
जैसे-जैसे इंसान की उम्र बढ़ती है वैसे ही उसके शरीर में बीमारियों और समस्याओं का बढ़ना भी शुरू हो जाता है। बढ़ती उम्र की बीमारियों से बचाव के लिए आप स्वस्थ और संतुलित खानपान के साथ स्वस्थ जीवनशैली को अपना सकते हैं। स्वस्थ और संतुलित खानपान और नियमित रूप से योग या एक्सरसाइज का अभ्यास करने से आप कई बीमारियों से बच सकते हैं। उम्र बढ़ने के साथ-साथ शरीर की हड्डियां भी कमजोर होने लगती हैं। बुढ़ापे में रीढ़ की हड्डी से जुड़ी कई समस्याएं जन्म लेने लगती हैं। उन्हीं में से एक है रीढ़ की हड्डी में गैप का बढ़ना, इस समस्या को अंग्रेजी में स्पोंडिलोसिस (Spondylosis or Spinal Cord Gaps) कहा जाता है। शुरुआत में इस समस्या की वजह से इंसान को रीढ़ की हड्डी में सामान्य दर्द महसूस होता है लेकिन जब यह समस्या बढ़ जाती है तो कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। रीढ़ की हड्डी में गैप के बढ़ने की समस्या का सटीक और कारगर इलाज अभी तक नहीं मिला है लेकिन आयुर्वेद में इस समस्या का समाधान (Ayurvedic Treatment for Spondylosis) बताया जाता है। कुछ आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के इस्तेमाल से आप इस समस्या से निजात पा सकते हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में।
रीढ़ की हड्डी में गैप (स्पोंडिलोसिस) की समस्या के कारण (Causes of Spondylosis)
(Image Source - Freepik.com)
शरीर की संरचना में रीढ़ की हड्डी का सबसे अहम योगदान होता है। रीढ़ की हड्डियों पर शरीर का सबसे ज्यादा भार भी होता है। रीढ़ की हड्डी 24 हड्डियों की एक संरचना है जिसे कशेरुक के नाम से जाना जाता है। सभी कशेरुकाओं के बीच में मौजूद जोड़ रीढ़ को लचीला बनाते हैं। इनमें न्यूक्लियस पल्पोसस के आसपास कार्टिलेज एंडप्लेट्स और एक सख्त बाहरी, एनलस फाइब्रोसस, एक आंतरिक कोर मौजूद होते हैं। इन्हीं अंगों में दिक्कतों की वजह से रीढ़ की 24 हड्डियों के बीच गैप बढ़ने लगता है। मुख्यतः रीढ़ की हड्डियों में गैप बढ़ने के ये कारण होते हैं।
- इंटरवर्टेब्रल डिस्क के सूख जाने पर।
- वर्टेब्रल कम्प्रेशन फ्रैक्चर होने की वजह से।
- ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या के कारण।
- कार्टिलेज के क्षरण होने की वजह से।
- खानपान और असंतुलित जीवनशैली की वजह से।
- आनुवंशिक कारणों से।
- मोटापा की समस्या में।
- स्पाइनल सर्जरी कराने के बाद।

रीढ़ की हड्डी में गैप (स्पोंडिलोसिस) की समस्या के लक्षण (Spondylosis Symptoms)
स्पोंडिलोसिस की समस्या में अधिकांश लोगों में कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। वहीं कुछ लोगों को रीढ़ की हड्डी में गैप की समस्या में सामान्य लक्षण दिखते हैं लेकिन कुछ दिनों के बाद खुद बी खुद खत्म हो जाते हैं। सामान्य रूप से रीढ़ में अकड़न और हल्का दर्द ही इस समस्या का प्रमुख लक्षण माना जाता है। इसके अलावा इस समस्या में दिखने वाले कुछ लक्षण इस प्रकार हैं।
- रीढ़ की हड्डी को हिलाने पर फटने जैसा महसूस होना।
- मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन।
- हाथ और पैर में कमजोरी आना।
- चलने में दिक्कत और शरीर का संतुलन न बनना।
- लगातार सिरदर्द।
रीढ़ की हड्डी में गैप (स्पोंडिलोसिस) की समस्या का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic Treatment for Spondylosis or Spinal Cord Gaps)
आयुर्वेद में शरीर से जुड़ी तमाम समस्याओं के इलाज के बारे में बताया गया है। प्राचीन काल से ही लोग आयुर्वेद के सहारे कई समस्याओं का इलाज भी करते आ रहे हैं। रीढ़ की हड्डी में गैप यानी स्पोंडिलोसिस की समस्या का भी आयुर्वेदिक तरीकों से इलाज कर सकते हैं। आइये जानते हैं उन आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के इस्तेमाल के बारे में जो स्पोंडिलोसिस की समस्या में फायदेमंद मानी जाती हैं।
1. तिल के तेल और घी का पाक बनाकर इसमें सेंधा नमक मिला लें। अब इस पाक का लेप स्पोंडिलोसिस पर करें। ऐसा लगभग 15 दिन तक करने से मरीज को दर्द और बैठने की समस्या से छुटकारा मिलता है।
2. लाख और अर्जुन के पेड़ की छाल का इस्तेमाल कर इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। रीढ़ की हड्डी में गैप को भरने के लिए लाख में अर्जुन के पेड़ की छाल का चूर्ण बनाकर मिला लें। इसका सेवन लगातार कुछ दिनों के लिए करने से इस समस्या में फायदा मिलता है।
(Image Source - Freepik.com)
इसे भी पढ़ें : मांसपेशियों का दर्द (मसल पेन) दूर करने के लिए इन 5 तेलों से करें मसाज
3. शहद में लहसुन का पेस्ट मिलकर रोजाना सेवन करने से इस समस्या में फायदा मिलता है। आप इस समस्या से राहत पाने के लिए एक चम्मच शहद में लहसुन की दो कलियों का पेस्ट मिलाकर खाएं। ऐसा कुछ दिनों तक करने से रीढ़ की हड्डी से जुड़ी परेशानी दूर होती है।
4. एरंड या अरंडी के गुनगुने तेल से नियमित मालिश करने से रीढ़ की हड्डी में गैप या स्पोंडिलोसिस की समस्या में बहुत फायदा मिलता है।
इसे भी पढ़ें : कमर दर्द, योनि में दर्द, कब्ज जैसी इन 5 समस्याओं में फायदेमंद है 'रास्ना' औषधि, जानें प्रयोग का तरीका
ऊपर बताये गए सभी आयुर्वेदिक उपाय हड्डियों से जुड़ी समस्याओं में भी फायदेमंद माने जाते हैं। रीढ़ की हड्डी में गैप या स्पोंडिलोसिस की समस्या बढ़ती उम्र के साथ कुछ परिस्थितियों के कारण होती है। इस समस्या से बचाव के लिए उचित खानपान और नियमित रूप से व्यायाम या योग का अभ्यास करना फायदेमंद होता है। इन आयुर्वेदिक उपायों का इस्तेमाल करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
(Main Image Source - Freepik.com)
Read More Articles on Ayurveda in Hindi