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पार्श्व सुखासन करने से शरीर को मिलते हैं ये 5 फायदे, जानें इसे करने का सही तरीका

योग आपके तनाव को दूर करता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। आगे जानते हैं पार्श्व सुखासन के क्या फायदे होते हैं?  
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पार्श्व सुखासन करने से शरीर को मिलते हैं ये 5 फायदे, जानें इसे करने का सही तरीका


सेहतमंद रहने के लिए आपको योग करने की सलाह दी जाती है। मानसिक रोग और आलस को दूर करने के लिए आप अपनी लाइफस्टाइल में योग और एक्सरसाइज को शामिल कर सकते हैं। योग से आप ब्लड सर्कुलेशन और स्ट्रेस को आसानी से दूर कर सकते हैं। कई बार बुजुर्ग और अन्य बीमारी से पीड़ित रोगियों को खड़े होकर योग करने में परेशानी होती है। ऐसे में आप पार्श्व सुखासन कर सकते हैं। इस आसन को आप बैठकर कर सकते हैं। इस आसन से शरीर का लचीलापन बढ़ता है। साथ ही, फेफड़ों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है। इस लेख में योग एक्सपर्ट ऋपसी सिंह से जानते हैं कि पार्श्व सुखासन के क्या फायदे होते है और इसे कैसे किया जाता है। 

पार्श्व सुखासन के फायदे और तरीका - Parsva Sukhasana Benefits In Hindi 

फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है 

पार्श्व सुखासन करने से फेफड़ों की क्षमता बेहतर होती है। साथ ही, फेफड़ों की मांसपेशियों में लचीलापन आता है। यह योग आसन रेस्पिरेटरी टैक्ट की समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। साथ ही, ऑक्सीजन लेवल को मजबूत बनाता है।

 Parsva-Sukhasana-Benefits

लचीलेपन को बढ़ाएं 

पार्श्व सुखासन शरीर के ऊपरी हिस्से के लचीलेपन को बेहतर करने में मदद करता है। यह आपकी पसलियों और कमर की चर्बी को दूर करने में सहायक होता है। इससे आपके शरीर की अकड़न दूर होती है। 

पोश्चर में सुधार करें 

लंबे समय तक बैठने से आपकी कमर और रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याएं हो सकती है। ऐसे में आप अपने पोश्चर को ठीक करने के लिए पार्श्व सुखासन का अभ्यास कर सकते हैं। इससे रीढ़ की हड्डी और कमर का दर्द दूर होता है। 

पाचन स्वास्थ्य को करें बेहतर 

इस आसन को करने से आपके पेट की मांसपेशियां पर मजबूत होती है। साथ ही, आपको गट हेल्थ से जुड़ी समस्याओं में आराम मिलता है। इस आसन को करने से आपकी कब्ज, पेट फूलना और अपच जैसी समस्याएं दूर होती हैं। 

तनाव को कम करें 

पार्श्व सुखासन को करने से आपका स्ट्रेस दूर होता है। साथ ही, आपका ब्लड सर्कुलेशन दूर होता है। इससे मांसपेशियों को तनाव कम होता है। इसके अलावा, नर्वस सिस्टम पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव कम होते हैं। इस आसन से स्ट्रेस और तनाव में कमी आती है। 

पार्श्व सुखासन कैसे करें? 

  • इस आसन को करने के लिए आप घर की शांत हवादार जगह पर आसन लगा कर बैठ जाएं। 
  • इसके बाद आप सुखासन (क्रॉस लेग पोजीशन) मुद्रा में बैठें। 
  • इसके बाद, गहरी सांसे लेते रहें और अपना ध्यान सांसों पर केंद्रित करें। 
  • ऐसे में रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। 
  • इसके बाद आप शरीर के ऊपरी हिस्से को गहरी सांस भरते हुए एक बार दाएं ओर ले जाएं। 
  • इस पोजीशन में करीब 30 सेकंड रुकें। 
  • इसके बाद नॉर्मल पोजीशन में आ जाएं। 
  • यही प्रक्रिया बाईं ओर करें। 
  • इस अभ्यास को आप 10 से 20 मिनट तक कर सकते हैं। 

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इस अभ्यास से आपके शरीर के ऊपरी हिस्से की अकड़न दूर होती है। साथ ही, रेस्पिरेटरी टैक्ट से जुड़ी समस्याएं दूर होती है और आपको सांस लेने में रुकावट नहीं होती है। ऑक्सीजन लेवल बढ़ने से आपको आपके सभी अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती है, जिससे वह बेहतर ढ़ंग से कार्य करते हैं। 

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