पैर छूने से आर्शीवाद ही नहीं मिलता, बीमारियां भी होती हैं खत्म

पैर छूने से केवल बड़ों का आर्शीवाद ही नहीं मिलता बल्कि शरीर को भी लाभ मिलता है, आइए जानें कैसे।
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पैर छूने से आर्शीवाद ही नहीं मिलता, बीमारियां भी होती हैं खत्म


हिंदू धर्म में बड़ों के पैर छूने की परंपरा काफी पुरानी है, जब भी हम किसी विद्वान व्यक्ति या उम्र में बड़े व्यक्ति से मिलते हैं तो उनके पैर छुते हैं। इस परंपरा को मान-सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। और माना जाता है कि रोज बड़े-बुजुर्गों के सम्मान में प्रणाम और चरण स्पर्श करने से उम्र, विद्या, यश और शक्ति बढ़ती जाती है।

समय के साथ यह काफी कम हो गया है। आज नई पीढ़ी के बहुत कम बच्‍चे अपने बड़ों के पैर छूते हैं। लेकिन कुछ लोग आज भी इस परंपरा को निभाते हैं। यह बात तो सभी जानते हैं कि बड़ों के पैर छुना चाहिए, लेकिन यह बात कम ही लोग जानते हैं कि सही मायने में पैर छूने से केवल बड़ों का आर्शीवाद ही नहीं मिलता बल्कि शरीर को भी लाभ मिलता है। जी हां पैर छूने के पीछे चौंकाने वाले वैज्ञानिक कारण भी है। जो इंसान के शारीरिक, मानसिक और वैचारिक विकास से जुड़ा है।

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वैज्ञानिकों को मानना है कि पैर छूने से केवल बड़ों का आशीर्वाद ही नहीं मिलता, बल्कि बड़ों के स्वभाव की अच्छी बातें भी हमारे अंदर उतर जाती है। जब हम किसी आदरणीय व्यक्ति के पैर छूते हैं, तो आशीर्वाद के तौर पर उनका हाथ हमारे सिर के उपरी भाग को और हमारा हाथ उनके पैर को स्पर्श करता है। ऐसी मान्यता है कि इससे उस व्यक्ति की पॉजिटिव एनर्जी आशीर्वाद के रूप में हमारे शरीर में प्रवेश करती है। जिससे हमारा आध्यात्मिक तथा मानसिक विकास होता है। पैर छूने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे फिजीकल एक्‍सरसाइज भी होती है। आमतौर पर तीन तरीकों से पैर छुए जाते हैं।

झुककर पैर छूने के फायदे

झुककर पैर छूने से हमारी कमर और रीढ़ की हड्डी को आराम मिलता है।

घुटने के बल बैठकर पैर छूना

इस विधि से पैर छूने पर हमारे शरीर के जोड़ों पर बल पड़ता है, जिससे जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है।

साष्टांग प्रणाम

साष्टांग प्रणाम करने से हमारे शरीर के सारे जोड़ थोड़ी देर के लिए सीधे तन जाते हैं, जिससे शरीर का स्ट्रेस दूर होता है।

अहंकार का नाश

पैर छूने के तीसरे तरीके का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे हमारा अहंकार खत्म होता है। किसी के पैर छूने का मतलब है उसके प्रति समर्पण भाव जगाना। जब मन में समर्पण का भाव आता है तो अहंकार खत्म हो जाता है।

अन्‍य लाभ

आगे की ओर झुकने से सिर में रक्त प्रवाह बढ़ता है, जो हमारी आंखों के साथ ही पूरे शरीर के लिए लाभदायक है।

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Image Source : astroulagam.com.my & patrika.com

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