इन 5 लक्षणों के दिखने पर तुरंत लेनी चाहिए मेडिकल सहायता, मानी जाती हैं मेडिकल इमरजेंसी की स्थितियां

आपको शरीर के खास लक्षणों की पहचान कर लेनी चाह‍िए जब आपको तत्‍काल मेड‍िकल सहायता की जरूरत पड़ सकती है 
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इन 5 लक्षणों के दिखने पर तुरंत लेनी चाहिए मेडिकल सहायता, मानी जाती हैं मेडिकल इमरजेंसी की स्थितियां

इमरजेंसी में लाए गए ज्‍यादातर मरीज ठीक होकर अस्‍पताल से लौटते हैं पर अगर वो सही समय पर अस्‍पताल न पहुंच पाएं तो उनकी जान जोख‍िम में पड़ सकती है। अगर आपको लगता क‍ि क‍िसी व्‍यक्‍त‍ि को मेड‍िकल सहायता की जरूरत है तो तुरंत एंबुलेंस सेवा की मदद लें, आप ज‍ितने समय में क‍िसी व्‍यक्‍त‍ि को अस्‍पताल पहुंचाएंगे उससे कम समय में एंबुलेंस व्‍यक्‍त‍ि को अस्‍पताल पहुंचा सकती है क्‍योंक‍ि इन वाहनों के ल‍िए जाम की स्‍थ‍िति में भी ब‍िना रुके अस्‍पताल पहुंचने के प्रोटोकॉल बनाए गए हैं, महामरी के दौरान भी हमने च‍िकि‍त्‍सा सहायता की जरूरत को करीबी से समझा। अगर आपके घर में कोई बीमार, बुजुर्ग व्‍यक्‍ति, बच्‍चा या गर्भवती मह‍िला है तो आपको कभी भी च‍िकित्‍सा सहायता लेनी पड़ सकती है। नीचे 5 स्‍थ‍ित‍ियों के बारे में बताया गया है जब आपको तत्‍काल च‍िकि‍त्‍सा सहायता की जरूरत पड़ सकती है।

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1. चेस्‍ट पेन होने पर च‍िक‍ित्‍सा सहायता तुरंत लें (Chest pain)

अगर आपके घर में कोई बुजुर्ग व्‍यक्‍त‍ि है ज‍िसके चेस्‍ट में पेन है तो आप तुरंत एंबुलेंस बुलाएं, ये हार्ट अटैक के लक्षण भी हो सकते हैं। हार्ट अटैक आने पर व्‍यक्‍त‍ि को पसीना आता है और छाती में तेज दर्द उठता है। 

2. सांस लेने में परेशानी हो तो एंबुलेंस बुलाएं (Breathing problem)

अगर आपको सांस लेने में परेशानी हो रही हो तो आपको तुरंत एंबुलेंस बुलानी चाहि‍ए। अस्‍थमा के मरीजों के कई बार इन्‍हेलर से भी राहत नहीं म‍िलती है तो उन्‍हें मेड‍िकल सेवा की जरूरत पड़ती है ऐसे में इन रोग‍ियों के पास हर समय कोई न कोई होना चाहि‍ए खासकर ज‍िन मरीजों की उम्र 60 या उससे ज्‍यादा है। वहीं कोव‍िड के चलते भी इन द‍िनों सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण नजर आए तो उस केस में आप एंबुलेंस को तुरंत बुलाएं। 

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3. गर्भवती मह‍िला के ल‍िए इमरजेंसी सेवा (Pregnancy)

अगर गर्भवती मह‍िला तीसरी त‍िमाही में है तो आपको एंबुलेंस की जरूरत कभी भी पड़ सकती है क्‍योंक‍ि कुछ केस में बच्‍चे 7 महीने में ही जन्‍म ले लेते हैं, इसे प्रीमेच्‍योर ड‍िलीवरी कहा जाता है इसल‍िए आपको लेबर पेन के लक्षण नजर आएं तो तुरंत एंबुलेंस से संपर्क करें।

4. गंभीर तरीके से जलने पर तुरंत बुलाएं एंबुलेंस (Burn cases)

अगर कोई व्‍यक्‍त‍ि आग के कारण झुलस गया है तो उसे तुरंत च‍िकि‍त्‍सा सहायता की जरूरत होगी, ऐसी स्‍थ‍ित‍ि में एंबुलेंस को तत्‍काल बुलाएं। एंबुलेंस आने तक व्‍यक्‍त‍ि को ठंडे पानी के नीचे रखना चाह‍िए और च‍िक‍ित्‍सा सहायता आने तक उसे गहरी सांस लेने के ल‍िए कहना चाह‍िए।

5. बेहोशी की स्‍थ‍िति में तत्‍काल च‍िकि‍त्‍सा सहायता लें (If a person faints)

अगर कोई व्‍यक्‍त‍ि बेहोश हो गया है तो उसे तुरंत च‍िकित्‍सा सहायता की जरूरत होगी, बेहोश होने के कई कारण हो सकते हैं, आप व्‍यक्‍त‍ि के स‍िर के पीछे का ह‍िस्‍सा चेक करें, कई बार चोट लग जाने के कारण व्‍यक्‍त‍ि बेहोश हो जाता है क्‍योंक‍ि द‍िमाग की नसों पर तेजी से दबाव पड़ता है। वहीं ज‍िन लोगों को स्‍पॉन्‍डलाइट‍िस होता है उनके साथ भी चक्‍कर आने या बेहोश होने जैसी स्‍थ‍ित‍ि बन जाती है। गर्भावस्‍था में भी ऐसी स्‍थ‍ित‍ि आ सकती है ऐसे में आप तुरंत एंबुलेंस बुलाएं।

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कई तरह के वाहन से म‍िल सकती है मदद (Types of medical emergency services)

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मेड‍िकल स्थ‍ित‍ि में आप मुख्‍य 5 प्रकार की मेड‍िकल सेवा की मदद ले सकते हैं जैसे- 

1. साधारण एंबुलेंस- इसमें सामान्‍य चेकअप होते हैं पर ऑक्‍सीजन स‍िलेंडर मौजूद नहीं होता है।

2. ऑक्‍सीजन एंबुलेंस- इसमें ऑक्‍सीजन की पर्याप्‍त सुव‍िधा और मेडिकल स्टॉफ मौजूद होता है। 

3. न्‍यूनेटल एंबुलेंस- नवजात श‍िशुओं के ल‍िए इस्‍तेमाल की जाने वाली एंबुलेंस सेवा। 

4. एयर एंबुलेंस- मरीज को इलाज के ल‍िए एक शहर से दूसरे शहर ले जाने वाली एंबुलेंस सेवा। 

5. एडवांस एंबुलेंस- ऐसी एंबुलेंस जो तकनीकी उपकरण से लैस हो जैसे वेंट‍िलेटर, ऑक्‍सीजन ताक‍ि गंभीर मरीजों का इलाज हो सके।

आपके पास आसपास के सभी अच्‍छे अस्‍पताल और च‍िकि‍त्‍सा सहायता के ल‍िए जरूरी नंबर होने चाह‍िए ताक‍ि जरूरत पड़ने पर आप तक मदद पहुंच सके।

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