Baby Care Tips: नवजात शिशु इशारों से बताते हैं अपनी समस्‍याएं, इन 6 तरीकों से समझें इसे

नवजात बच्‍चे के इशारों और बॉडी लैंग्वेज को समझना बेहद जरूरी है। हालांकि मुश्किल जरूर है लेकिन नामुमकिन नहीं। नवजात शिशु बोलचाल या शब्दों के माध्यम से बातें, तो नहीं कर सकता लेकिन वह खुद को बॉडी लैंग्वेज के जरिए अपनी बात को व्यक्त करता है। इसलिए हर अभिभावक के लिए जरूरी है कि, जब तक आपका बच्‍चा बोल नहीं पाता, तब तक आप उसके इशारों या बॉडी लैंग्वेजको समझने व महसूस करने की कोशिश करें कि आपका बच्‍चा क्‍या चाहता है।
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Baby Care Tips: नवजात शिशु इशारों से बताते हैं अपनी समस्‍याएं, इन 6 तरीकों से समझें इसे

आपका नवजात बच्चा आपसे बात नहीं कर सकता लेकिन वह अपनी खुशी, पेरेशानी को अपने हाव-भाव और शारीरिक भाषा यानि बॉडी लैंग्‍वेज से व्‍यक्‍त करता है। बच्‍चे के संकेत रोने से लेकर हिचकी या फिर अंगूठे और कलाई के लगातार चूसने तक कुछ भी हो सकते हैं। इसलिए बस आपको थोड़ा समझने की और सतर्क रहने की जरूरत है कि आपका बच्‍चा क्‍या कहना चाह रहा है। इससे आपको समय पर उसकी परेशानी दूर करने में मदद मिलेगी। आइए हम आपको कुछ आसान टिप्‍स दे रहे है, जो आपको आपके बच्‍चे के संकेतों को समझने में मदद करेंगे। 

बच्‍चे का रोना 

नवजात बच्‍चे को आमतौर पर आप सबने रोता देखा होगा। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि बच्‍चे के रोने से कैसे पता लगाया जाए कि वह क्‍यों रो रहा है? बच्‍चे के रोने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें भूख, डर या दर्द शामिल हैं। स्पेनिश जर्नल ऑफ साइकोलॉजी में प्रकाशित अध्‍ययन में 'यूनिवर्सिटी ऑफ मर्सिया और नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ डिस्टेंस एजुकेशन (UNED) के स्पेनिश शोधकर्ताओं के अनुसार, उन्‍होनें 3 से 18 महीने के बीच के 20 नवजात शिशुओं का अध्ययन किया। उन्होंने पाया कि एक बच्चा दर्द में रोने के दौरान आँखें बंद कर लेता है और भूख लगने पर आंखें खोलकर रोता है। इसलिए इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बच्‍चे के रोने के पीछे क्‍या वज‍ह है। इसलिए बच्‍चे के रोने की वजह को सुनिष्‍चत करें और यदि दर्द या कोई समस्‍या हो, तो तुरंत डाक्‍टर की सलाह लें।  

तेजी से सांस लेना

कई बार आप देखेंगे कि आपका नवजात शिशु बहुत तेजी से सांस ले रहा होता है। इसके पीछे दो वजह हो सकती हैं, हो सकता है वह सिर्फ उत्साहित और खुश हो या यह बच्‍चे के डर की प्रतिक्रिया भी हो सकती है। बच्‍चे का ऐसे करने पर आप उसे अपने पास लें और उससे इशारों में बात करें, उसे शांत करने की कोशिश करें या उसके साथ खेलें।  

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पैरों या घुटनों को पेट से लगाकर सोना 

क्या आपका बच्चा अपने पेट पर अपने पैरों या घुटनों को कसकर रखकर सोता है? तो यह पाचन संबंधी किसी समस्या से पीड़ित होने का संकेत हो सकता है। पेट में दर्द, बेचैनी या कब्ज के कारण भी आपका बच्‍चा इस स्थिति में लेट सकता है। इसलिए आप सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा हर दूध पिलाने के बाद सही से व्‍यवहार कर रहा है या नहीं और यदि आप स्तनपान करा रहे हैं, तो ऐसे भोजन से बचें जो गैस का कारण बनता है। यदि यह मदद नहीं करता है, तो डॉक्टर से परामर्श लें। 

हवा में पैर या लात मारना

एक नवजात बच्चा, जब हवा में पैर मारता है, तो यह आमतौर पर सामान्य है। लेकिन इसके पीछे दो कारण होते हैं- पहला या तो बच्‍चा खुश मिजाज मूड में है और दूसरा जब बच्‍चा हवा में पैर मारने के साथ रो रहा है, तो इसका मतलब वह असुविधा में है। ऐसे में आप बच्‍चे की नैप्‍पी देखें कि क्‍या वह गीलेपन के कारण रो रहा है या उसका डायपर बदलने की जरूरत है। अगर बच्‍चा खुश है, तो उसे लात मारने के लिए प्रोत्साहित करें। इससे उसके पैरों में मांसपेशियों का विकास होगा।

कान खींचना

जरूरी नहीं कि बच्‍चे के हर बॉडी लैंग्‍वेज से आप घबराएं। क्‍योंकि बच्‍चा अधिकतर अपने चेहरे पर नाक कान, आंखों पर हाथ से कुद न कुछ करता रहता है क्‍योंकि वह उसके पहुंच के भीतर होते हैं। लेकिन जब बच्‍चा बार-बार कानों को खींचे, तो यह कभी-कभी कान के संक्रमण व किसी परेशानी का संकेत दे सकता है।

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आंखों को रगड़ना 

अधिकतर बच्‍चे अपने आंखों को थकान और नींद के कारण रगड़ते हैं। लेकिन नींद से उठने के बाद भी यदि बच्‍चा आंखों को रगड़े, तो बच्‍चे की जांच करवा लें, क्‍योंकि बच्‍चे का यह संकेत आंख में कूढ़ा जाने या आंखों में संक्रमण हो सकता है। 

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