कान हमारे शरीर के सबसे नाजुक अंगों में से एक हैं, इनकी देखभाल बहुत सावधानी के साथ की जानी चाहिए। कान से जुड़ी छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दिया जाए तो हम कान से जुड़ी कई गंभीर समस्याओं से बच सकते हैं। कान में अचानक चोट लगने (Ear Injury) और थप्पड़ आदि के लगने से हमारे कान के पर्दे खराब हो जाते हैं और इनकी वजह से लोग बहरेपन का शिकार होते हैं। इसके अलावा कानों में चोट कई अन्य तरीके से भी लग सकती है जैसे कान में तिल्ली डालने से या हेयरपिन आदि के डालने से। कान में लगने वाली छोटी से छोटी चोट को भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। कान की चोट को नजरअंदाज करने से बहरेपन से लेकर कान की कई अन्य गंभीर समस्याओं के होने का खतरा रहता है। आइये जानते हैं कान में चोट लगने की स्थिति में क्या करें और इसका इलाज क्या है?
कान की चोट (Ear Injury)
कान में लगने वाली चोट को नजरअंदाज करना आपके लिए भारी पड़ सकता है। यह चोट आगे चलकर गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकती है। कान में चोट किसी भी उम्र में लग सकती है। कान की चोट के कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं।
- गिरने या सिर के किनारे पर चोट लगने से कान में भी चोट लग सकती है और इससे कान के पर्दे को नुकसान होता है।
- खेलकूद या अन्य शारीरिक गतिविधियों के दौरान लगने वाली चोट।
- तेज आवाज या किसी विस्फोट की वजह से कान में लगने वाली चोट।
- कान में तेज हवा के जाने से भी ईयरड्रम को नुकसान पहुंचाने वाली चोट।
- किसी कट या खरोंच की वजह से कान में लगने वाली चोट।
- कान को पिन, तिल्ली या नाखून आदि से साफ करने पर भी चोट लग सकती है।
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कान में चोट लगने पर इलाज और सावधानी (Ear Injury Treatments and Precautions)
कानों में चोट लगने पर इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, चाहे ये चोट बड़ी हो या हल्की। कान में लगने वाली कुछ चोट के कारण हमारे कान के पर्दों के फटने का खतरा रहता है। चोट लगने के बाद कानों में संक्रमण और एलर्जी का खतरा भी बना रहता है। इसके लिए उचित तरीके से कानों की देख्भाक की जानी चाहिए और चोट लगने पर जरूरी सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए।
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चोट लगने पर इन सावधानियों का रखें ध्यान
- कान में संक्रमण न फैलने दें।
- चोट लगने के बाद कान को गीला होने से बचाएं।
- कान में चोट लगने पर किसी भी तरह का ईयर ड्रॉप इत्यादि खुद से न डालें।
- कान में चोट लगने पर संक्रमण के खतरे से बचने के लिए एंटीबायोटिक व दर्द निवारक दवाएं ले सकते हैं।
- चोट लगने पर एक्सपर्ट डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
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कान में चोट लगने पर होने वाले इलाज
कान में ईयरड्रम को लगने वाली छोटी-मोटी चोट एक से दो हफ्तों में अपने आप ठीक हो जाती है। लेकिन चोट लगने पर आपको जांच जरूर करानी चाहिए। कुछ मामलों में ईयरड्रम में लगी चोटों को ठीक करने के लिए सर्जरी की भी जरूरत पड़ सकती है। चिकित्सक कान में लगी चोट की गंभीरता के आधार पर मरीज का इलाज करते हैं। किसी भी प्रकार की चोट लगने पर ईएनटी विशेषज्ञ द्वारा जांच जरूर की जानी चाहिए। जांच के बाद एंटीबायोटिक व दर्द निवारक दवाएं दी जाती हैं। गंभीर समस्या होने पर सर्जरी या अन्य चिकित्सा विकल्पों का इस्तेमाल किया जाता है।
कान में लगने वाली चोट का बचाव (Ear Injury Prevention)
कान में लगने वाली कुछ चोटों से बचाव किया जा सकता है। खेलकूद या कानों की सफाई करते समय लगने वाली चोट से बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। कानों की उचित देखभाल और जरूरी सावधानी से आप कान में लगने वाली चोट से बचाव कर सकते हैं। कान की सेहत के लिए जरूरी है कि तेज आवाज से दूर बनाएं। म्यूजिक आदि सुनते समय भी आवाज कम रखें। आज के समय में तेज आवाज के कारण दुनियाभर में बहरेपन की समस्या तेजी से बढ़ रही है।
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