भारत समेत दुनिया के लगभग 29 देशों में फैल चुके कोरोनावायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रोन को लेकर चिंता का माहौल बना हुआ है। भारत में ओमिक्रोन वेरिएंट के 2 मामले पाए गए हैं। देश में 'कंट्री एट रिस्क' से आये 2 लोगों में जांच के बाद ओमिक्रोन वेरिएंट के संक्रमण की पुष्टि हुई है। कर्नाटक राज्य में ओमिक्रोन के पहले 2 मामलों की पुष्टि के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सतर्क हो गया है। देश में कोरोना के नए वेरिएंट के मामले आने के बाद अब लोगों की चिंता और बढ़ गयी है। जानकारी के मुताबिक जिन 2 व्यक्तियों के ओमिक्रोन से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है उनकी उम्र 46 और 66 साल है और इन लोगों में कोरोना के हल्के लक्षण हैं। ऐसे समय में जब देश में ओमिक्रोन वेरिएंट की दस्तक हो चुकी है लोगों में इस नए वेरिएंट को लेकर चिंता भी बढ़ गयी है। ओमिक्रोन वेरिएंट से जुड़े सवाल और इसके बारे में लोगों को सटीक और विस्तृत जानकारी देने के लिए Onlymyhealth ने मशहूर वायरोलॉजिस्ट डॉ पवित्रा वेंकटगोपालन और मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल साकेत, दिल्ली के प्रिंसिपल डायरेक्टर एंड हेड पल्मोनोलॉजी, डॉ विवेक नांगिया से लाइव सेशन में बातचीत की, इस बातचीत का विडियो आप नीचे देख सकते हैं। आइये एक्सपर्ट्स डॉक्टर्स से जानते हैं कोरोनावायरस संक्रमण के नए ओमिक्रोन वेरिएंट से जुड़े मुख्य सवालों के जवाब।
सवाल - कोरोना वायरस लगातार म्यूटेट हो रहा है ऐसे में ओमिक्रोन म्यूटेशन को 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' क्यों माना जा रहा है?
जवाब - दुनियाभर में कोरोना के अलग-अलग वेरिएंट के बारे में जानकारी के लिए जीनोमिक सर्विलांस किया जाता है और इसमें कोरोना से प्रभावित लोगों के सैंपल की लैब में जांच की जाती है। ओमिक्रोन को वेरिएंट को 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' मानने के पीछे इसकी संक्रमण क्षमता, लक्षण और मरीजों में इस वेरिएंट का संक्रमण कितना गंभीर हो सकता है जैसे कारण प्रमुख हैं। ओमिक्रोन वेरिएंट शरीर में मौजूद मोनोक्लोनल एंटीबॉडी पर कितना प्रभाव डालता है और इस पर वैक्सीन की प्रभावशीलता कितनी है इसके आधार पर इसे वेरिएंट ऑफ कंसर्न माना गया है। डॉ पवित्रा ने बताया कि जब किसी भी व्यक्ति में संक्रमण पहुंचता है तो उसके शरीर में मौजूद एंटीबॉडी इस संक्रमण से लड़ने का काम करती है। ऐसे में जब कोई भी वायरस शरीर में मौजूद एंटीबॉडी या वैक्सीन के प्रभाव को कमजोर कर देता है तो उसे अधिक संक्रामक या खतरनाक माना जाता है।
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सवाल - क्या ओमिक्रोन वेरिएंट के लक्षण पुराने वेरिएंट से अलग हैं?
जवाब - इस सवाल के जवाब में डॉ विवेक नांगिया ने कहा कि यह कहना बहुत मुश्किल है कि इस वेरिएंट के लक्षण पुराने वेरिएंट की तुलना में अलग हैं, क्योंकि यह एक नया वेरिएंट है जिसके बारे में पर्याप्त जानकारी अभी नहीं है। इस नए वेरिएंट के लक्षणों के बारे में जानकारी के लिए हमें कुछ दिन तक संक्रमित लोगों की निगरानी करने की जरूरत है। लेकिन यह कहा जा सकता है कि यह वेरिएंट पहले की तुलना में अधिक खतरनाक है। क्योंकि इससे पहले मिले सभी वेरिएंट के जीनोमिक स्ट्रक्चर में इतने बदलाव नहीं देखे गए थे। ओमिक्रोन वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में 30 से अधिक म्यूटेशन देखे गए हैं जिसकी वजह से इसे अधिक संक्रामक माना जा रहा है।
सवाल - क्या बदलते मौसम में जब लोगों में सर्दी-जुकाम के मामले ज्यादा हो रहे हैं ओमिक्रोन वेरिएंट का खतरा ज्यादा है?
जवाब - एक्सपर्ट्स के मुताबिक बदलते मौसम में लोगों को कोरोना संक्रमण से सावधान रहने की जरूरत है। कोरोना के नए वेरिएंट से डरने की जगह सावधानी और जानकारी आपको संक्रमण की चपेट में आने से बचा सकती है। अगर आपको सर्दी-जुकाम, बुखार और कोरोना से जुड़े लक्षण लगातार बने रहते हैं तो सबसे पहले आप खुद को आइसोलेट करें और अगर ये लक्षण अधिक गंभीर हो रहे हों तो कोरोना की जांच जरूर कराएं। अगर आप अस्थमा और हाइपरटेंशन के मरीज हैं तो सावधानी जरूर बरतें और समय-समय पर अपने डॉक्टर की सलाह लेते रहें।
सवाल - क्या आरटी-पीसीआर टेस्ट से ओमिक्रोन वेरिएंट का पता लगाया जा सकता है?
जवाब - डॉ पवित्रा ने हमें बताया कि आरटी-पीसीआर टेस्ट वायरल आरएनए का पता लगाने का काम करते हैं। मौजूदा समय में आरटी पीसीआर टेस्ट के जरिए कोरोना के संक्रमण का पता लगाया जा रहा है। लेकिन वायरस के स्पाइक प्रोटीन और जीन में हो रहे बदलाव की वजह से अभी यह कहना मुश्किल है कि आरटी-पीसीआर टेस्ट से ओमिक्रोन वेरिएंट की मौजूदगी का पता चल सकता है या नहीं।
सवाल - क्या वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोगों को भी ओमिक्रोन वेरिएंट के इन्फेक्शन का खतरा है?
जवाब - एक्सपर्ट ने बताया कि वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोगों को ओमिक्रोन वेरिएंट के संक्रमण का कितना खतरा है इसके बारे में पर्याप्त जानकारी अभी मौजूद नहीं है। लेकिन ऐसे लोग जो कोरोना के संक्रमण के हाई रिस्क पर हैं उन्हें बूस्टर शॉट जरूर दिया जाना चाहिए। ऐसे लोग जो फ्रंटलाइन पर काम कर रहे हैं उन्हें बूस्टर डोज देने से उनमें संक्रमण का खतरा कम हो सकता है।
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सवाल - ओमिक्रोन वेरिएंट से बचाव के लिए क्या कदम उठाने चाहिए?
जवाब - एक्सपर्ट ने बताया कि अभी तक दुनियाभर में कोरोना के इलाज के लिए कोई विशेष ट्रीटमेंट नहीं मिला है। इसलिए जो लोग हाई रिस्क पर हैं उन्हें इससे बचाव के लिए मास्क का इस्तेमाल, सामाजिक दूरी के नियमों का पालन, हाथ को सेनिटाइज करना और लक्षण दिखने पर खुद को आइसोलेशन में रखना चाहिए। इसके अलावा बुखार आने पर उन्हें दवाओं का इस्तेमाल करना चाहिए। लगातार लक्षण बने रहने पर डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए।
सवाल - बच्चों को ओमिक्रोन वायरस का खतरा कितना है और बचाव के लिए क्या उपाय अपनाने चाहिए?
जवाब - बच्चों में संक्रमण के खतरे को देखते हुए पेरेंट्स को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे बाहर निकलते समय कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करें। मास्क लगाने, सामाजिक दूरी का पालन करने और समय-समय पर हाथ धोने से ही संक्रमण से बचाव हो सकता है।
सवाल- ऐसे लोग जो ट्रेवल कर रहे हैं या जिनको कामकाज या अन्य कारणों से एक जगह से दूसरे जगह की यात्रा करनी है वे खुद को संक्रमित होने से कैसे बचाएं?
जवाब - इस सवाल को लेकर डॉ विवेक ने बताया कि सबसे पहले तो लोगों को सिर्फ घूमने के लिए यात्रा करने से बचना चाहिए। अगर कोई आपातकालीन स्थिति है जिसमें यात्रा करना जरूरी है तभी करें। इसके अलावा यात्रा के दौरान कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए मास्क और सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें। इसके अलावा सामाजिक दूरी ने नियमों का ध्यान जरूर रखें।
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हमें उम्मीद है कोरोना के नए ओमिक्रोन वेरिएंट को लेकर दी गयी यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। अगर आप कोरोना वायरस से जुड़ी सटीक और लेटेस्ट जानकारी के बारे में अपडेट रहना चाहते हैं तो यूट्यूब पर Onlymyhealth को सब्सक्राइब जरूर करें। इसके साथ ही अगर कोरोना से जुड़े आपके कोई सवाल हैं तो उसे आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर भेज सकते हैं।
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