तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में आई बाढ़ ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। इस बाढ़ ने ग्लोबल वार्मिंग को तो चुनौती तो दी ही है लेकिन फिलहाल चेन्नई में लोग हैजा या पीलिया के फैलने के खतरे से डरे हुए हैं। ये राहत की बात है कि भारी बारिश के एक सप्ताह बाद वहां महामारी के कोई संकेत दिखाई नहीं दे रहे हैं। जिससे शहर के स्वास्थ्य अधिकारी और डॉक्टर राहत महसूस कर रहे हैं। लेकिन शहर में जिस पैमाने पर जल जमाव है उसको लेकर लोग और चिकित्सक डरे हुए हैं।
शहर में सारे डॉक्टर अलर्ट हो गए हैं और शहर की स्वास्थ्य संबंधी स्थितियों में नजर रखे हुए हैं। तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन ने, "हालांकि हमने राहत की सांस ली है लेकिन अगले चार से छह हफ़्ते तक हम महामारी को लेकर निगरानी रखना जारी रखेंगे।" वहीं सरकारी मेडिकल कॉलेज किलपौक के डीन डॉक्टर आर नारायन बाबू ने बताया, “हैज़ा या पीलिया जैसी महामारी के कोई संकेत नहीं हैं।”
मोबाइल यूनिटें पहुंच रहीं शहर
सरकार ने किलपौक मेडिकल कॉलेज और रॉयपेट्टा अस्पताल व अन्य संस्थानों की मदद से पूरे शहर में 1105 मेडिकल रिलीफ़ कैंप बनवाए हुए हैं। साथ ही तिरुचिरापल्ली और वेल्लोर जैसे ज़िलों से मेडिकल कैंप की मोबाइल यूनिटें यहीं लोगों की सहायता के लिए पहुंच रही हैं।