Ayurveda Day 2025: आयुर्वेद दिवस क्यों मनाया जाता है? जानें इसका महत्व और इस साल की थीम

Ayurveda Day 2025 हर साल 23 सितंबर को मनाया जाता है। जानें आयुर्वेद दिवस का इतिहास, महत्व, इस साल की थीम।
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Ayurveda Day 2025: आयुर्वेद दिवस क्यों मनाया जाता है? जानें इसका महत्व और इस साल की थीम


आज आयुर्वेद दिवस है। ये दिन खासतौर पर आयुर्वेदिक को प्रमोट करने के लिए मनाया जाता है। आयुर्वेद का इतिहास वैसे तो हजारों साल पुराना है, मगर पिछले कुछ सालों में, खासकर कोरोना काल के बाद लोगों का इस पर भरोसा बढ़ा है। आधुनिक दौर में लोग दवाइयों और अस्पतालों पर पहले से कहीं ज्यादा निर्भर हो गए हैं। लेकिन हजारों साल पहले हमारे पूर्वजों ने सेहतमंद रहने के लिए जो सूत्र दिए थे, वो आज भी कारगर हैं। यही कारण है कि आयुर्वेद अब भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में पॉपुलर हो रहा है।

आयुर्वेद दिवस का इतिहास

भारत सरकार ने पहली बार आयुर्वेद दिवस की शुरुआत 2016 में की थी। उस समय यह दिन Dhanwantari Jayanti यानी धनतेरस के अवसर पर मनाया गया था। लेकिन धनतेरस की तारीख हिंदू कैलेंडर के अनुसार तय होती है, जिससे यह हर साल बदलती थी। इसलिए मार्च 2025 में सरकार ने यह तय किया कि अब से हर साल 23 सितंबर को आयुर्वेद दिवस मनाया जाएगा। यह बदलाव इसलिए जरूरी था ताकि वैश्विक स्तर पर आयुर्वेद दिवस के आयोजन में कोई समस्या न आए।

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आयुर्वेद दिवस 2025 की थीम

इस साल आयुर्वेद दिवस की थीम है- “Ayurveda for People & Planet” यानी आयुर्वेद सिर्फ व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए नहीं, बल्कि पृथ्वी, पर्यावरण और प्रकृति के संतुलन के लिए भी क्यों जरूरी है, इसके लिए लोगो को जागरूक किया जाएगा।

क्या है आयुर्वेद दिवस का महत्व

आयुर्वेद दिवस मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि लोगों में आयुर्वेद के लिए जागरूकता बढ़ाई जा सके। इसके अलावा इसे एक वैश्विक पहचान दिलाने और दुनिया को इसका महत्व बताने के लिए भी इस विशेष दिन को चुना गया है। दरअसल आयुर्वेद सिर्फ इलाज की विधि नहीं है, बल्कि एक जीवनशैली है, जो खान-पान, दिनचर्या और प्रकृति के साथ तालमेल बिठाकर लंबे समय तक स्वस्थ रहने की कला सिखाती है। Onlymyhealth भी आयुर्वेद पर एक स्पेशल सीरीज करता है, जिसका नाम 'आरोग्य विद आयुर्वेद' है। इस सीरीज में आप आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा बताए गए सेहतमंद जीवन जीने के उपाय, आयुर्वेदिक हर्ब्स के बारे में जानकारियां और आयुर्वेदिक थेरेपीज के बारे में पढ़ सकते हैं।

कुल मिलाकर आयुर्वेद हमें यह याद दिलाता है कि बीमार होने के बाद नहीं, बल्कि स्वस्थ रहने पर ही शरीर और मन का ध्यान रखना जरूरी है। आपको अपना खानपान और लाइफस्टाइल ऐसा रखना चाहिए कि आप बीमार न पड़ें।

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  • Sep 23, 2025 15:26 IST

    Published By : Anurag Gupta

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