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दही खाने से जुड़े ये 5 मिथक हैं बहुत पॉपुलर, डॉक्टर से जानें इनकी सच्चाई

कुछ लोग मानते हैं दही रात में नहीं खाना चाहिए, तो कुछ मानते हैं कि दही ठंडे मौसम में नहीं खाना चाहिए। जानें इन मिथकों की सच्चाई।
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दही खाने से जुड़े ये 5 मिथक हैं बहुत पॉपुलर, डॉक्टर से जानें इनकी सच्चाई

दही का प्रयोग लगभग हर घर में होता है। दही में प्रो-बायोटिक बैक्टीरिया होते हैं, जो ओवरऑल हेल्‍थ के लिए लाभदायक रहते हैं। भारत में हर मौसम में दही का सेवन किया जाता है। लेकिन कई लोग बारिश और ठंड के मौसम में इसका सेवन करने से परहेज करते हैं क्‍योंकि उन्‍हें लगता है कि यदि वे बेमौसम इसका सेवन करते हैं, तो ये उन्‍हें बीमार कर देगा या इससे उन्हें अपच की समस्‍या हो सकती है। दही को लेकर लोगों के विचारों में मतभेद देखने को मिल सकता है। दही के सेवन से जुड़े कई मिथक हैं, जिन्‍हें जानना बेहद जरूरी है। 


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मिथक- सर्दी के मौसम में दही का सेवन कर सकता है बीमार?

तथ्‍य: आकाश हेल्थकेयर सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में सीनियर डायटिशियन डॉक्टर अनुजा गौर के मुताबिक कई लोग मानसून के मौसम में दही का सेवन करने से बचते हैं। बता दें कि दही में मौजूद प्रोबायोटिक घटक सालभर गैस्‍ट्रोइंटेस्‍टाइनल समस्‍याओं को रोकने में मदद करते हैं। दही का सेवन रूम टेम्‍प्रेचर पर खाना बिल्‍कुल सुरक्षित होता है। 

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मिथक: मानसून के मौसम में दही का पचाना मुश्किल होता है?

तथ्‍य: दही में गुड बैक्‍टी‍रिया की मात्रा के कारण, ये दूध की अपेक्षा अधिक  हेल्दी प्रोटीन से समृद्ध होता है। इसलिए दही को पचाना भी आसान होता है। 

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मिथक: रात में दही नहीं खाना चाहिए?

तथ्‍य: दही में ट्रिप्‍ट्रो‍फैन नामक पदार्थ पाया जाता है, जो स्‍लीप साइकिल को नियंत्रित करने में सहायता करता है। माना जाता है कि ये स्‍वास्‍थ्य लाभ प्रदान करता है और इसका सेवन रात या सोने से पहले किया जा सकता है। 

मिथक: दूध पिलाने वाली मांओं को दही नहीं खाना चाहिए, वरना मां और शिशु दोनों बीमार हो जाते हैं?

तथ्‍य: दही में पाए जाने वाले एक्टिव बैक्‍टीरिया पाचन में सहायता करते हैं। दही के प्रोबायोटिक तत्‍व कब्‍ज और दस्‍त को कम करने में सहायता करते हैं। इससे मां या शिशु को सर्दी या खांसी नहीं होती। सीमित मात्रा में दही का सेवन किया जा सकता है।

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मिथक: प्रेग्‍नेंट महिलाओं को दही खाने से बचना चाहिए?

तथ्‍य: कई गर्भवती महिलाओं को पेट की समस्‍या होती है। दही में एक्टिव बैक्‍टीरिया, लैक्‍टोबैसिलस और एसिडोफिलस कंपोनेंट होते हैं, जो पाचन क्रिया को थोड़ा स्‍लो बना सकते हैं। लेकिन कम मात्रा में प्रेग्‍नेंट महिला इसका सेवन कर सकती है।  

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मिथक: बारिश होने पर बच्‍चों को दही नहीं खिलाना चाहिए?

तथ्‍य:  कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल सीनियर डॉक्टर आदिति शर्मा के अनुसार दही से शरीर की सूजन को कम किया जा सकता है। इसे खाने से इम्‍यूनिटी में भी सुधार किया जा सकता है। बच्चों को इसे खाने के लिए प्रोत्‍साहित करना चाहिए। इसे अधिक हेल्‍दी बनाने के लिए फल और सब्जियों को शामिल किया जा सकता है। 

दही हेल्दी पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसलिए कोई भी और किसी भी समय खा सकता है। बस इस बात का ध्यान रखें कि दही ज्यादा दिन पुरानी नहीं होनी चाहिए, अन्यथा इसका खट्टापन और इसमें मौजूद बैक्टीरिया बढ़ सकते हैं। आप ताजी दही आराम से खा सकते हैं।

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