
प्रकृति को समझने के लिए प्रकृति से जुड़ना जरूरी है। इसलिए इस साल की थीम कनेक्टिंग पीपल टू नेचर रखा गया है जिसका मतलब है प्रकृति से जुड़ें।
अगर आप खुद के भविष्य को सुरक्षित और खुशहाल बनाना चाहते हैं तो आसपास के पर्यावरण को खुशहाल और ग्रीन बनाएं। इसके लिए आपको प्रकृति से नजदीक जाना होना। प्रकृति के करीब जाने और उससे जुड़ने के लिए ही इस साल विश्व पर्यावरण दिवस की थीम ‘कनेक्टिंग पीपल टू नेचर’ रखी गई है।
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आज है विश्व पर्यावरण दिवस
5 जून को पूरी दुनिया में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। जिसके लिए यूएन इन्वायरनमेंट हर साल पर्यावरण दिवस के लिए एक थीम निर्धारित करता है। इस साल लोगों को प्रकृति से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है और जिसके लिए 5 जून को एक वार्षिक आयोजन निर्धारित किया गया है जो आज कनाडा में होगा।
लोग जा रहे हैं प्रकृति से दूर
यूएन इन्वायरनमेंट के अनुसार वर्तमान में लोग प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं। जबकि पर्यावरण से जुड़ने के लिए पर्यावरण से जुड़ने की जरूरत है।
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होना चाहिए सादा जीवन - केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन
विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने लोगों से सादी जीवनशैली अपनाने की बात कही। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन का कहना है कि अगर लोग मुद्दे का निराकरण करने के लिए आगे नहीं आएंगे तो पेरिस बैठक या कोई अन्य पर्यावरण कानून कुछ नहीं कर पाएगा।
बीते दिनों एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा भी था कि विश्व पर्यावरण दिवस मनाना बेमानी हो जाएगा, अगर लोग पूरे साल पर्यावरण संरक्षण के विचार को अपने मन के अंदर और अपने व्यवहार में उतारेंगे नहीं। जबकि इस धरती को बचाने के लिए हमें कम से कम में काम चलाने वाली जीवनशैली अपनानी चाहिए।
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