
आमतौर पर ओवरी कैंसर के मरीजों में शुरुआत में गांठों का पता लगाना मुश्किल होता है। इस कारण जब तक गांठों के बारे में पता चलता है तब तक काफ़ी देर हो चुकी होती है। लेकिन अब वैज्ञानिक रक्त जांच करने के एक ऐसे तरीके की खोज कर रहे हैं जिससे शुरुआत में ही ओवरी कैंसर का पता लगाया जा सके।
अमेरिका में हुए एक शोध के मुताबिक़ ओवरी कैंसर की जांच के एक नए तरीक़े की खोज से बिल्कुल शुरुआत में ही इस बीमारी के बारे में पता चल सकता है।
'कैंसर' नामक जर्नल में प्रकाशित इस रिपोर्ट के मुताबिक़ जांच के इस नए तरीक़े को 4051 महिलाओं पर आजमाया गया। नतीजों के मुताबिक इससे इलाज की ज़रूरत वाली महिलाओं की पहचान की जा सकती है। हालांकि जांच के इस तरीक़े के बारे में एक विस्तृत अध्ययन ब्रिटेन में किया जा रहा है जिसकी रिपोर्ट 2015 में आएगी।
ओवरी कैंसर का शुरुआत में पता चल जाने से 90 फीसदी मरीजों के ठीक हो जाने की संभावना रहती है, जबकि इस बीमारी की जानकारी बाद में लगने पर 30 फीसदी मरीज ही ठीक हो पाते हैं।
वैज्ञानिकों को यह बात पहले से पता है कि ओवरी कैंसर के मरीजों के रक्त में 'सीए125' नामक प्रोटीन का स्तर अधिक होता है। शोधकर्ताओं ने रक्त की जांच के उस तरीके का परीक्षण किया हैं जिससे कि 'सीए125' प्रोटीन के स्तर के आधार पर कैंसर से पीड़ित हो सकने वाले मरीजों की पहचान की जा सके।
इस आधार पर सीधे सर्जरी कराने की बजाय 'लो रिस्क' वाले मरीज़ों की साल में एक बार और 'मीडियम रिस्क' वाले मरीज़ों की तीन महीने पर जांच करवाने के अलावा 'हाई रिस्क' वाले मरीज़ों में गांठ के बारे में पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड करवाया गया। अमरीका के टेक्सस विश्वविद्यालय में किए गए इस अध्ययन में महिलाओं पर औसतन 11 वर्षों तक नज़र रखी गई।
शोधकर्ता डॉक्टर करेन लु ने बीबीसी से कहा, ''हमारे अध्ययन से निश्चित तौर पर इलाज के तरीक़े में बदलाव नहीं होगा, लेकिन इससे हमें विस्तृत जानकारी मिलती है।'' डॉक्टर लु का कहना है कि 50 हजार महिलाओं पर ब्रिटेन में किए जा रहे अध्ययन से निश्चित परिणाम मिल सकेगा।
ओवैरियन कैंसर एक्शन रिसर्च की डॉक्टर सारा ब्लैगडेन का कहना है, ''ब्रिटेन में जारी शोध की तुलना में यह अध्ययन छोटा है, लेकिन इससे पता चलता है कि ओवरी की प्रभावी जांच की जा सकती है।''
टार्गेट ओवैरियन कैंसर के मुख्य कार्यकारी एनवेन जोंस का कहना है, ''इसमें कोई शक नहीं कि इस अध्ययन के नतीजे बेहद सकारात्मक हैं और हमें इनसे उम्मीद रखनी चाहिए।''
Read More Health News In Hindi
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version