
उम्र बढ़ने के साथ ही लोगों को एक नया दांत आता है। इसे अक्ल दाढ़ (Wisdom Tooth) के नाम से जाना जाता है। इस दौरान कई बार कुछ लोगों को समझ ही नहीं आता है कि उनके दांत दर्द होने की वजह क्या है। जबकि, कुछ नए दांत के निकलने से घबरा जाते हैं। लेकिन, यह एक सामान्य प्रक्रिया है, किशोरावस्था पार करने के बाद यह दांत निकलता है। लेकिन, कुछ लोगों को यह 30 से 35 की आयु के बीच में यह निकलता है। हर व्यक्ति में यह समय अलग-अलग हो सकता है। अक्ल दाढ़ के निकलते समय लोगों को जबड़े में तेज दर्द सहना पड़ता है। वहीं, कुछ लोगों को इससे इंफेक्शन और जबड़े से जुड़ी समस्या का खतरा अधिक होता है। ऐसे में इस लेख में जानते हैं कि क्या दर्द से बचने के लिए अक्ल दाढ़ को निकालवाना चाहिए?
अक्ल दाढ़ निकलवाने से क्या फायेद हो सकते हैं?
डेंटल और ऑर्थोडोंटिक क्लीनिक के डेंटिस्ट डॉक्टर नवीन कुमार के अनुसार हर व्यक्ति को अक्ल दाढ़ निकलवाने की जरूरत नहीं होती है। कुछ दवाओं से दर्द को कम किया जा सकता है। लेकिन, यदि अक्ल दाढ़ की वजह से इंफेक्शन या भविष्य में जबड़े से जुड़ी समस्या का खतरा होता है तो डॉक्टर इसे निकलवाने की सलाह दे सकते हैं। आगे जानते हैं इसे निकलवाने के फायदे
दर्द से राहत
अक्ल दाढ़ जब आती है तो यह दर्द का कारण बनती है। इसके अलावा यह बाद में भी दर्द का कारण बन सकती है। कुछ लोगों को दांत निकलने के बाद मसूड़ों में दर्द आदि की समस्या होती है। ऐसे में दांत निकलावने से दर्द से बचा जा सकता है।
इंफेक्शन से बचाव करें
अक्ल दाढ़ आने पर मुंह में बैक्टीरिया या इंफेक्शन होने का जोखिम अधिक रहता है। लेकिन, जब आप इसको निकलवा लेते हैं, तो आपको इंफेक्शन की संभावना कम होती है। अक्ल दाढ़ छोटी होती है, इसमें भोजन के कण फंस सकते हैं। ऐसे में बैक्टीरिया पनप कर मसूड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
एलाइनमेंट खराब होना
अक्ल दाढ़ आपके दांतों के एलाइनमेंट को खराब कर सकते हैं। खासकर अगर जबड़े में उनके ठीक से बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह न हो, तो इससे दांंत टेढ़े मेढ़े हो सकते हैं।
सिस्ट और ट्यूमर का जोखिम कम करें
कुछ मामलों में, प्रभावित अक्ल दाढ़ सिस्ट या ट्यूमर का कारण बन सकती है। यह जबड़े की हड्डी और आसपास के टिश्यू को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। सिस्ट होने पर तेज दर्द होता है। अगर इसका इलाज न किया जाए तो सर्जरी की आवश्यकता होती है।
ओरल हाइजिन
मुंह के पीछे स्थित अक्ल दाढ़ को ठीक से साफ करना चुनौतीपूर्ण होता है, ऐसे में ओरल हाइजीन मेंटेन करने में परेशानी होती है। इससे कैविटी और मसूड़ों की बीमारी का जोखिम बढ़ सकता है।
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अक्ल दाढ़ आते समय जबड़े और मसूड़ों में दर्द हो सकता है। कई बार यह दर्द इतना तेज होता है कि खाने को चबा पाने में परेशानी होती है। साथ ही, कुछ लोगों को इंफेक्शन का खतरा रहता है। ऐसे में डॉक्टर मरीज की मौजूदा स्थिति के आधार पर यह तय करते हैं कि अकल दाढ़ निकलवानी है या नहीं।
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