World Organ Donation Day: हर साल 13 अगस्ट को विश्व अंगदान दिवस (World Organ Donation Day) मनाया जाता है। यह दिन अंगदान को लेकर जागरूकता फैलाने के साथ संबंधित भ्रांतियों को दूर करने के लिए भी मनाया जाता है। अंगदान करने से कई लोगों की जान बचाई जा सकती है। शरीर के कुछ अंगों का दान जीवित रहते हुए और कुछ अंग मरणोपरांत के बाद भी किए जा सकते हैं। अंगदान को महादान भी कहा जाता है। भारत में अंगदान दिवस 3 अगस्त को मनाया जाता है। अंगदान करने से बहुत से लोगों की जिदंगी बचाई जा सकती हैं। अंगदान समाज कल्याण का एक अच्छा कार्य है, जो कई लोगों को नया जीवनदान दें सकता है। व्यक्ति जीते जी या मृत्यु के बाद अंगदान कर सकता है। उसकी उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए। अगर कोई व्यक्ति 18 वर्ष से कम आयु का है, तो उसे अंगदान करने के लिए माता-पिता की सहमति का होना आवश्यक होता है। आपको बता दें मृत अंगदान वहीं व्यक्ति कर सकता है जिसका ब्रैन डेड हो गया हो लेकिन दिल की धड़कनें काम कर रही हो। वही जीवित व्यक्ति भी कुछ अंग दान कर सकता है। अक्सर लोगों के मन में यह प्रश्न होता है कि शरीर के किन अंगों को दान किया जा सकता है। आज हमने इस बारे में जानकारी के लिए बात की राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल की सीनियर सर्जन और मैया सोशल चेंज फ्रंट फाउंडेशन की डायरेक्टर डॉक्टर दिव्या सिंह से।
हैंड और बांह प्रत्यारोपण
यह प्रक्रिया उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होती है, जिनका किसी कारण से हाथ और बांह कट गया है या चोट या बीमारी के कारण हाथ ठीक से काम नहीं करता है। ऐसे में एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में हाथ/बांह प्रत्यारोपण किया जा सकता है। यह एक प्रकार की शल्य प्रक्रिया है। भारत में अब तक 30 हाथ प्रत्यारोपण सर्जरी हो चुकी हैं। इसमें वह व्यक्ति डोनर बन सकता है, जिसका ब्रैन डेड हो गया हो।
फेस ट्रांसप्लांट
इस तरह के अंगदान में डोनर के ऊतक का उपयोग करके किसी व्यक्ति के पूरे चेहरे या उसके कुछ हिस्से को बदलने की प्रक्रिया की जाती है। इस प्रत्यारोपण में चेहरे की त्वचा, नाक, चेहरे की अभिव्यक्ति की मांसपेशियां और शामिल हो सकती हैं।
हृदय
किसी असफल या क्षतिग्रस्त हृदय को बदलने के लिए हृदय प्रत्यारोपण भी किया जा सकता है।
फेफड़े
कई बार लंबी बीमारी के चलते फेफड़े खराब हो जाते हैं। ऐसे में फेफड़ो का प्रत्यारोपण भी किया जा सकता है।
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लिवर और किडनी
लिवर और किडनी खराब होने की स्थिति में लिवर इन्हें बदला जा सकता है। वहीं इनके डोनर जीवित दाताओं या मृत दाताओं हो सकते हैं।
अग्न्याशय और आंते
अग्न्याशय प्रत्यारोपण विशेषकर टाइप 1 मधुमेह के मामलों में किया जाता है। वहीं आंतों के प्रत्यारोपण आंतों का खराब होने पर किया जाता है।
कॉर्निया
कॉर्निया में डैमेज होने से आंखों की रोशनी प्रभावित होती है। ऐसे में आंखों को रोशनी को वापस लाने के लिए कॉर्निया प्रत्यारोपण किया जा सकता है।
त्वचा और हड्डी
कई बार त्वचा के जलने या चोट के कारण स्किन को नुकसान हो जाता है। ऐसे में इसे त्वचा ग्राफ्ट के जरिए ठीक किया जा सकता है। वही आर्थोपेडिक सर्जरी में हड्डी ग्राफ्ट के लिए भी उपोयग किया जा सकता है।
वही हृदय वाल्व, रक्त वाहिकाएं और अग्नाशयी आइलेट्स का भी प्रत्यारोपण किया जा सकता है।
अंगदान से संबंधित ज्यादा जानकारी के लिए आप अपने नजदीकी डॉक्टर से भी संपर्क कर सकते हैं।
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