
आज कल हमारी लाइफ स्ट्रेस और मानसिक परेशानियों से भरी हुई है। ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे पास एक वक्त में कई सारे काम होते हैं और हमारा दिमाग आराम नहीं कर पाता है। इस थकान का असर हमारे मन पर भी होता है, जो कि गुस्से और चिढ़चिढ़ेपन के रूप में कई बार सामने आता है। ये आमतौर पर स्ट्रेस के कारण होने हार्मोनल असंतुलन के कारण होता है, जो कि हमारा मूड खराब कर देता और हमें एक अजीब से मनोस्थिति के साथ छोड़ देता है।इस मनोस्थिति का नुकसान शरीर को तब और ज्यादा होता है, जब हम इस दौरान खाते, पीते या सोते हैं। जी हां, कई अध्ययन बताते हैं कि जब हम गुस्से में हों या स्ट्रेस में तो हमें कुछ खाने-पीने और यहां तक कि सोने से भी बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इसका असर हमारे शरीर के बाकी अंगों के स्वास्थ्य पर होता है और उनका काम धीमा पड़ जाता है। वेलनेस कॉच ल्यूक कॉटिन्हो (Luke Coutinho) ने हाल ही में गुस्सा और स्ट्रेस के कारण शरीर पर होने वाले असर के बारे में बताया, जिसमें कि उन्होंने स्ट्रेस ईटिंग (Stress and Eating Behaviors) के नुकसानों पर विस्तार से चर्चा की।
गुस्से में खाना खाने से बचें -Why You should Never Eat while angry or stressed?
वेलनेस कॉच ल्यूक कॉटिन्हो (Luke Coutinho) की मानें, तो इंसानों का शरीर बहुत ही आराम से काम करता है और जब हम गुस्से में होते हैं, तो इस स्ट्रेस का असर हमारे पाचनतंत्र और शरीर के बाकी हिस्सों पर होता है। ल्यूक कॉटिन्हो की मानें, तो जब हम गुस्से में होते हैं, तो हमारा नर्वस सिस्टम सहानुभूति मोड (sympathetic mode) में चला जाता है, जिसका असर हमारे पाचन तंत्र और मेटाबोलिज्म पर होता है। हमारे बॉडी का डाइजेशिटिव सिस्टम एक तरह से धीमा हो कर बंद हो जाता है, जिसकी वजह से हमारे शरीर को ये 5 बड़े नुकसान (Harmful effects of eating with anger) होते हैं।
1. गुस्से में खाना खाने से हमारा पाचनतंत्र काम करना बंद कर देता है और ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है।
2. गुस्से में खाना खाने से हमारे शरीर का ब्लड शुगर बढ़ जाता है और इससे बाकी शरीर को नुकसान होता है।
3.इसके साथ ही हमारा कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ जाता है, जो कि शरीर में अन्य परेशानियां पैदा कर सकता है।
4.गुस्से में खाना खाने से शरीर में फैट की मात्रा बड़ी तेजी से बढ़ती है, क्योंकि खाना सही से पचता नहीं है और बैली फैट (Belly Fat) के रूप में जमा होने लगता है।
5. इस तरह की स्ट्रेस ईटिंग आसानी से आपका वजन बढ़ा सकती है।
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शरीर के लिए कारगर है रेस्ट एंड डाइजेस्ट (Rest and Digest)का फॉर्मूला
ल्यूक कॉटिन्हो की मानें, तो हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम एक आराम के साथ काम करता है। दरअसल, जब हम खुशी से आराम से बैठ कर खाना खाते हैं, तो हमारा मेटाबोलिज्म खाने को आराम से छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ कर डाइजेशन के प्रोसेस को बड़ी ही बारीकी से पूरा करता है। इसके बाद शरीर इन हेल्दी चीजों से अपने लिए पर्याप्त एनर्जी पा लेता है और बाकी वेस्ट चीजों को शरीर में बाहत कर देता है। पर जब आप गुस्से में और स्ट्रेस में खाना खाते हैं, तो इस प्रोसेस में रूकावट आ जाती है।
नींद भी होती है प्रभावित
ल्यूक कॉटिन्हो बताते हैं कि गुस्से में खाना खाने से हमारी नींद भी प्रभावित होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि पहले तो हमारा खाना सही से पच नहीं पाता है जिसके वजह से नींद सही से नहीं आती है। दूसरा ये कि जब हम गुस्से में होते हैं तो हमारे दिमाग में लगातार कुछ न कुछ चल रहा होता है, जिसके कारण हमारा दिमाग पैरा सिमपेथेटिक मोड (para sympathetic mode)में चला जाता है, तो न हम सही से सो पाते हैं और न हमारा खाना सही से पच पाता है। इसके चलते शरीर में अन्य परेशानियां पैदा होती हैं, जैसे कि
- -ब्लोटिंग या पेट फूलना
- -सोने के बाद गैस की परेशानी
- -सीने में जलन या एसिड रिफ्लक्स
- -कब्ज की समस्या
- -डायरिया

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स्ट्रेस ईटिंग के नुकसान -Side Effects Of Stress Eating
ल्यूक कॉटिन्हो बताते हैं जब आप गुस्से में या तनाव में खाना खाते हैं, तो आपका ब्लड प्रेशर बहुत ज्यादा प्रभावित होता है। पर सबसे ज्यादा प्रभाव शरीर में खाना पचाने वाले एसिड पर होता है। यानी कि अगर आप स्ट्रेस ईटिंग कर रहे हैं, तो आपके गुड बैक्टीरिया सही से काम नहीं कर पाएंगे और इसके चलते आपका खाना सही से पच नहीं पाएगा। इसके चलते शरीर को अन्य नुकसान भी होंगे। जैसे कि
- -स्ट्रेस ईटिंग करने से खाना खाने और चबाने में परेशानी हो सकती है।
- -शरीर खाई हुई चीजों का तोड़ नहीं पाएगा और सही से इसका फायदा नहीं मिलेगा।
- -स्ट्रेस ईटिंग से आपके गट हेल्थ को नुकसान होगा और आपके पेट के दीवारों में सूजन हो सकती है।
- -गट और ब्रेन का कम्युनिकेशन खराब हो जाएगा, जिससे शरीर को खाने का कोई फायदा नहीं होगा।
- -स्ट्रेस ईटिंग करने से आपके शरीर का बैड बैक्टीरिया खुन में जा कर मिल सकता है, जिसके चलते आपको ऑटोइम्यून डिजीज भी हो सकते हैं।
स्ट्रेस ईटिंग से बचने का उपाय
स्ट्रेस ईटिंग से बचने का उपाय ये कि आपको पहले तो खुद को शांत रखना चाहिए और गुस्सा कम करने की कोशिश करनी चाहिए। उसके बाद कभी भी तेज भूख लगने पर, तेज गुस्सा आने पर, बहुत ज्यादा दुखी या खुश होने पर खाना खाने से बचना चाहिए। दरअसल, इस दौरान आप खाना नहीं खा रहे होते हैं, बल्कि इमोशनल ईटिंग (Emotional Eating Disorder) करते हैं, जिसका शरीर को काफी नुकसान होता है। इसलिए अगर आप गुस्से में हैं और ये आपके रात या सुबह के खाने का वक्त है, तो
- -गुस्से में खाना खाने न जाएं और थोड़े देर कहीं दूस जा कर बैठ जाएं।
- -सीधे बैठें और शरीर को आराम करने दें।
- -आंख बंद करें और 6 बार लंबी सांस लें।
- -खुद को शांत करें।
- -फिर अपने भोजन के बारे में सोचे और प्यार से उसकी ओर देखते हुए आदार से खाना खाएं।
- -खाना खाते समय कुछ भी याद न करें और खाने का मजा लें।
याद रखें कि आपका दिमाग, आपके शरीर के लिए हर तरह से काम करता है, जिसका अच्छा या बुरा प्रभाव आपके हर काम पर होता है। तो, खाना खाने से पहले कभी भी दुखी न हों या गुस्से में हों या नाराज हों या दुखी हों, तो खाना न खाएं।
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