
जाने अंजाने में हमारे द्वारा खाने, हवा या फिर ड्रिंक्स आदि पीने के जरिए कई बार शरीर तक केमिकल्स प्रवेश कर जाते हैं, जिसका पता कुछ समय बाद लगता है। ऐसी स्थिति कई बार गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर या फिर मेंटल हेल्थ में होने वाली गड़बड़ी का कारण भी बन सकती है। हाल ही में जामा साइकेट्री जर्नल (JAMA Psychiatry journal) में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक प्लास्टिक में पाए जाने वाले कैमिकल्स महिलाओं में पोस्टपार्टम डिप्रेशन का कारण बन सकते हैं।
क्या कहती है स्टडी?
शोधकर्ताओं की मानें तो जाने अंजाने में प्लास्टिक के संपर्क में आने से महिलाओं में पोस्टपार्टम डिप्रेशन का खतरा बढ़ रहा है। प्लास्टिक में कुछ हानिकारक केमिकल्स मौजूद होते हैं, जो शरीर में प्रवेश कर इसके खतरे को बढ़ा सकता है। दरअसल, हम प्लास्टिक के ग्लास में पानी पीने, प्लास्टिक की प्लेट में खाने खाने के दौरान भी कई केमिकल्स के संपर्क में आते हैं, जो मुंह के रास्ते शरीर तक पहुंचकर स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट्स ऑफ हेल्थ, एनवायरमें इंफ्लुएंसिस ऑन चाइल्ड हेल्थ आउटकम्स द्वारा फेनॉल्स, पथालेट्स, पैराबीन्स नामक केमिकल्स पर रिसर्च की गई। जिसमें यह साबित हुआ कि इन केमिकल्स के संपर्क में आने से स्ट्रेस या फिर पोस्टपार्टम डिप्रेशन का खतरा बढ़ सकता है।
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यह भी हो सकती हैं समस्याएं
- प्लास्टिक में मिलने वाले केमिकल्स के संपर्क में आने से हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी समस्या भी हो सकती है।
- इससे आपको मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं।
- प्लास्टिक के संपर्क में आने से फर्टिलिटी पर प्रभाव पड़ने के साथ ही कई बार कैंसर का जोखिम भी बढ़ सकता है।
- कई बार प्लास्टिक की बोतल में खाना खाने से अस्थमा की भी समस्या हो सकती है। ऐसे में सांस की नली में सूजन आ सकती है।
पोस्टपार्टम डिप्रेशन से बचने के तरीके
- पोस्टपार्टम डिप्रेशन से बचने के लिए हेल्दी डाइट फॉलो करें। इसके लिए आप फाइबर, कैल्शियम और प्रोटीन आदि को शामिल कर सकते हैं।
- इसके लिए आप शिशु की सारी जिम्मेदारियां खुद पर नहीं लेते हुए लोगों की मदद भी ले सकते हैं।
- ऐसे में वॉकिंग करने के साथ ही आप लो इंटेंसिटी वर्कआउट भी कर सकती हैं।
- इससे बचने के लिए शरीर को भरपूर आराम दें साथ ही पर्याप्त नींद भी लें।
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