फैटी लिवर के संकेत हैं हर समय थकान और कमजोरी, इससे बचने के लिए डाइट में ये 4 बदलाव

लाइफस्‍टाइल में कई सारे बदलावों के कारण लोगों में मोटापा या ओवरवेट और डायबिटीज की समस्‍या बहुत ही आम हो चुकी है। जिसकी वजह से नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर की समस्‍या पैदा होती है। यदि आप नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर (NAFLD) या नॉन एल्कोहॉलिक स्टीटोहेपेटाइटिस फैटी लिवर (NASH) से पीडि़त है, तो आपको इससे बचाव के लिए अपनी डाइट में कुछ छोटे से बदलाव की आवश्‍यकता है। 
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फैटी लिवर के संकेत हैं हर समय थकान और कमजोरी, इससे बचने के लिए डाइट में ये 4 बदलाव


लाइफस्‍टाइल में कई सारे बदलावों के कारण लोगों में मोटापा या ओवरवेट और डायबिटीज की समस्‍या बहुत ही आम हो चुकी है। जिसकी वजह से नॉन एल्कोहोलिक फैटी लिवर की समस्‍या पैदा होती है। जी हां, ये तीनों कारक ही फैटी लिवर के सबसे बड़े कारण माने जाते हैं। ऐसे में यदि आप एल्‍कोहल का सेवन नहीं भी करते हैं लेकिन आपका वजन अधिक है या फिर आप डायबिटीज के रोगी हैं, तो सावधान हो जाईए। क्‍योंकि इन तीनों में से कोई भी समस्या की वजह से फैटी लिवर होने की पूरी संभावना होती है। यदि इसका समय रहते इलाज न करवाया जाए, तो यह फिर सिरोसिस लिवर में बदल सकता है। जिससे कि आपका लिवर डैमेज होने की स्थिति आ जाती है। सिरोसिस, य‍कृत के कैंसर के बाद की दूसरी सबसे गंभीर बीमरियों में से एक है। यदि आप नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर (NAFLD) या नॉन एल्कोहोलिक स्टीटोहेपेटाइटिस फैटी लिवर (NASH) से पीडि़त है, तो आपको इससे बचाव के लिए अपनी डाइट में कुछ छोटे से बदलाव की आवश्‍यकता है।  

नॉन एल्कोहॉलिक स्टीटोहेपेटाइटिस क्या है?

नॉन एल्कोहॉलिक स्टीटोहेपेटाइटिस (NASH) लिवर की सूजन और लिवर में वसा का जमा होने के कारण क्षति होती है। नॉन एल्कोहॉलिक स्टीटोहेपेटाइटिस लिवर रोग का हिस्सा है। यदि आपका "फैटी लीवर" है और आपके लिवर में वसा के निर्माण होता है, तो जरूरी नहीं कि आपमें उससे कोई समस्या या उसके कोई लक्षण दिखें। जबकि कुछ लोगों में लिवर में फैट बढ़ने के कारण लिवर में सूजन लिवर सेल्स को क्षति पहुंचती है। लिवर में क्षति के कारण आपका लिवर सही से काम नहीं करता।

नॉन एल्कोहॉलिक स्टीटोहेपेटाइटिस  (NASH) के लक्षण 

  • हर समय थकान महसूस होना।
  • बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन कम होना।
  • सामान्य रूप से कमजोरी।
  • आपके पेट के ऊपरी दाहिने भाग में दर्द। 

हाई-ग्लाइसेमिक-इंडेक्स फूड्स से बचें

नॉन एल्कोहॉलिक स्टीटोहेपेटाइटिस फैटी लिवर से बचाव के लिए आप हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ के सेवन से बचें। सफेद रोटी, सफेद चावल और आलू इसमें शामिल हैं। इनके अलावा,  हाई-ग्लाइसेमिक-इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों में चीनी, आटा, कुकीज, क्रैकर्स और कुछ फल जैसे- केला, अंगूर, और किशमिश शामिल हैं। 

लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड खाएं

कई कम-ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ हैं, जिनका आप सेवन कर सकते हैं, जैसे कई फल, सब्जियां और साबुत अनाज। कुछ कम-ग्लाइसेमिक-इंडेक्स सब्जियां शतावरी, सेम स्प्राउट्स, ब्रोकोली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, फूलगोभी, अजवाइन, ककड़ी, बैंगन, कोलार्ड साग, स्विस चार्ड, केल, सरसों, शलजम, मशरूम, भिंडी, प्याज, मटर हैं। इसके अलावा, मिर्च, मूली, स्क्वैश, टमाटर, तोरी और गोभी भी इसमें शामिल हैं। 

शराब के सेवन से बचें

यदि आप शराब का सेवन करते हैं या शराब के आदि हैं, तो इसके सेवन को तुरंत बंद या फिर कम कर दें। शराब का सेवन आपके लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है। हेल्‍थ एक्‍सपर्ट्स बताते हैं, कि पुरुषों के लिए, शराब का अधिक सेवन प्रति दिन 4 ड्रिंक और प्रति सप्ताह 14 से अधिक होता है, जबकि महिलाओं में शराब के ज्‍यादा उपयोग को प्रति दिन 3 और प्रति सप्ताह 7 से अधिक के रूप में परिभाषित किया है। 

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खाद्य पदार्थ जिसमें चीनी और फ्रुक्टोज शामिल हो 

यदि आप नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर (NAFLD) या नॉन एल्कोहोलिक स्टीटोहेपेटाइटिस फैटी लिवर (NASH)से पीडि़त है, तो आपको ऐसे खाद्य व पेय से बचें, जिनमें कि ज्‍यादा मात्रा शुगर और फ्रुक्टोज होते हैं। इसलिए स्‍वीट कोल्‍ड ड्रिंक्‍स, स्पोर्ट्स ड्रिंक, मीठी चाय व जूस के सेवन से बचें क्‍योंकि इसमें फ्रुक्टोज पाया जाता है। 

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