Doctor Verified

ओवेरियन कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए अपनाएं ये 4 टिप्स

ओवरी यानी अंडाशय का कैंसर महिलाओं में होने वाली एक गंभीर बीमारी है। ऐसे में आइए जानते हैं इसके रोकथाम के लिए क्या किया जा सकता है।
  • SHARE
  • FOLLOW
ओवेरियन कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए अपनाएं ये 4 टिप्स


Ovarian Cancer Prevention Tips in Hindi: ओवरी यानी अंडाशय का कैंसर महिलाओं में होने वाली एक गंभीर बीमारी है। महिलाओं को अक्सर इस बीमारी के बारे में देर से पता चलता है, इसलिए इसका इलाज मुश्किल हो जाता है। इसलिए, जरूरी है कि महिलाएं ओवरी कैंसर से बचाव के लिए जरूरी कदम उठाएं, या अपने स्वास्थ्य का खास ध्यान रखें, ताकि ओवर कैंसर के होने के जोखिम को कम किया जा सके। बता दें कि हर साल 8 मई को वर्ल्ड ओवेरियन कैंसर डे मनाया जाता है। यह दिन ओवरी कैंसर के बारे में लोगों के बीच जागरुकता फैलाने और लोगों को इस गंभीर बीमारी के बारे में जानकारी देने में अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में ओवरी कैंसर के रोकथाम के बारे में जानने के लिए हमने नोएडा के फोर्टिस हॉस्पिटल के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग की एसोसिएट कंसल्टेंट डॉ. नीतू पांडे (Dr. Neetu Pandey, Associate Consultant, Radiation Oncology, Fortis Hospital, Noida) से बात की-

ओवेरियन कैंसर के जोखिम को कम करने के उपाय - Ovarian Cancer Prevention Tips in Hindi

1. गर्भधारण

किसी भी महिला के लिए ओवेरियन कैंसर के जोखिम को कम करने में उनकी फूल टर्म प्रेग्नेंसी अहम रोल अदा करती है। दरअसल, जितनी बार एक महिला गर्भावस्था पूरी करती है, ओवरी कैंसर का खतरा उतना ही कम होता है। गर्भधारण के दौरान अंडाशय में अंडाणु का निकलना बंद हो जाता है, जिससे अंडाशय को आराम मिलता है और सेल्स ज्यादा नहीं बढ़ते हैं। यह प्रक्रिया कैंसर की संभावना को कम करती है। इसलिए, जो महिलाएं एक से ज्यादा बार प्रेग्नेंट हुई हैं और बच्चे को जन्म दिया है, उनमें ओवरी कैंसर का जोखिम हो होता है।

इसे भी पढ़ें: ओवेरियन कैंसर आपके शरीर को कैसे प्रभावित कर सकता है? डॉक्टर से जानें

2. ओरल बर्थ कंट्रोल पिल्स

ओवरी कैंसर के जोखिम को कम करने में ओरल बर्थ कंट्रोल पिल्स भी अहम भूमिका निभाते हैं। जो महिलाएं लंबे समय तक बर्थ कंट्रोल पिल्स लेती हैं, उन्हें ओवरी कैंसर होने की संभावना काफी कम होती है। 5 या ज्यादा सालों तक इन गोलियों का सेवन करने से कैंसर होने की संभावना कम हो सकती है। हालांकि, बर्थ कंट्रोल पिल्स के कुछ साइड इफेक्ट्स भी हैं, इसलिए महिलाओं के लिए जरूरी है कि वे हमेशा इन्हें डॉक्टर की सलाह पर ही लें।

ovarian cancer prevention tips

3. ट्यूबल लिगेशन

ट्यूबल लिगेशन यानी ट्यूब्स को बांधना, दोनों अंडाशयों या फेलोपियन ट्यूब्स को हटवाना या हिस्टेरेक्टॉमी जैसी सर्जरी ओवरी कैंसर के जोखिम को कम कर सकती हैं। दरअसल, फेलोपियन ट्यूब्स से शुरू होने वाले कुछ तरह के कैंसर को इन सर्जरी के जरिए रोका जा सकता है। जो महिलाएं किसी स्वास्थ्य स्थिति के कारण इन सर्जरियों से गुजरती हैं, उनमें ओवरी कैंसर का खतरा कम होता है।

4. स्तनपान

कई बार लंबे समय तक अपने शिशु को ब्रेस्टफीड कराने वाली महिलाओं में भी ओवरी कैंसर का खतरा अन्य महिलाओं के मुकाबले कम होता है। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान भी कई बार महिलाओं के अंडाणु का निकलना रुक जाता है, जिससे अंडाशय पर कम दबाव पड़ता है और ये कैंसर होने के जोखिम को कम कर सकता है।

इसे भी पढ़ें: क्या HPV वैक्सीन ओवेरियन कैंसर से बचाव कर सकती है? जानें डॉक्टर से

निष्कर्ष

ओवरी कैंसर एक गंभीर बीमारी है। लेकिन, इसके होने के जोखिम को कम करने के लिए आप इन बातों पर ध्यान दे सकती हैं। इसके अलावा, ओवरी कैंसर के बढ़ने के जोखिम को रोकने के लिए समय-समय पर जांच कराना, लक्षणों पर ध्यान देना और सही लाइफस्टाइल पर फोकस करना जरूरी है।
Image Credit: Freepik

FAQ

  • ओवेरियन कैंसर के क्या कारण हैं?

    ओवेरियन कैंसर आमतौर पर महिलाओं के एक या दोनों अंडाशयों में सेल्स के असामान्य रूप से बढ़ने के कारण होता है।
  • ओवेरियन कैंसर के कितने स्टेज होते हैं?

    ओवेरियन कैंसर के चार मुख्य चरण होते हैं-पहला चरण- कैंसर केवल एक या दोनों अंडाशयों में पाया जाता है।दूसरे चरण- कैंसर अंडाशय से श्रोणि क्षेत्र के अन्य हिस्सों में फैल जाता है।तीसरे चरण- कैंसर श्रोणि के बाहर फैल जाता है और लिम्फ नोड्स में या पेट की परत पर फैल सकता है ।चौथा चरण- कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों जैसे फेफड़े, लिवर या हड्डी में फैलने लगता है।
  • महिलाओं में गर्भाशय कैंसर के क्या लक्षण हैं?

    महिलाओं में गर्भाशय कैंसर के योनि से खून आना, स्पॉटिंग, हैवी पीरियड्स, पेट में दर्द और वजाइनल डिस्चार्ज है।

 

 

 

Read Next

ओवेरियन कैंसर आपके शरीर को कैसे प्रभावित कर सकता है? डॉक्टर से जानें

Disclaimer