दुनियाभर में कोरोना वायरस का प्रकोप काफी तेजी से फैलता जा रहा है, कई देशों के वैज्ञानिक कोविड-19 (covid-19) से लड़ने के लिए इसकी वैक्सीन तलाश रहे हैं। इस महामारी के बीच ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक नया आविष्कार किया है। शोधकर्ताओं ने एक ऐसा स्कैनर तैयार किया है जो कोविड-19 के मरीजों के फेफडो़ं का हाल बताएगा। पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड स्कैनर की मदद से कोरोनावायरस के मरीजों के इलाज में काफी मदद भी मिल सकेगी।
ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी में तैयार किया गया पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड स्कैनर किसी भी मरीज के फेफड़ों की जानकारी काफी आसानी से देता है और इसे कहीं भी काफी आराम से ले जाया जा सकता है। शोधकर्ताओं का दावा है कि लैब में होने वाली जांच के मुकाबले ये स्कैनर काफी जल्दी नतीजे बताता है और मरीजों के इलाज में मिलेगी काफी मदद मिलेगी।
क्या है पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड स्कैनर (What Is Portable Ultrasound Scanner In Hindi)
शोधकर्ताओं का कहना है कि कई मामलों में ये बात देखी गई है कि कोरोनावायरस (Corona virus) से पीड़ित लोगों के फेफड़ें काफी तेजी से खराब होते हैं और उनकी इस कारण मौत भी हो जाती है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि फेफड़ों की तुरंत जांच की जाए और फेफड़ों के हाल का तुंरत पता कर उसे सही इलाज दिया जाए। आपको बता दें कि शोधकर्ताओं का दावा है कि इस स्कैनर की मदद से कोई भी कम अनुभव वाला डॉक्टर इसके नतीजे एक दम सही बता सकता है।
इसे भी पढ़ें: स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन का दावा, 'भारत में सामने आ रहे कोरोना वायरस के 80 फीसदी मामले बिना लक्षणों के'
आसान है स्कैनर का इस्तेमाल
इस स्कैनर को तैयार करने वाले शोधकर्ताओं का कहना है कि जरूरी नहीं इस पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड स्कैनर का इस्तेमाल सिर्फ विशेषज्ञ ही कर सकते हैं, बल्कि इसे कम अनुभव वाले डॉक्टर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ ही शोधकर्ताओं का कहना है कि ये स्कैनर इतना सटीक नतीजा बताता है कि कोई भी डॉक्टर इसे आसानी से समझ सकेगा। जानकारी के मुताबिक, शोधकर्ताओं की टीम जल्द ही फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों से संबंधित कनाडा की पहली अल्ट्रासाउंड लाइब्रेरी भी तैयार करेगी।
कनाडा के वैंकूवर शहर पर हो रही है रिसर्च
जानकारी के मुताबिक, कनाडा के वैंकूवर शहर में इस स्कैनर की मदद से रिसर्च की जा रही है। वहीं, ग्रामीण इलाकों में फैमिली डॉक्टरों और मेडिकल यूनिट को 50 स्कैनर दिए गए हैं जिससे कि ग्रामीण इलाकों में भी कोरोना मरीजों का इलाज एक बेहतर तरीके से हो सके।
टीम में मौजूद थे ये लोग
ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी में इस स्कैनर को तैयार करने वाले टीम में कई बड़े वैज्ञानिक शामिल है, इसे तैयार करने वाली टीम में सैंट पॉल्स हॉस्पिटल के इमरजेंसी फिजिशियन डॉ. ओरॉन फ्रेंकेल, ब्रिटिश कोलम्बिया यूनिवर्सिटी की विशेषज्ञ डॉ. टेरेसा सैंग, वैंकूवर जनरल हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. पुरैंग एबॉलमैसुमी और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर रॉबर्ट रोलिंग शामिल हैं। इस नई तकनीकी को कई दूसरे वैज्ञानिक अच्छा और फायदेमंद स्कैनर बता रहे हैं।