आज के समय में खानपान से जुड़ी गलत आदतों और जीवनशैली की वजह से लाखों लोगों में दिल से जुड़ी गभीर बीमारियां हो रही हैं। दुनियाभर में सालाना होने वाली मौतों में दिल की बीमारी की वजह से होने वाली मौत का भी प्रमुख स्थान है। दिल की बीमारियों का खतरा अब कम उम्र के लोगों में भी देखने को मिल रहा है। दिल से जुड़ी बीमारियां कई तरह की होती हैं और अक्सर लोग इनको लेकर कंफ्यूज हो जाते हैं। हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर की समस्या को अक्सर लोग एक ही समझ लेते हैं। आम लोगों को इन स्थितियों के बारे में अंतर करना मुश्किल हो जाता है। हार्ट फेलियर की समस्या भी दिल से जुड़ी गंभीर स्थितियों के कारण हो सकती है।
भारत के लोगों में खानपान और जीवनशैली की वजह से कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का खतरा बढ़ा है। सिर्फ भारत में सामान्य तौर पर लगभग 9 से 10 मिलियन लोगों को हार्ट फेलियर की समस्या का सामना करना पड़ता है। यह दिल से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है जिसमें कई स्थितियों को खतरा माना जाता है। भारतीय लोगों में दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों के खतरे के बावजूद लोगों में जागरूकता की कमी है। हार्ट फेलियर की समस्या अब तेजी से कम उम्र के लोगों में भी देखने को मिलती है। एक आंकड़े के मुताबिक हार्ट डिजीज का इलाज करने वाले अस्पताल में ही हर महीने लगभग 15 से 20 मरीज दिल से जुड़ी गंभीर स्थितियां जैसे हार्ट अटैक या हार्ट फेलियर के आते हैं। हार्ट फेलियर और इससे जुड़ी बीमारियों के बारे में जागरूकता होने से इससे बचाव में आसानी होती है। लोगों में हार्ट फेलियर की समस्या को लेकर काफी भ्रम की स्थिति है। आइये जानते हैं हार्ट फेलियर की समस्या से जुड़े कुछ प्रमुख मिथक और उनकी सच्चाई।
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हार्ट फेलियर के कारण (Heart Failure Causes)
- ब्लड प्रेशर का अनियंत्रित होना
- कोरोनरी आर्टरी डिजीज जैसे हार्ट अटैक
- डायबिटीज के मरीजों में हो सकता है
- वॉल्व्यूलर हार्ट डिजीज
- हार्ट बीट का असंतुलित होना
- दिल की बीमारी की फैमिली हिस्ट्री
- असंतुलित खानपान और खराब जीवनशैली
हार्ट फेलियर से जुड़े कुछ मिथक और उनकी सच्चाई (Myths And Facts About Heart Failure)
हार्ट फेलियर और हार्ट अटैक की समस्या के बारे में अक्सर लोगों में भ्रम की स्थिति रहती है। जानकारी के अभाव की वजह से लोगों में दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। आइये कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल, मुंबई के कार्डियक साइंस विभाग के डायरेक्टर डॉ. जमशेद दलाल से जानते हैं इससे जुड़ी कुछ प्रमुख भ्रामक बातें।
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टॉप स्टोरीज़
1. हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर एक ही है
हार्ट फेलियर की समस्या हार्ट दिल का दौरा के बारे में अक्सर लोग भ्रम में रहते हैं। लोग इन समस्याओं को एक ही समझ लेते हैं जबकि ऐसा बिलकुल भी नहीं है। दिल का दौरा (हार्ट अटैक) होने पर आपके दिल में ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट हो जाती है जबकि हार्ट फेलियर एक प्रगतिशील बीमारी है जिसमें आपका हृदय सही ढंग से ब्लड को पंप नहीं कर पाता है। हार्ट अटैक के कारण आपको हार्ट फेलियर की समस्या हो सकती है। इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर, कोरोनरी हार्ट डिजीज, डायबिटीज और मोटापे की समस्या के कारण भी ये बीमारियां हो सकती हैं।
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2. हार्ट फेलियर की समस्या केवल बुजुर्ग लोगों में ही होती है
हार्ट फेलियर के बारे में यह मिथक भी प्रचलित है कि यह समस्या केवल बुजुर्ग लोगों में ही होती है। मौजूदा आंकड़ों को देखें तो पता चलता है कि हार्ट फेलियर की समस्या सबसे ज्यादा 55 साल से अधिक उम्र के लोगों में हुई है। अब यह बीमारी कम उम्र के लोगों में भी देखी जा रही है। कुछ साल पहले तक भले ही हार्ट फेलियर की समस्या की औसत आयु 56 साल थी लेकिन पिछले कुछ सालों से कम उम्र के लोगों में भी यह समस्या देखी गयी है। युवा भारतीय लोगों में हार्ट फेलियर की समस्या के कई कारण हो सकते हैं। लोगों की खानपान से जुड़ी आदतें, जीवनशैली और शारीरिक गतिविधियों की कमी की वजह से ये समस्याएं हो सकती हैं।
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3. हार्ट फेलियर की समस्या में कोई संकेत नही दिखाई देते हैं
यह कहना बिलकुल भी गलत होगा कि हार्ट फेलियर की समस्या में कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। हालांकि इस समस्या में दिखने वाले लक्षणों को समझना बहुत मुश्किल हो जाता है। हार्ट फेलियर में समान्यतः सांस लेने में तकलीफ, अत्यधिक थकान महसूस करना, सूखी खांसी, घबराहट और सूजन हो सकती हैं। इसके अलावा हार्ट फेलियर से पहले मरीजों में अनियमित दिल की धड़कन की समस्या भी हो सकती है। इन लक्षणों के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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4. हार्ट फेलियर की समस्या में दिल काम करना बंद कर देता है
हार्ट फेलियर की समस्या में लोग समझते हैं कि दिल काम करना एकदम से बंद कर देता है। हार्ट फेलियर की समस्या में आपके दिल को काम करने में पहले से ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इस समस्या से बचाव के लिए मरीजों को जीवनशैली और खानपान में बदलाव जरूर करना चाहिए। हार्ट फेलियर होने पर आपके हार्ट को ब्लड पंप करने में अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है।
5. हार्ट फेलियर का कोई इलाज नहीं है
कई लोगों का ये मानना है कि हार्ट फेलियर की समस्या का कोई इलाज नहीं है। चूंकि हार्ट फेलियर दिल से जुड़ी एक गंभीर स्थिति है जिसे जानलेवा माना जाता है। पहले से हार्ट फेलियर के लक्षणों को जानने के बाद इसका उपचार और खानपान व जीवनशैली से जुड़ी आदतों में बदलाव करने से आप इस समस्या से बच सकते हैं।
दिल की बीमारी से कैसे बचे (How To Prevent Heart Failure?)
दिल की बीमारियों से बचे रहने के लिए जरूरी है कि आप अपने जीवन में इन चीजों का ध्यान रखें। जैसे कि:
- स्वस्थ आहार खाएं
- ज्यादा तली-भूनी चीजें न खाएं
- ज्यादा नमक और चीनी न खाएं
- ताजे फल, सब्जियां, और साबुत अनाज खाएं
- डैश डाइट फॉलो करें
- हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को कम करें
- एक्टिव लाइफ स्टाइल फॉलो करें
- अपने वजन को संतुलित करें
- धूम्रपान छोड़ें और सेकेंड हैंड स्मोक से दूर रहें
- तनाव का प्रबंधन करें
- दिल की बीमारी से बचने के लिए योग का सहारा लें

असंतुलित खानपान और जीवनशैली से जुड़ी खराब आदतों की वजह से लोगों में दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। इसकी वजह से लोगों में हार्ट फेलियर की समस्या भी हो सकती है। हार्ट फेलियर की समस्या के बारे में जानकारी की कमी के कारण लोगों में ये बीमारी तेजी से बढ़ रही है। इससे बचाव के लिए आपको ऊपर बताई गयी बातों का ध्यान रखना चाहिए।
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