महिलाओं के जीवन मे किशोरावस्था, यौवन, रजोनिवृत्ति आदि अलग-अलग चरण होते हैं और ये प्राकृतिक रूप से होते हैं। इन सब स्थितियों में स्वस्थ रहने के लिए हर चरण के अनुरूप अपनी सेहत का ख्याल रखना पड़ता है। अक्सर महिलाओं को अपने शारीरिक बदलावों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है। जिसके चलते वे सही ढंग से पोषक तत्व का सेवन नहीं कर पाती और अस्वस्थ हो जाती हैं। इसलिए हर चरण में होने वाले बदलावों का ध्यान रखें और इस दौरान अपनी दिनचर्या में भी बदलाव करें।
क्या होता है मेनार्च
महिला के पहले मासिक धर्म को रजोदर्शन (मेनार्च) कहा जाता है। 12-13 साल के बीच में यह स्थिति आती है। इस स्थिति में रक्त स्राव होता है जो गाढ़ा भूरा या चमकीला लाल रंगा का हो सकता है। इसके लिए आप सैनिटरी पैड या टैम्पोन का इस्तेमाल कर सकती हैं। इसके बाद एक निश्चित मासिक धर्म की शुरूआत होती है। यह सभी महिला के लिए होता है और यह 21 से 40 दिनों के बीच होता है।
यौवनारंभ के लक्षण
यौवन काल की यह अवधि 11 से 16 वर्ष तक होती है। इस समय कद में वृद्धि, स्तनों व नितंबों का उभार, शरीर में कांति व चेहरे में बदलाव होते हैं। आंतरिक रूप में डिंब-ग्रंथि का सक्रिय होकर एस्ट्रोजन व प्रोजेस्ट्रॉन हॉर्मोन का रक्त में सक्रिय होना। इस दौरान जननांगों का विकास होता है व सबसे बड़ा परिवर्तन मासिक धर्म की शुरूआत के रूप में होता है। इस दौरान प्रकृति नारी को मां बनने के लिए शारीरिक व मानसिक रूप से विकसित करती है।
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क्या है मेनोपेाज और पेरीमेनोपोज
रजोनिवृत्ति (मेनोपोज) 50 की उम्र के आसपास होता है, लेकिन प्रत्येक महिला के शरीर की अपनी समय-सीमा (टाईमलाइन) होती है। कुछ महिलाओं को 40 वर्ष की उम्र के मध्य तक माहवारी (पीरियड्स) होने बंद हो जाती है, तो कुछ को अपनी 50 वर्ष की उम्र तक निरंतर माहवारी (पीरियड्स) होते रहती है। जबकि, पेरीमोनोपोज परिवर्तन की वह प्रक्रिया है जोकि रजोनिवृत्ति (मेनोपोज) का कारण बनती है। यह 30 के बाद भी शुरू हो सकती है और 50 के आरम्भ में भी। विभिन्न महिलाओं में पेरीमोनोज की विभिन्न स्थितियां होती हैं। लेकिन आमतौर पर इसकी अवधि 2 वर्ष से 8 वर्ष होती है। इस समय के दौरान आपके मासिक धर्म चक्र (पीरियड्स) अनियमित होते हैं या आपको अन्य लक्षण दिखलाई पड़ते हैं।
मेनोपॉज का क्या कारण है
आपके प्रजनन एवं हार्मोन तंत्र में बदलाव के कारण रजोनिवृत्ति होती है। उम्र के साथ जैसे-जैसे आपका शरीर अंडे आपूर्ति करता है, आपकी अंडोत्सर्जन अक्सर कम हो जाता है। आपका हार्मोन स्तर असामान्य तरीके से कम-ज्यादा होता रहता है, जिसके कारण आपके मासिक धर्म चक्र और अन्य लक्षणों में बदलाव आता है। एक ऐसा समय आता है जब एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन स्तर इतना गिर जाता है कि यह मासिक धर्म चक्र को बंद करने में पर्याप्त होता है। कुछ चिकित्सीय इलाज 40 वर्ष की उम्र से पहले तक आपके मासिक धर्म चक्र को रोकने का कारण बनते हैं।
इसलिए महिला अपने शरीर में होने वाले प्राकृतिक बदलावों को समझे और हर तरह की स्थिति का सामना करने के लिए खुद को तैयार रखे।
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