असंतुलित खानपान और खराब जीवनशैली के कारण लोगों में दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियां कम उम्र में ही हो रही हैं। पिछले कुछ सालों में भारत की युवा आबादी दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों का शिकार हुई है। अचानक होने वाले कार्डियक अरेस्ट (Sudden Cardiac Arrest) की घटनाओं में भी हाल के दिनों में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक युवा लोगों में मौत का सबसे बड़ा कारण कार्डियक अरेस्ट बन रहा है। दरअसल, कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) का मतलब है अचानक से आपकी दिल का काम करना बंद हो जाना। दरअसल, इसके पीछे सबसे बड़ा कारण होता है आपके ब्लड वेसेल्स का हेल्दी ना होना। इसके कारण लोगों में सडेन कार्डियक अरेस्ट का खतरा रहता है। सडेन कार्डियक अरेस्ट की समस्या पुरुषों के अलावा महिलाओं में भी हो सकती है। कामकाजी और घरेलू महिला दोनों में ही इसका खतरा रहता है। आइये जानते हैं महिलाओं में सडेन कार्डियक अरेस्ट की समस्या के लक्षण के बारे में।
महिलाओं में सडेन कार्डियक अरेस्ट के लक्षण (Sudden Cardiac Arrest Symptoms in Women)
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हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल, मोटापा और अनुवांशिक कारणों से भी लोगों को कार्डियक अरेस्ट होता है। पर इसमें ज्यादातर लोग ये जानना चाहते हैं कि क्या कार्डियक अरेस्ट हमेशा अचानक ही होता है और इसके लक्षण पहले से महसूस नहीं होते? तो ऐसा नहीं है।सडेन कार्डियक अरेस्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं एशियन हार्ट इंस्टिट्यूट के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ संतोष कुमार डोरा, आइये जानते है डॉ संतोष से इसके बारे में। कई बार लोग हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट को एक ही समस्या समझ बैठते हैं। हालांकि ये दोनों एक दूसरे से अलग हैं। यह समस्या हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल, मोटापा और अनुवांशिक कारणों से भी लोगों में हो सकती है। आइये जानते हैं महिलाओं में सडेन कार्डियक अरेस्ट के लक्षण के बारे में।
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1. सडेन कार्डियक अरेस्ट से पहले महिलाओं में सांस से जुड़ी समस्या हो सकती है। इस दौरान महिलाओं को सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ सकता है।
2. अचानक बेहोश होना और चक्कर आना।
3. सडेन कार्डियक अरेस्ट से पहले महिलाओं को उल्टी आने, जी मचलाने की समस्या हो सकती है।
4. छाती में दर्द की समस्या भी कार्डियक अरेस्ट से पहले लक्षण के रूप में जानी जाती है।
5. सडेन कार्डियक अरेस्ट से पहले महिलाओं को अत्यधिक पसीना आने की समस्या हो सकती है।
6. पैरों या तलवों में सूजन की समस्या।
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कार्डिएक अरेस्ट से बचाव के उपाय (Tips To Prevent Sudden Cardiac Arrest)
अचानक कार्डियक अरेस्ट को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है कि हार्ट अटैक के खतरे को कम किया जाए। यह दिल के दौरे के जोखिम कारकों को कम करके किया जा सकता है। इसके अलावा कार्डियक अरेस्ट के अन्य जोखिम कारक जैसे धूम्रपान, मधुमेह और उच्च रक्तचाप का कुशल नियंत्रण, डिस्लिपिडेमिया का नियंत्रण, आहार की आदतों में बदलाव और मोटापे से बचने के लिए नियमित व्यायाम आदि को अपनाने से आप इन समस्याओं से बच सकते हैं। इसके अलावा दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को नियमित रूप से हेल्थ चेकअप जरूर करना चाहिए। इसके अलावा स्वचालित इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर और डिफाइब्रिलेटर एक पेसमेकर जैसा उपकरण है जो उन रोगियों में लगाया जाता है जिन्हें कार्डियक अरेस्ट या कार्डिएक अरेस्ट सर्वाइवर्स के लिए उच्च जोखिम होता है। आपका डॉक्टर तय करता है कि इस उपकरण को आपको लगाया जा सकता है या नहीं। यह उपकरण कार्डियक अरेस्ट की तेजी से पहचान करने में मदद करता है और फिर शॉक थेरेपी को पेसिंग या डिलीवर करके कार्डियक अरेस्ट को सामान्य लय में बदल देता है। आजकल कई संस्थाएं लोगों को कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन उपायों के बारे में शिक्षित कर रही हैं ताकि कार्डियक अरेस्ट से पीड़ित व्यक्ति को चिकित्सा सहायता मिलने तक प्रबंधित किया जा सके। सडेन कार्डियक अरेस्ट से बचाव के लिए आप इन बातों का ध्यान जरूर रखें।
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- कार्डियक अरेस्ट की स्थिति से बचाव करने के लिए आपको एक अच्छे लाइफस्टाइल की जरूरत है।
- मधुमेह, उच्च रक्तचाप और डिस्लिपिडेमिया जैसी बीमारियों वाले लोगों को अपना खास ख्याल रखना चाहिए।
- पूरी तरह से धूम्रपान बंद कर दें।
- इसके अलावा आहार वसा और चीनी में कम होना चाहिए।
- नियमित रूप से आपको व्यायाम करना चाहिए।
महिलाओं में सडेन कार्डियक अरेस्ट के लक्षण दिखने पर उन्हें तुरंत चिकित्सक से संपर्क जरूर करना चाहिए। इसके आलावा उपर डॉक्टर की बताई गयी बातों का ध्यान रखने से आप इस समस्या से बच सकते हैं। स्वस्थ आहार का सेवन और नियमित रूप से व्यायाम आदि करने से आप दिल की बीमारियों के जोखिम से बच सकते हैं।
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