आयुर्वेद के मुताबिक पत्थरचट्टा (Patharchatta) बहुत कारगर औषधि है जिसका इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज में किया जा सकता है। पत्थरचट्टा जिसे अंग्रेजी में कलानचो पिनाटा (Kalanchoe Pinnata) कहते हैं तमाम औषधीय गुणों से युक्त होता है। पत्थरचट्टा का इस्तेमाल लोग प्राचीन काल से ही तमाम बीमारियों के इलाज में करते आ रहे हैं। किडनी और पेशाब से जुड़ी बीमारियों और समस्याओं में पत्थरचट्टा का इस्तेमाल रामबाण माना जाता है। आयुर्वेद के मुताबिक पेशाब और किडनी से जुड़ी बीमारियों को जड़ से दूर करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। पथरी जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में पत्थरचट्टा का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन इसके अलावा यह कई अन्य मूत्र विकारों में भी फायदेमंद होता है। शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी पत्थरचट्टा का इस्तेमाल खूब किया जाता है। आयुर्वेद में पत्थरचट्टा को भष्मपथरी, पाषाणभेद और पणफुट्टी जैसे नामों से जाना जाता है। आइये जानते हैं पत्थरचट्टा के इस्तेमाल से पेशाब से जुड़े रोगों में होने वाले फायदे और इस्तेमाल के तरीके के बारे में।
पेशाब से जुड़े इन रोगों में बहुत फायदेमंद है पत्थरचट्टा का इस्तेमाल (Patharchatta Benefits for Urinary Problems)
पत्थरचट्टा भारत में होने वाला एक बारहमासी पौधा है जो देश के लगभग सभी क्षेत्रों में पाया जाता है। इस पौधे के डंठल खोखले होते हैं और पौधे के डंठल लाल रंग के होते हैं। इसकी पत्तियों का रंग गहरा हरा होता है और ये थोड़ी मोटी होती हैं। पत्थरचट्टा की पत्तियों का इस्तेमाल तमाम बीमारियों के इलाज में किया जाता है। मूत्र विकार और किडनी से जुड़ी बीमारियों में पत्थरचट्टा का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद माना जाता है। आइये जानते हैं इसके बारे में।
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1. पेशाब में जलन की समस्या में पत्थरचट्टा का इस्तेमाल
पेशाब में जलन की समस्या में पत्थरचट्टा का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है। पेशाब से जुड़ी समस्याओं में पत्थरचट्टा का इस्तेमाल बहुत दिनों से किया जा रहा है। रोजाना सुबह पत्थरचट्टा के पत्तों का काढ़ा पीने से पेशाब में जलन की समस्या से निजात मिलती है। आप पत्थरचट्टा के पत्तों का काढ़ा बनाने के लिए इसके कुछ पत्तों को लेकर इसे साफ कर लें और फिर इसे एक गिलास पानी में डालकर अच्छी तरह उबालें। उबालने के बाद इस काढ़े को छानकर रोजाना सुबह इसका सेवन करें।
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2. यूरिन इंफेक्शन में पत्थरचट्टा का इस्तेमाल
पुरुषों में यूरिन इंफेक्शन की समस्या होने पर पत्थरचट्टा का इस्तेमाल आयुर्वेद में हजारों सालों से किया जा रहा है। आयुर्वेद के मुताबिक पत्थरचट्टा के पत्तों का इस्तेमाल करने से पेशाब में इंफेक्शन की समस्या को हमेशा के लिए दूर किया जा सकता है। पुरुषों में यूरिन इंफेक्शन होने के कई कारण होते हैं। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप पत्थरचट्टा की पत्तियों का रस रोजाना सुबह के समय पिएं। ऐसा कुछ दिनों तक नियमित रूप से करने से इस समस्या से छुटकारा मिलता है।
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3. यूटीआई की समस्या में पत्थरचट्टा का इस्तेमाल
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन यूरिनरी सिस्टम में होने वाले इंफेक्शन को कहा जाता है। यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन या यूटीआई की समस्या महिलाओं में ज्यादा होती है। यूटीआई की समस्या में पत्थरचट्टा का इस्तेमाल आयुर्वेदिक तरीके से करने पर फायदा मिलता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए आप रोजाना सुबह पत्थरचट्टा की पत्तियों का रस या इनका काढ़ा पी सकते हैं। पत्थरचट्टा की तीन से चार ताजा पत्तियों को लेकर एक गिलास पानी में उबालने के बाद जब पानी आधा रह जाए तो इसे उतार लें और फिर हल्का गुनगुना रहने पर इसका सेवन करें। रोजाना सुबह इसका सेवन करने से यूटीआई की समस्या खत्म हो जाती है।
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4. वेजाइनल इंफेक्शन में पत्थरचट्टा का इस्तेमाल
रक्तस्राव के कारण महिलाओं को वेजाइनल इंफेक्शन की समस्या का सामना करना पड़ता है। वेजाइना में इंफेक्शन होने पर प्राइवेट पार्ट में खुजली और जलन की समस्या होती है। इस समस्या में पत्थरचट्टा का इस्तेमाल रामबाण माना जाता है। वेजाइनल इंफेक्शन की समस्या में आप पत्थरचट्टा की पत्तियों का काढ़ा बनाकर पी सकती हैं। इसके काढ़ा का नियमित रूप से कुछ दिनों के लिए सेवन करने से इस समस्या से निजात मिलती है। आप पत्थरचट्टा के काढ़े में शहद मिलाकर भी इसका सेवन कर सकती हैं।
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5. पेशाब का रुक-रुककर आने की समस्या में पत्थरचट्टा का इस्तेमाल
पेशाब से जुड़ी सभी समस्याओं में पत्थरचट्टा का इस्तेमाल रामबाण होता है। कुछ लोगों को पेशाब रुक-रुककर आने की समस्या का सामना करना पड़ता है। इस परेशानी को दूर करने के लिए आप पत्थरचट्टा के रस का इस्तेमाल कर सकते हैं। पेशाब रुक-रुककर आने की समस्या में पत्थरचट्टा की पत्तियों का रस बहुत फायदेमंद माना जाता है। आप रोजाना सुबह पत्थरचट्टा की पत्तियों का रस का शहद के साथ मिलकर सेवन करें। नियमित रूप से ऐसा करने पर पेशाब रक-रुककर आने की समस्या दूर होती है।
6. योनिस्राव की समस्या में पत्थरचट्टा का इस्तेमाल
कुछ महिलाओं को लगातार योनिस्राव की समस्या होती है। यह समस्या कई कारणों से हो सकती है। योनिस्राव की समस्या में आप पत्थरचट्टा का इस्तेमाल कर सकती हैं। इस समस्या में योनि से तरल पदार्थों का डिस्चार्ज होना जारी रहता है। इसकी वजह से वेजाइनल इंफेक्शन की भी समस्या हो सकती है। योनिस्राव की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप पत्थरचट्टा का काढ़ा बनाकर इसे कुछ देर ठंढा होने के लिए रख दें। इस काढ़े में शहद मिलाकर इसका सेवन करने से योनिस्राव की समस्या से निजात मिलती है।
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इसके अलावा सेहत और शरीर से जुड़ी तमाम अन्य समस्याओं में भी पत्थरचट्टा का इस्तेमाल करने से फायदा मिलता है। पत्थरचट्टा को आयुर्वेद में काफी सालों से बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। पत्थरचट्टा का पौधा आप अपने गहर में भी लगा सकते हैं। पेशाब से जुड़ी बीमारियों के अलावा पत्थरचट्टा का इस्तेमाल हाई ब्लड प्रेशर, किडनी की पथरी और शरीर का घाव भरने के लिए भी कर सकते हैं। पत्थरचट्टा का काढ़ा पीने से आपके शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ भी बाहर निकल जाते हैं। पत्थरचट्टा को मूत्रवर्धक भी माना जाता है। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे और लोगों तक जरूर पहुंचाएं। पत्थरचट्टा का इस्तेमाल किसी भी समस्या में करने से पहले किसी वैद्य या आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर लें। याद रखें गलत तरीके से किसी भी चीज का इस्तेमाल फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकता है।
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