पैरेंट्स की ये 4 आदतें बच्‍चों को गलत काम करने से रोकती हैं, बनाती हैं अच्‍छा इंसान

एक अच्छा अभिभावक बनना एक हुनर है, जिसे आपको स्वीकारना होगा। कुछ बातों पर अमलकर आप अपने बच्चों की अच्छी तरह परवरिश कर उन्हें अच्छा नागरिक बना सकती हैं
  • SHARE
  • FOLLOW
पैरेंट्स की ये 4 आदतें बच्‍चों को गलत काम करने से रोकती हैं, बनाती हैं अच्‍छा इंसान


बाल मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक, संतान का अच्छा या खराब निकलना इस बात पर निर्भर करता है कि बतौर अभिभावक आपने कैसी भूमिका निभाई। यदि आपने बच्चों की परवरिश अच्छी तरह से की है तो वे अच्छा बनेंगे ही। मनोवैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि यदि आप अपने बच्चों की समुचित रूप से देखभाल करती हैं तो बाहरी माहौल कैसा भी हो, उन पर खराब असर नहीं पड़ता।

मारने-पीटने से बचें

आपको अपने मन से यह धारणा बिल्कुल निकाल देनी चाहिए कि बच्चों को मारने-पीटने से उन्हें नियंत्रण में रखा जा सकता है। मनोवैज्ञानिक की राय है कि बच्चों को मारने-पीटने से जो अनुशासन कायम होता है, वह स्थायी नहीं होता। स्थायी अनुशासन तो बच्चों को प्रेमपूर्वक समझा-बुझाकर ही स्थापित किया जा सकता है। दुनियाभर के मनोवैज्ञानिकों की राय है कि बच्चों को प्रताडि़त करने से फायदे की बजाय नुकसान होता है।

अपनी इच्छाएं न थोपें

समझदार माता-पिता अपनी इच्छाओं को बच्चों पर कभी नहीं लादते हैं। उदाहरण के लिए आप डॉक्टर, इंजीनियर या आईएएस बनना चाहती थीं... अब आप यह सोच रही हैं कि मैं नहीं बन सकी तो मेरा बच्चा ही बन जाए। मुंबई की मनोचिकित्सक डॉ. स्नेहा दिवाकर कहती हैं कि प्रत्येक बच्चा असाधारण होता है। इसलिए अपनी इच्छाओं को बच्चे पर न थोपें। हमें इस बात को समझने का प्रयास करना चाहिए कि हमारे बच्चे वास्तव में जिंदगी से क्या चाहते हैं।

इसे भी पढ़ें: जानिए शिशुओं के लिए कितना फायदेमंद है दाल का पानी

आलोचना ठीक नहीं

मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि बच्चों की आलोचना करने से उनके दिलो-दिमाग पर गलत असर पड़ता है। जो माता-पिता अपने बच्चों की हमेशा आलोचना किया करते हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि ऐसा करने से बच्चे की गलत आदतों में कोई सुधार नहीं होगा। इसके विपरीत वे जो अच्छा करें, उस काम की तारीफ करनी चाहिए। इससे बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ता है। साथ ही वे गलत काम करने से हिचकेंगे। सीमा कहती हैं कि जो मां-बाप बच्चों से नकारात्मक शब्द बोलते हैं, वे अपने बच्चों के व्यक्तित्व को भी नकारात्मक बना रहे होते हैं।

इसे भी पढ़ें: क्या अंगूठा चूसने से खराब हो जाते हैं शिशु के दांत?

तुलना न करें

विशेषज्ञ के अनुसार पैरेंटिंग के मामले में बहुत से माता-पिता यह गलती करते हैं कि वे अपने बच्चे की तुलना दूसरों के बच्चों से करने लगते हैं। बच्चों को तुलना करना सबसे खराब लगता है और वे इस बात से चिढ़ते हैं। इसलिए कभी भी अपने बच्चे की तुलना किसी अन्य बच्चे के साथ न करें।

ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप

Read More Articles on Parenting In Hindi

Read Next

बच्‍चों को बताएं साफ-सफाई से जुड़ी ये 5 बातें, कभी नहीं पड़ेंगे बीमार

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version