ओवरहाईड्रेशन का कारण बन सकता है ज्यादा पानी पीना, जानें कारण और इलाज

हमारे शरीर का 70 प्रतिशत हिस्सा पानी है। उदाहरण के लिए यदि आपका वजन 50 किलोग्राम है तो इसमें 35 प्रतिशत वजन सिर्फ पानी का है। 
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ओवरहाईड्रेशन का कारण बन सकता है ज्यादा पानी पीना, जानें कारण और इलाज


हमारे शरीर का 70 प्रतिशत हिस्सा पानी है। उदाहरण के लिए यदि आपका वजन 50 किलोग्राम है तो इसमें 35 किलोग्राम वजन सिर्फ पानी का है। अब आप इसी बात ये अंदाजा लगा सकते हैं कि पानी हमारे के लिए कितना जरूरी है। आपने डॉक्टर्स को भी कहते सुना होगा कि जितना हो सके उतना पानी पीजिए। लेकिन आज हम आपको जरूरत से ज्यादा पानी के नुकसान के बारे में बता रहे हैं। क्या आपको पता है कि जरूरत से ज्यादा पानी पीना भी आपके सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। दरअसल एक नए शोध में ये बात सामने आई है कि जरूरत से ज्यादा पानी पीने से ओवरहाईड्रेशन की समस्या हो सकती है। आइए जानते हैं क्या है यह रोग और क्या हैं इससे बचने के उपाय।

क्या है ओवरहाईड्रेशन

वैज्ञानिकों का कहना है कि जिस तरह कम पानी पीने पर डिहाईड्रेशन की समस्या हो जाती है उसी तरह अधिक पानी पीने पर ओवरहाईड्रेशन की समस्या हो जाती है। ओवरहाईड्रेशन का असर सीधा किडनी पर पड़ता है और इससे किडनी फेल होने के चांस भी काफी बढ़ जाते हैं। इस रोग के होने पर पेशाब का रंग पीला या मटमैला हो जाता है। ओवरहाइड्रेशन की अवस्‍था एक्‍सरसाइज करने वालों में हाईपोनेटर्मिया के नाम से जानी जाती है।

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प्‍यास का न्‍यूरोएंडोक्राइन सर्किट 70 करोड़ साल पुराना है। यह कीड़ों और पतंगों समेत कई जानवरों में पाया जाता है। प्‍यास हमारे दिमाग के उसी हिस्‍से को सक्रिय करती है, जो हमें बताता है कि हमें भूख लग रही है या पेशाब जाना है। यह लगातार संकेत देता है कि हमें प्‍यासा नहीं रहना है, वर्ना हमारी मौत हो सकती है। यह उसी तरह है जैसे हमें कहा जाए कि हमें हर घंटे पेशाब करना है नहीं तो ब्‍लैडर फटने से हमारी मौत हो सकती है। यहां हमें यह ध्‍यान रखना चाहिए कि जानवरों के साथ पानी की बोतल या यूरीन चार्ट नहीं होता है, उन्‍हें जब प्‍यास लगती है तब वह पानी पी लेते हैं। हमें भी ऐसा ही करना चाहिए।

अध्‍ययन में विशेषज्ञों ने पाया कि हाईपोनेट्रीमिया बहुत ज्‍यादा पानी या स्‍पीर्ट्स ड्रिंक पीने वालों में होता है क्‍योंकि इससे उनके खून में मौजूद नमक का स्‍तर सामान्‍य से कम हो जाता है। ब्‍लड सॉल्‍ट लेवल में अचानक गिरावट आने से शरीर के सेल्‍स में सूजन आ सकती है। हाईपोनेट्रीमिया से दिमाग में सूजन हो सकती है, जिससे सिर दर्द और मिचली की शिकायत हो सकती है। मांसपेशियों की कोशिकाओं में सूजन से पूरे शरीर में ऐंठन हो सकती है। सबसे खतरनाक बात यह है कि डिहाड्रेशन के भी यही लक्षण होते हैं। यह अध्‍ययन अमेरिकन कॉलेज ऑफ स्‍पोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित हो चुका है।

इस रोग का भी है खतरा

शरीर में ज्यादा मात्रा में पानी हो जाने पर सोडियम का लेवल तेजी से कम होने लगता है। सोडियम का स्तर घटने से मस्तिष्क में सूजन आ सकती है, जो कि एक खतरनाक स्टेज है। शोध में पाया गया है कि ज्यादा पानी पीने के कारण शरीर में असामान्य रूप से सोडियम कम होने लगता है इसलिए हाइपोट्रिमिया का खतरा बढ़ जाता है। सोडियम एक तरह का इलेक्ट्रोलाइट है, जो हमारे शरीर में पानी की मात्रा को नियंत्रित करता है।

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ज्यादा पानी पीने के अन्य नुकसान

  • जरूरत से ज्यादा पानी पीने से भोजन को पचाने में मदद करने वाला पाचन रस काम करना बंद कर देता है। इस वजह से खाना देर से पचने लगता है।
  • कई बार खाली पेट ठंडा पानी पीने से सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
  • कभी-कभी हद से ज्यादा पानी पीने से हार्टअटैक भी हो सकता है।
  • अगर आप जरूरत से ज्यादा पानी पीते हैं तो इससे किडनी की समस्‍या भी हो सकती है क्योंकि ज्यादा पानी पीने से किडनी को अपनी क्षमता से ज्यादा काम करना पड़ता है।

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