लेटते समय सांस लेने में परेशानी हो सकती है 'ऑर्थोपनिया' का संकेत, जानें इसके कारण, लक्षण और इलाज

लेटने पर या लेटते समय सांस लेने की तकलीफ हो सकती हैं आर्थोपनिया की समस्या का संकेत, जानें इसके कारण, लक्षण और इलाज के बारे में।

Prins Bahadur Singh
Written by: Prins Bahadur SinghUpdated at: Jul 16, 2021 10:14 IST
लेटते समय सांस लेने में परेशानी हो सकती है 'ऑर्थोपनिया' का संकेत, जानें इसके कारण, लक्षण और इलाज

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लेटने पर या लेटते समय अगर आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही हो तो इसे नजरअंदाज करना भरी पड़ सकता है। दरअसल ऐसी स्थिति में सांस लेने में तकलीफ होने की समस्या ऑर्थोपनिया (Orthopnea)नामक बीमारी हो सकती है। आर्थोपनिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को लेटने पर या लेटते समय सांस लेने में दिक्कत होती है। यह समस्या लोगों को लेटने पर ही होती है और बैठने या खड़े होने पर खत्म हो जाती है। इस समस्या में किसी वजह से फेफड़ों में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता है जिसकी वजह से यह समस्या सामने आती है। हालांकि सांस लेने से जुड़ी समस्या 'डिस्पनिया' या नींद में सांस लेने की दिक्कत 'स्लीप एपनिया' से यह समस्या अलग होती है। चूंकि यह समस्या लेटने पर या लेटते समय ही होती है इसलिए ज्यादातर लोग इसे सांस की सामान्य समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन क्या आपको पता है ऐसा करना आपको भारी पड़ सकता है? आइये विस्तार से जानते हैं इस समस्या के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में।

क्या है ऑर्थोपनिया? (What is Orthopnea?)

किसी भी व्यक्ति को जब लेटने पर सांस लेने में दिक्कत होती है और उसके बाद अगर वह व्यक्ति खड़ा हो जाये या बैठ जाये तो यह दिक्कत खत्म हो जाती है, तो इस स्थिति को ऑर्थोपनिया कहते हैं। अर्थोपनिया को हार्ट फेलियर का संकेत भी माना जाता है। अगर आप इस समस्या का उचित समय पर इलाज नहीं कराते हैं तो इसकी वजह से आपको फेफड़ों और हार्ट से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अर्थोपनिया की वजह से मोटापे की समस्या का खतरा भी होता है। इस समस्या में फेफड़ों में ऑक्सीजन की पर्याप्त सप्लाई न होने की वजह से दिक्कत होती है।

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आर्थोपनिया के कारण (Orthopnea Causes)

आर्थोपनिया की समस्या का सबसे प्रमुख कारण फेफड़ों में ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा न पहुंच पाना होता है। हालांकि इस समस्या में फेफड़ों का कामकाज प्रभावित होता है और इसमें हृदय फेफड़ों में खून को सही तरीके से पंप नही कर पाता है। जिसकी वजह से हार्ट फेलियर की स्थिति पैदा हो जाती है। हालांकि इस बीमारी में सिर्फ लेटने पर ही इस दिक्कत का सामना करना पड़ता है और जब आप खड़े होते हैं बैठ जाते हैं तो आपकी सांस सामान्य रूप से चलने लगती है। आर्थोपनिया की समस्या के प्रमुख कारण इस प्रकार से हैं।

  • जब हृदय फेफड़ों में पर्याप्त मात्रा में ब्लड को पंप नही कर पाता है।
  • हाई ब्लड प्रेशर की वजह से।
  • कार्डियोमायोपैथी जैसे रोगों की वजह से।
  • मोटापे की समस्या में।
  • फेफड़ों तक सांस पहुंचाने वाली नली में तरल पदार्थों के जमा होने से।
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अर्थोपनिया के लक्षण (Orthopnea Symptoms)

आर्थोपनिया की समस्या में सबसे पहले आपको लेटने पर सांस लेने में तकलीफ होती है। आर्थोपनिया को एक प्रकार का डिस्पनिया माना जाता है, जो सांस से जुड़ी एक स्थिति है। आर्थोपनिया में सांस लेने की समस्या सिर्फ लेटने पर ही होती है जबकि डिस्पनिया में सांस की समस्या किसी भी स्थिति में हो सकती है। आर्थोपनिया की समस्या में दिखने वाले प्रमुख लक्षण इस प्रकार से हैं।

  • एक्सरसाइज करते समय सांस लेने में कठिनाई। 
  • हर समय थकान महसूस होना।
  • अचानक से वजन का बढ़ जाना।
  • पैरों और टखनों में सूजन की समस्या।
  • लेटने पर सांस लेने में तकलीफ।
  • खांसी और गले की घरघराहट।
  • दिल की धड़कन का बढ़ना

इस समस्या में स्थिति का पता लगाने के लिए पिलो टेस्ट भी लिया जाता है। इस टेस्ट में लेटने के बाद अगर आपको आराम से सांस लेने के लिए अधिक तकियों की आवश्यकता होती है तो आपको समझ लेना चाहिए कि यह स्थिति आर्थोपनिया ही है। इस समस्या में खड़े होने या बैठ जाने पर सांस से जुड़ी तकलीफ नहीं होती है।

कैसे होती है आर्थोपनिया की जांच और इसका इलाज? (Orthopnea Diagnosis and Treatment)

आर्थोपनिया सांस की तकलीफ से जुड़ी एक ऐसी स्थिति है जिसका समय पर इलाज न होने की वजह से स्थिति बेहद गभीर हो सकती है। अगर आपको लेटने पर सांस लेने में तकलीफ हो रही है और यह दिक्कत खड़े होने या बैठ जाने पर ठीक हो जा रही तो इसे सबसे पहले अपने डॉक्टर को जरूर बताएं। इस समस्या में सांस लेने में तकलीफ की स्थिति और अन्य लक्षणों के हिसाब से जांच के आधार पर इलाज किया जाता है। आर्थोपनिया की समस्या में ये जांच जरूरी होती हैं। 

  • खून की जांच - खून की जांच से चिकित्सक इसकी वजह से होने वाली अन्य स्थितियों की जांच करते हैं।
  • एक्स-रे या सीटी स्कैन - ये परीक्षण फेफड़े और हृदय की समस्याओं की जांच करने के लिए किया जाता है।
  • इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) - इस टेस्ट के माध्यम से चिकित्सक हृदय की कार्यप्रणाली की जांच करके स्थिति का पता लगाने की कोशिश करते हैं।
  • इकोकार्डियोग्राम - यह एक प्रकार का अल्ट्रासाउंड स्कैन है जो हृदय की जांच करने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है। आर्थोपनिया के अलावा कई अन्य समस्याओं की जांच के लिए डॉक्टर इस परीक्षण का उपयोग करते हैं।
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इन जांच की रिपोर्ट्स के आधार पर ही चिकित्सक इस स्थिति का पता लगाते हैं। इसके बाद मरीज की स्थिति के अनुसार इलाज किया जाता है। आर्थोपनिया के इलाज में इस समस्या के कारणों को खत्म करने के लिए उपचार किया जाता है। उदाहरण के लिए अगर कोई व्यक्ति जो मोटापे की समस्या से पीड़ित है और उसे आर्थोपनिया की समस्या हो रही है तो उसके वजन कम करने से इस समस्या से निजात पाया जा सकता है। इसके अलावा आर्थोपनिया के उपचार के लिए चिकित्सक कई तरह की दवाओं और तरीकों का इस्तेमाल करते हैं।

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