अधिकांश बच्चे बचपन में अंगूठा चूसते हैं। अगर माता-पिता ध्यान नहीं देते हैं, तो बच्चों में अंगूठा चूसने की लत लग जाती है। कुछ बच्चों में तो 4-5 साल की उम्र तक ये आदत नहीं जाती है। शिशु के अंगूठा चूसने की आदत न सिर्फ देखने में खराब लगती है बल्कि इससे शिशु के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। बच्चे शरारती होते हैं और वो दिनभर इधर-उधर खेलते-कूदते रहते हैं। ऐसे में उनके शरीर में ढेर सारे हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस जम जाते हैं। जब बच्चे अंगूठा चूसते हैं तो यही बैक्टीरिया मुंह के जरिए पेट तक पहुंच जाते हैं और शिशु को बीमार कर देते हैं।
शिशु के दांतों पर प्रभाव
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- अंगूठा चूसने से शिशु के दांत खराब हो जाते हैं।
- इस आदत से नए निकलने वाले दांत भी खराब निकलते हैं।
- अंगूठे के दवाब से शिशु के दांत ऊबड़-खाबड़ निकलते हैं।
- कई बार दांत निकलते हुए गलत दिशा में मुड़ जाते हैं और बाहर की तरफ उभरे हुए या मुड़े हुए निकलते हैं।
- ऊपर के दांत होठों से बाहर की तरफ निकलने लगते हैं।
- बड़ी उम्र के बच्चों में संक्रमण के कारण दांत सड़ने की समस्या हो सकती है।
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क्यों अंगूठा चूसते हैं बच्चे
बच्चे के अंगूठा चूसने के कई कारण हो सकते हैं। क्या आपको पता है कि आप जब तनाव की स्थिति में होते हैं, तो कुछ खाने-पीने से आपका तनाव कम होता है। ऐसा ही बच्चों के साथ होता है। जब कभी बच्चे तनाव की स्थिति में होते हैं तब उनका मन कुछ खाने को करता है। ऐसे में अगर खाने की कोई चीज उनके आस-पास मौजूद नहीं होती है, तो वो अंगूठा चूसने लगते हैं। कई बार कुछ दवाओं के असर से भी बच्चे ऐसा कर सकते हैं। बच्चों को मानसिक स्वास्थ्य की दवा देने पर इस बात की आशंका ज्यादा बढ़ जाती है। कई बार असुरक्षा की भावना और माता-पिता से प्यार न मिल पाने के कारण भी अंगूठा चूसना शुरू कर देते हैं।
सामान्य है ये प्रक्रिया
बच्चों में अंगूठा चूसने की लत किसी खास बीमारी की वजह से नहीं होती है बल्कि ज्यादातर बच्चों में ये सामान्य होता है। आमतौर पर 3 से 6 महीने के बच्चे अंगूठा चूसना शुरू कर देते हैं और ये आदत लगभग 4 साल तक रहती है। अगर 4 साल से बड़े बच्चे को ये आदत है, तो माता-पिता को ऐसे बच्चे की तरफ तुरंत ध्यान देना चाहिए। कई शिशुओं को जब भूख लगने पर सही समय से दूध या खाना नहीं मिलता है और वो कुछ बोल नहीं पाते हैं, तो अंगूठा चूसना शुरू कर देते हैं।
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स्वास्थ्य के लिए खराब है ये आदत
अंगूठा चूसने की लत का प्रभाव शिशु के दांतों पर पड़ता है और इससे उसके दांत खराब हो सकते हैं। ये खतरा तब और बढ़ जाता है जब बच्चे को मीठा ज्यादा खाने की आदत होती है। इसके अलावा अंगूठा चूसने से शिशु के पेट में इंफेक्शन हो सकता है। दरअसल अंगूठा चूसने या मीठा खाने से शिशु के दांतों में बैक्टीरिया पनपने की प्रक्रिया बहुत तेज हो जाती है। ये बैक्टीरिया एसिड का निर्माण करते हैं और इस एसिड के प्रभाव से दांत गलना शुरू हो जाते हैं। लंबे समय के प्रभाव से दांत पूरी तरह खोखले और कमजोर हो जाते हैं।
बच्चे को समझाएं
बच्चों को अंगूठा चूसने के क्या क्या परिणाम हो सकते है इस बारे में जरूर बताएं। उन्हें समझायें कि ये आदत उन्हें बीमार कर सकती है। जिस उंगली को चूसा जा रहा है उसपर सूजन या संक्रमण होना, साँस में दिक्कत होना- ये सब अपने बच्चे को दिखायें।बड़े होकर टेढ़े या ऊँचे दाँतों पर तार लगवाने में कितना दर्द होता है, ये सब अपने बच्चे को बताएँ। उसे ये भी बतायें की बड़े होकर भी यदि वह इस आदत को नही छोड़ता तो उसके स्कूल/ कॉलेज में वह सबकी हँसी का पार्थ बन सकता है जो उसी को ठेस पहुँचाएगा। ऐसा करने पर आपका बच्चा ये आदत छोड़ेगा। आप चाहे तो डॉक्टर की मदद भी ले सकते है।
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