आपका खाना आपके मूड को बंया कर सकता है। जब अक्सर हम खुश होते हैं, तो कुछ अच्छा खाने की इच्छा व्यक्त करते हैं। लेकिन वहीं अगर हम दुखी हैं या नकारात्मक भावनाओं को दबाना या शांत करना चाहते हैं, तो हम खाने को नजरअंदाज कर देते हैं। कुछ लोग तनाव या दुख की स्थिति में खाना छोड़ देते हैं, जबकि कुछ ज्यादा खाना खाने लगते हैं। इस तरह इमोशन के हिसाब से खाने को इमोशनल ईटिंग कहा जाता है। इमोशनल ईटिंग कुछ लोगों में वजन बढ़ने और अन्य कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। इसलिए जरूरी है कि खाने के इस पैर्टन को कंट्रेाल किया जाए।
पुरुषों और महिलाओं दोनों में इमोशनल ईटिंग देखने को मिल सकती है, लेकिन यह महिलाओं में अधिक आम पाया जाता है। भूख और इमोशनल ईटिंग के बीच के अंतर को समझ पाना मुश्किल है। भावनात्मक रूप से कमजोर होना या तनाव लेने से कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है, जिससे अधिक क्रेविंग हो सकती है और यह इमोशनल ईटिंग को बढ़ा सकता है। आइए यहां हम आपको इमोशनल ईटिंग को रोकने के कुछ उपाय बता रहे हैं।
इमोशनल ईटिंग को कैसे रोकें?
अधिकतर लोग इमोशनल ईटिंग और भूख के बीच अंतर नहीं समझ पाते, जिसके कारण वह इमोशनल ईटिंग को भूख समझकर खाना खाने लगते हैं। कभी-कभी, वे बहुत खुश होने पर खाते हैं, तो कभी वह तब खाते हैं, जब वे नाराज होते हैं। जरूरी नहीं कि तब वे भूखे हों। अब सवाल ये उठता है कि इमोशनल ईटिंग को कैसे रोका जाए, तो यहां कुछ टिप्स दिए गए हैं, जिनकी मदद से आप इमोशनल ईटिंग को रोक सकते हैं।
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1. नकारात्मक भावनाओं से निपटने का तरीका खोजें क्योंकि ये इमोशनल ईटिंग का एक कारण है। ऐसे में आप डायरी लिखें, कोई किताब पढ़ें या गहरी साँस लेने के साथ कुछ ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें। ऐसी बहुत सी गतिविधियां हैं, जो आपके दिमाग को भोजन से तनाव के राहत देने में मदद करेंगी।
2. इमोशनल ईटिंग को रोकने के लिए आप कुछ व्यायाम करें, जिसमें आप वॉकिंग या जॉगिंग जैसी इंस्टेंट एक्सरसाइज कर सकते हैं। इससे आपको इमोशनल होते समय मदद मिलेगी।
3. फाइबर और प्रोटीन युक्त आहार का सेवन करें क्योंकि ये आपको अधिक समय तक भरा रख सकते हैं।
4. इमोशनल ईटिंग को रोकने या नियंत्रित करने के लिए आप किसी प्रोफेशनल की मदद ले सकते हैं। यह इससे निपटने का सबसे अच्छा तरीका है।
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5. इसके अलावा, आप फलों, सब्जियों का रस, सलाद, फल, ड्राई फ्रूट्स आदि का सेवन करें। यह आपको अच्छी तरह से काम करने के लिए सतर्क और खुश रहने में मदद करेंगे।
6. आप अपने हर काम की तरह खाने का भी शेड्यूल बनाएं। जब कभी आपको इमोशनल ईटिंग महसूस हो, तो आप अपने वजन, बॉडी शेप और डाइट को याद करें। इसके बाद आप सोचे कि क्या आप जो खाना चाहते हैं, उसके आपकी सेहत के लिए कितने फायदे और कितने नुकसान हैं।
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