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सोमैटिक योगा से मिलते हैं ये 5 फायदे, जानें क्या है सोमैटिक योगा

Somatic Yoga Benefits: शारीरिक और मानसिक समस्याओं को दूर करने के लिए आप सोमैटिक योग कर सकते हैं। आगे जानते हैं इसके फायदे    
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सोमैटिक योगा से मिलते हैं ये 5 फायदे, जानें क्या है सोमैटिक योगा


नियमित रूप से योग करके आप शरीर को स्वास्थ और मजबूत बना सकते हैं। योग से शरीर और मन पर काबू पाया जा सकता है। योगा एक्सपर्ट्स की मानें तो सोमैटिक योग से शारीरिक क्रियाओं को बेहतर किया जा सकता है।  तनाव और स्ट्रेस को दूर करने के लिए इस अभ्यास को आप नियमित रूप से कर सकते हैं। इससे वजन को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। योग से पाचन क्रिया, मेटाबॉलिज्म, एनर्जी और हार्मोन को नियंत्रित व संतुलित करने में सहायता मिलती है। योग एक्सपर्ट ऋपसी अरोड़ा के अनुसार के सोमैटिक योग क्रिया सेहत के लिए फायदेमंद होती है। आगे जानते हैं इसके फायदे। 

सोमैटिक योग के फायदे - Benefits Of Somatic Yoga In Hindi 

सोमैटिक योग में शारीरिक और मानसिक क्रियाओं से जुड़े कई योग आसनों को शामिल किया जाता है। एक्सपर्ट के अनुसार इसमें भस्त्रिका, अनुलोम-विलोम, कपाल-भाति, गोमुखासन, सूर्यनमस्कार और भुजंगासन आदि को शामिल किया जाता है। आगे जानते हैं इसके फायदे। 

तनाव को कम करें 

आज की जीवनशैली में काम की वजह से अधिकतर लोगों को स्ट्रेस और तनाव की समस्या होने लगी है। सोमैटिक योग के अभ्यास से आप तनाव और स्ट्रेस को आसानी से दूर कर सकते हैं। इस दौरान सांसों से जुड़ी योग क्रिया से नर्वस सिस्टम को आराम मिलता है। जिससे स्ट्रेस धीरे-धीरे कम होने लगता है। 

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शरीर की फ्लैक्सिब्लिटी को बेहतर करें 

सोमैटिक योग में शामिल योग से शारीरिक गतिविधियां बेहतर होती है। इसके नियमित इस्तेमाल से शरीर की फ्लैक्सिब्लिटी इम्प्रूव होती है। साथ ही, मांसपेशियों की अकड़न दूर होती है। मांसपेशियों की अकड़न दूर होने से शरीर में लचीलापन आता है और आपकी शारीरिक क्रिया बेहतर होती है। 

शरीर के दर्द को दूर करें 

शरीर में होने वाले दर्द और चोटों के दर्द को कम करने में सोमैटिक योग फायदेमंद होते हैं। इसमें सांसों से जुड़े योगाभ्यास और शारीरिक क्रियाओं से मांसपेशियों के तनाव को कम कर दर्द को दूर करने का प्रयास किया जाता है। इसके नियमित अभ्यास से मांसपेशियों को रिपेयर होने में मदद मिलती है। जिसकी वजह से दर्द में कमी आती है। 

पोश्चर में सुधार करें 

इस प्रकार के योग में अक्सर शरीर मुद्रा पर ध्यान देने पर जोर दिया जाता है। जिससे रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्या दूर होती है और पोश्चर ठीक होता है। दरअसल, शारीरिक योग क्रिया से रीढ़ की हड्डी और कंधों में फ्लैक्सिब्लिटी आती है। जिसकी वजह से पोश्चर से जुड़ी समस्याओं में भी आराम मिलता है। 

शरीर-मन के बीच जुड़ाव

एक्सपर्ट के अनुसार इस क्रिया से आप मन और शरीर के बीच संबंध स्थापित कर पाते हैं। ऐसा करने से आपकी थकान और कमजोर दूरी होती है। साथ ही, शरीर के सभी अंग बेहतर ढंग से कार्य कर पाते हैं। 

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नियमित रूप से योगाभ्यास को लाइफस्टाइल में शामिल कर आप कई तरह के रोगों से खुद का बचाव कर सकते हैं। योग आपको मानसिक शांति के साथ ही शारीरिक ऊर्जा प्रदान करने का काम करता है। इसके फायदे लेने के लिए आप योगाचार्य की देखरेख में योग अभ्यास करें। 

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