
देर से उठने की आदत स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है, यदि आपकी भी आदत देर तक सोने की है तो इस आदत को बदलिए। हाल ही में हुए एक शोध में यह बात सामने आयी है कि जो लोग देर तक सोते हैं उनके व्यवहार में बदलाव आ जाता है।
देर तक सोने का असर हमारे दिमाग और हार्मोन्स पर पड़ता है। जर्मनी के शोधकर्ताओं ने अपने शोध में एमआरआई के आधार पर यह अंदाजा लगाया है कि जल्दी उठने वालों और देर से उठने वाले लोगों के दिमाग में क्या अंतर हो सकता है।
हालांकि अक्सर नींद के मामलें में तीन तरह के लोग होते हैं। एक वे जो सुबह जल्दी उठते हैं, दूसरे वो जो देर से उठते हैं और तीसरे ऐसे हैं जो दोनों परिस्थितियों में रह सकते हैं। नींद के मामले में सिर्फ इनका व्यवहार ही अलग नहीं है बल्कि इन दिमाग में भी एक बड़ा अंतर है, जिसका पता हाल में हुए एक शोध में चला है।
इस शोध में यह मिला कि, जो लोग स्वाभाविक तौर पर देर से उठते हैं उनके मस्तिष्क में व्हाइट मैटर सबसे खराब स्थिति में होता है, विशेष रूप से दिमाग के उस हिस्से में जहां से अवसाद और दुख के भाव पैदा होते हैं।
इसी कारण देर से उठने वाले लोगों को अवसाद और तनाव अधिक होता है। इस शोध को साइंस डायरेक्ट जर्नल ने प्रकाशित किया।
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