह से ठीक हो गया है। कई मरीज घटना के बाद के दिनों, हफ्तों या महीनों में कई तरह के लक्षणों का अनुभव करते हैं। हार्ट अटैक के बाद के इन लक्षणों को पहचानना आगे की जटिलताओं को रोकने और उचित रिकवरी सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। जैसे कि
टॉप स्टोरीज़
1. सीने में तकलीफ-Chest discomfort
हार्ट अटैक के बाद भी सीने में जकड़न, दबाव या हल्का दर्द महसूस होना आम बात है। हालांकि यह अटैक के दौरान जितना तीव्र नहीं हो सकता है, लेकिन किसी भी बार-बार होने वाली तकलीफ को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए। यह अस्थिर एनजाइना या दिल की समस्याओं का संकेत हो सकता है। ऐसे में आपको डॉक्टर को बताना चाहिए कि हार्ट अटैक के बाद आपको यह लक्षण महसूस हो रहे हैं।
इसे भी पढ़ें: क्या लंबे समय तक एसिडिटी से कैंसर हो सकता है, जानें डॉक्टर से
2. थकान और कमजोरी-Fatigue and weakness
लगातार थकान सबसे आम लक्षणों में से एक है। हो सकता है कि दिल उतनी कुशलता से रक्त पंप न कर रहा हो, जिससे शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है और दैनिक कार्य अधिक थकाऊ लगते हैं। तो ऐसा हो सकता है कि हार्ट अटैक के बाद आपको कोई भी काम करने में थकान और ज्यादा कमजोरी महसूस हो। इससे आपकी प्रोडक्टिविटी भी लो हो सकती है। इसलिए आपको हार्ट अटैक के बाद भारी भरकम काम करने से या फिर वजन उठाने से बचना चाहिए।
3. सांस फूलना-Shortness of breath
हार्ट अटैक के बाद मरीजों द्वारा कम से कम मेहनत करने पर भी सांस फूलने लगती है। यह हृदय की क्षति या फेफड़ों में तरल पदार्थ के जमाव के कारण हो सकता है, जो हार्ट फेलियर के शुरुआती लक्षणों का संकेत देता है। इस स्थिति को बिलकुल भी हल्के में न लें। बल्कि, इस बारे में तुरंत अपने डॉक्टर को बताएं और फिर अपनी जांच करवाएं।
4. अनियमित दिल की धड़कन-Irregular heartbeat or palpitations
दिल का दौरा पड़ने के बाद मरीजों को धड़कनों में तेजी दिखाई दे सकती है। ये अतालताएं हानिरहित से लेकर जानलेवा तक हो सकती हैं, इसलिए लगातार होने वाले एपिसोड का मूल्यांकन किया जाना चाहिए। आपको लगातार अनियमित दिल की धड़कन पर नजर रखनी चाहिए और फिर अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
5. पैरों, टखनों या पेट में सूजन-Swelling in legs, ankles, or abdomen
पैरों, टखनों या पेट में सूजन, दिल का दौरा पड़ने के बाद आपको मरीज के शरीर में नजर आ सकते हैं। दरअसल, यह एडिमा यानी सूजन की समस्या है। एडिमा यह संकेत दे सकती है कि दिल रक्त को प्रभावी ढंग से पंप करने के लिए संघर्ष कर रहा है, जिससे वॉटर रिटेंशन होता है जो अक्सर दिल की विफलता के विकास का संकेत हो सकता है।
6. भावनात्मक परिवर्तन-Emotional changes
दिल का दौरा पड़ने के बाद अक्सर चिंता, अवसाद और मूड में उतार-चढ़ाव की सूचना मिलती है। मनोवैज्ञानिक प्रभाव शारीरिक प्रभाव जितना ही गंभीर हो सकता है, जिससे रिकवरी प्रभावित होती है। दरअसल, व्यक्ति दिल का दौरा पड़न के बाद अपनी जिंदगी को लेकर और आने वाले समय की प्लानिंग को लेकर ज्यादा सोचता है। उसे भविष्य की चिंताएं परेशान करती हैं। ऐसे में यह स्थिति इमोशनली परेशान कर सकती है।
इसे भी पढ़ें: क्या ज्यादा गुस्सा करने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है? डॉक्टर से जानें जवाब
7. चक्कर आना या बेहोशी-Dizziness or fainting
दिल का दौरा पड़ने के बाद आपको चक्कर आ सकते हैं या फिर आप बेहोश हो सकते हैं। यह मस्तिष्क में अपर्याप्त रक्त प्रवाह का संकेत हो सकता है और इसके लिए तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए। तो अगर आप इन लक्षणों को महसूस कर रहे हैं तो बिलकुल भी नजरअंदाज न करें। बल्कि, अपने डॉक्टर को दिखाएं।
कब मदद लें:
सीने में दर्द, सांस लेने में कठिनाई या बेहोशी जैसे लक्षणों की पुनरावृत्ति या बिगड़ने को चिकित्सा आपातकाल के रूप में माना जाना चाहिए। दिल का दौरा पड़ने के बाद जीवन को प्रबंधित करने के लिए निरंतर मेडिकल हेल्प लेना, जीवनशैली में बदलाव और हार्ट हेल्दी आदतों को फॉलो करना जरूरी है।
FAQ
हार्ट अटैक के मरीज को क्या नहीं खाना चाहिए?
हार्ट अटैक के बाद व्यक्ति को अपनी डाइट का खास ख्याल रखना चाहिए और उन फूड्स के सेवन से बचना चाहिए जिनमें लो डेंसिटी वाले लिपोप्रोटीन हो या फिर ट्रांस फैट की मात्रा ज्यादा हो। इसके अलावा हाई फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट्स के भी सेवन से बचें। इसके अलावा आप स्ट्रीट फूड्स को भी खाने से बचें। साथ ही तेल, मक्खन और भुनी चीजों के सेवन से बचें।हार्ट पेशेंट को कौन सी दाल खानी चाहिए?
हार्ट पेशेंट छोले, मसूर की दाल और मूंग की दाल का सेवन कर सकते हैं। यह दालें फाइबर, प्रोटीन और सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं जिनमें आयरन, पोटैशियम, मैग्नीशियम और जिंक होते हैं जो कि दिल के काम काज को तेज करने और फिर स्टैमिना बढ़ाने में मददगार है।हार्ट के लिए सबसे अच्छी एक्सरसाइज कौन सी है?
हार्ट को हेल्दी रखने के लिए आप इन एक्सरसाइज की मदद ले सकते हैं। जैसे कि जंपिंग जैक, दौड़ना, जॉगिंग करना और बर्पीज़ शामिल हैं। ये कार्डियो व्यायाम आपके हृदय के काम काज में मददगार हैं, जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों से बचाव होता है। तो दिल के मरीज एक्सरसाइज जरूर करें।