World Blood Donor Day 2024: सभी लोगों को रक्तदान करना चाहिए, ये तो हम सभी हमेशा से सुनते आ रहे हैं। रक्तदान के महत्व को बढ़ाने के लिए कई कैंप भी लगाए जाते हैं। लेकिन क्या हम सभी रक्तदान करते हैं, तो इसका जवाब, नहीं ही होगा। देश में कई स्वस्थ लोग ऐसे हैं, जिन्होंने आजतक भी कभी रक्तदान नहीं किया होगा। हालांकि, एक स्वस्थ व्यक्ति को रक्तदान जरूर करना चाहिए। रक्तदान करने से, सेहत को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है, बल्कि इससे शरीर में एनर्जी महसूस होती है। इतना ही नहीं, जब आपका रक्त किसी की जिंदगी बचाने में मदद करेगा, तो आपको एक अलग-सा सुकून मिलेगा। यही वजह है कि रक्तदान को महादान भी कहा जाता है। रक्तदान के महत्व और जागरूकता को बढ़ाने के लिए हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस (World Blood Donor Day) भी मनाया जाता है। आज इसी मौके पर हम आपको ऐसे 3 ब्लड डोनर्स का अनुभव बताने जा रहे हैं, जो सालों से ब्लड डोनेट करके लोगों की जिंदगियां बचाने का काम कर रहे हैं।
पहली बार एक रिश्तेदार के लिए किया ब्लड डोनेट: अमर
अमर बताते हैं, 'साल 2016 में मेरे एक रिश्तेदार का पटना में एक्सीडेंट हो गया था। उनका खून काफी बह गया। ऐसे में उन्हें ब्लड की सख्त जरूरत थी। तमाम कोशिशों के बाद भी उन्हें ब्लड नहीं मिल पाया। फिर मैंने एक यूनिट ब्लड डोनेट किया। जब मैं रक्तदान करने के लिए, ब्लड बैंक गया, तो वहां लोगों को रक्त के लिए परेशान होता हुआ देखा, तभी मैंने डिसाइड कर लिया कि मैं अब समय-समय पर रक्तदान जरूर करूंगा।'
अमर आगे बताते हैं, 'जब मैंने पहली बार रक्तदान किया, तो मैं 18 साल का था। तब से मैं हर 3 महीने में ब्लड डोनेट जरूर करता हूं। यानी सालभर में मैं 4 बार रक्तदान करता हूं। ब्लड डोनेशन के बाद मुझे काफी एनर्जेटिक फील होता है। हालांकि, जब मैं पहली बार रक्तदान करने गया, तो मैं काफी डरा हुआ था। लेकिन रक्तदान के बाद मेरा सारा डर खत्म हो गया। पहले मैं खुद को अनफिट महसूस करता था, लेकिन जब से रक्तदान करना शुरू किया है, मैं खुद को काफी स्वस्थ महसूस कर रहा हूं। रक्तदान करने से पहले हीमोग्लोबिन, वजन और बीपी हमेशा चेक किया जाता है। जो स्वस्थ लोग हैं, उन्हें ब्लड डोनेट जरूर करना चाहिए।'
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मम्मी-पापा की एनिवर्सरी पर पूरा परिवार रक्तदान करता है: सूरज कुमार झा
सूरज बताते हैं, 'मैंने पहली बार ब्लड डोनेट 10वीं क्लास में किया। दरअसल, हमारी साइंस की टीचर रक्तदान करने के लिए मोटिवेट करती रहती थीं। वे हमें रक्तदान का महत्व बताती थीं। जब स्कूल में ब्लड कैंप लगा और मैंने भी रक्तदान किया। इस रक्तदान के बारे में मेरे घरवालों को बिल्कुल पता नहीं था। फिर उन्हें सोशल मीडिया से पता चला, तभी मेरे भाई ने भी रक्तदान करने की ठानी। मैं अभी तक 17 बार ब्लड डोनेट कर चुका हूं। मैं अपने हर बर्थ-डे पर भी रक्तदान करता हूं। इतना ही नहीं, मम्मी-पापा की मैरिज एनिवर्सरी पर हमारा पूरा परिवार रक्तदान करता है।'
सूरज आगे बताते हैं, 'ब्लड डोनेट करने से पहले एचआईवी और हेपेटाइटिस टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। वहीं, जब आप ब्लड डोनेट करने जाते हैं, तो सेंटर में भी होमोग्लोबिन, पल्स रेट और वजन चेक किया जाता है। पहली बार रक्तदान करने में मैं थोड़ा घबरा रहा था, लेकिन जब रक्तदान किया तो काफी अच्छा महसूस हुआ। फिर मैंने ठान लिया कि मैं समय-समय पर ब्लड डोनेट जरूर करूंगा। हर स्वस्थ व्यक्ति को रक्तदान जरूर करना चाहिए। रक्तदान करने से आप दूसरों की जान तो बचाएंगे ही, आपको अंदर से भी काफी अच्छा महसूस होगा। मेरे ब्लड डोनेट करने से मेरा भाई प्रेरित हुआ और अब वह भी हर विशेष मौके पर रक्तदान करता है।'
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रक्तदान करने के बाद महसूस होती है एनर्जी: संजय
संजय बताते हैं, 'मैंने पहली बार 35 साल की उम्र में रक्तदान किया। अब मैं साल में 2-3 बार रक्तदान जरूर करता हूं। जब से मैं ब्लड डोनेट कर रहा हूं, मुझे काफी अच्छा महसूस होता है। रक्तदान करने के बाद शरीर में एक अलग सी एनर्जी महसूस होती है। ब्लड डोनेशन से खुद को भी काफी लाभ मिलता है। रक्तदान करने के बाद शरीर काफी हेल्दी रहता है और ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर बना रहता है। मुझे काफी अच्छा लगता कि मेरा रक्त किसी के काम आ रहा है। इससे अच्छा क्या हो सकता है कि मैं किसी की जान बचाने में अपना योगदान दे पा रहा हूं। ब्लड डोनेट करने के लिए सबसे पहले ब्लड सेंटर जाएं। फिर वहां हीमोग्लोबिन की जांच की जाती है, अगर 12.5 या इससे अधिक एचबी होता है, तो आप रक्तदान कर सकते हैं।'