
Does Donating Blood Lower Risk Of Heart Disease: ब्लड डोनेशन से आप कई लोगों की जिंदगी बचा सकते हैं। रक्तदान से आपके शरीर में कई तरह के अच्छे बदलाव होते हैं।इससे लोगों का तनाव कम होता है। साथ ही, आपके मानसिक स्वास्थ्य में भी गहरा असर पड़ता है। इसके अलावा, ब्लड डोनेशन से पहले आपका चेकअप हो जाता है। इस चेकअप में आपकी हार्ट बीट, ब्लड प्रेशर, शरीर का तापमान, हिमोग्लोबिन के स्तर और ब्लड शुगर की जांच की जाती है। इसके बाद ही, आप ब्लड डोनेट कर सकते हैं। जो लोग हर छह महीने में ब्लड डोनेट करते हैं, उनका रक्त अन्य की तुलना में पतला हो सकता है। साथ ही, ऐसा माना जाता है कि ब्लड डोनेशन से हार्ट संबंधी रोगों का जोखिम कम हो जाता है। इस लेख में नारायणा हॉस्पिटल गुरुग्राम के इंटरनल मेडिसिन और सीनियर कंसल्टेंट डॉ. पंकज वर्मा से जानते हैं कि क्या ब्लड डोनेशन से हार्ट संबंधी रोगों का जोखिम कम होता है?
क्या रक्तदान करने से हृदय रोग का खतरा कम हो सकता है? - Does Donating Blood Lower Risk Of Heart Disease in Hindi
ब्लड डोनेशन और हृदय रोगों के जोखिम पर कई तरह की रिचर्स मिलती है। एनसीबीआई की एक स्टडी से पता चला कि नियमि रूप से ब्लड डोनेट करने वाले लोगों को कोलेस्ट्रॉल के स्तर की वजह से हृदय रोग का जोखिम अधिक होता है।
जबकि, वर्ष 2013 की स्टडी से पता चलता है कि नियमित रूप से ब्लड डोनेट करने से आयरन के स्तर पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। इससे व्यक्ति को हार्ट अटैक का जोखिम कम हो सकता है। ऐसा माना जाता है कि शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ने से हार्ट स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन, बाद में साल 2017 की स्टडी से इस बात का वास्तविकता पर अलग नतीजे सामने आए। जिससे इस बारे में कुछ भी कहना मुश्किल हो जाता है।
ब्लड डोनेशन और हार्ट संबंधी रोगों के बीच संबंध - Connection Between Blood Donation And Heart Disease In Hindi
ब्लड डोनेशन और हार्ट संबंधी रोगों में कमी का सीधा संबंध आयरन से जोड़कर देखा जाता है। रक्तदान से शरीर में आयरन का स्तर कम हो सकता है, इससे ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस और सूजन में कमी आ सकती है। सूजन कम होने से हार्ट डिजीज का खतरा कम हो जाता है। साथ ही, आयरन का स्तर कम होने से धमनियों के डैमेज और प्लाक बनने का खतरा भी कम होता है।
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रक्तदान आपके हृदय के जोखिम को सीधे रुप से कम नहीं कर सकता है। लेकिन, कई बार इसके कुछ प्रभावों का असर हृदय की कार्यप्रणाली के लिए बेहतर हो सकता है। लेकिन, इसके साथ ही आपको पहले से कोई हृदय संबंधी समस्या नहीं होनी चाहिए। जिन लोगों को पहले से हृदय संबंधी रोग या समस्या है, उनको रक्तदान से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
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