आज के समय में लड़कियां लड़कों से कदम मिलाकर चल रही हैं। ऐसे में दोनों के बीच भेदभाव करना गलत है। लेकिन माता-पिता को बचपन से ही अपनी लड़कियों को कुछ ऐसी चीजें सिखानी चाहिए, जिससे वे भविष्य में न केवल खुद के लिए स्टैंड ले सकें बल्कि अपना भविष्य भी उज्जवल बना सकें। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपनी इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि माता-पिता अपनी बेटियों को कौन-कौन सी चीजों के बारे में बताएं, जिससे वे आत्मविश्वास के साथ अपना जीवन जी सकें। पढ़ते हैं आगे...
1 - खुद की देखभाल करना
ज्यादातर लड़कियां खुद पर ध्यान ना देने के बजाय पूरी देखभाल परिवार, बच्चे, पति, माता-पिता आदि की करती हैं। ऐसे में माता-पिता अपनी बेटियों को यह बताएं कि दूसरों का ख्याल तभी रखा जा सकता है जब वह पहले अपना ख्याल रखें। जब बेटियां खुद तंदुरुस्त होंगी तभी वह दूसरों का ख्याल रख सकेंगी। ऐसे में बेटियों के लिए पहली सीख यह होनी चाहिए कि वे खुद का ख्याल रखें।
2 - आत्मनिर्भर बनना है जरूरी
शादी से पहले माता पिता पर निर्भर रहना और शादी के बाद पति पर निर्भर रहना बेटियों के स्वाभिमान को ठेस पहुंचा सकता है। ऐसे में आत्मनिर्भर बनाना भी माता-पिता की जिम्मेदारी है। बेटियों को बताएं कि जब आत्मनिर्भर बनेंगी और अपने पैरों पर खड़ी होंगी तभी ना केवल लोग उनकी इज्जत करेंगे बल्कि लोग महत्व देना भी शुरू करेंगे। ऐसे में बेटियों के लिए दूसरी सीख होनी चाहिए बेटियों को आत्मनिर्भर बनना।
इसे भी पढ़ें- संवेदनशील और भावनात्मक बच्चे को कैसे संभालना चाहिए?जानें माता-पिता के लिए खास टिप्स
3 - खुद के लिए लड़ना जरूरी
बीते कई सालों से हमारी सोसाइटी या समाज कई मामलों में बेटियां या महिलाओं की आवाज दबाता है। उदाहरण के तौर पर यदि किसी लड़के ने कोई गलत कमेंट पास किया तो इसके लिए भी जिम्मेदार लड़कियों के कपड़ों को माना जा सकता है। ऐसे में घर पर छिपकर बैठने से अच्छा है कि माता-पिता लड़कियों को खुद के लिए लड़ना सिखाएं। जब लड़कियां खुद के लिए आवाज उठाएंगी तभी दूसरे भी उनके हित में बोलेंगे और उनके साथ खड़े रहेंगे। ऐसे में बेटियों के लिए तीसरी सीख होनी चाहिए खुद के लिए लड़ना।
4 - अपने फैसले खुद लेना
लड़कियों को जरूरी निर्णय लेना आना चाहिए। ऐसे में माता-पिता बचपन से ही बेटियों के जीवन से जुड़े निर्णय उन्हें खुद लेने दें। हालांकि अगर वह कोई गलत निर्णय ले रही हैं तो माता-पिता सही राह दिखा सकते हैं। लेकिन बेटियों को खुद से निर्णय लेने से न केवल उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा बल्कि उन्हें जीवन की समझ भी आएगी। जब बचपन से ही लड़कियां जीवन से जुड़े निर्णय खुद लेंगी तो आगे चलकर वह सही निर्णय का आंकलन भी कर पाएंगी।
5 - आजादी से रहना है जरूरी
बेटियों को आजादी का मतलब समझाएं। अगर कोई उनकी बात काट रहा है या उन्हें कहीं आने जानें से रोक रहा है तो ऐसे में बेटियों की आजादी पर सवाल उठेगा। ऐसे में माता-पिता बचपन से ही बेटियों को आजादी का मतलब समझाएं और उन्हें बताएं कि सब अपना जीवन अपने हिसाब से जी सकते हैं। वहीं अगर कोई तुम्हारे जीवन से जुड़े निर्णय ले रहा है तो इसका मतलब यह हक तुमने उसे दिया है। ऐसे में लड़कियों को यह सीखाएं कि उन्हें आजादी से किस प्रकार जीना है।
6 - लड़कियों को बोलना आना चाहिए 'ना'
अकसर लड़कियां किसी न किसी दबाव में आकर या परिवार वालों के मान को बचाने के कारण हां बोल देती हैं। ऐसे में वह भूल जाती हैं कि उनके हां या ना पर पूरी जिंदगी दांव पर लगी है। ऐसे में माता-पिता बचपन से ही लड़कियों को सिखाएं की कैसी भी परिस्थिति आए यदि उस परिस्थिति में आपको लगता है कि आपके हां बोलने से आपका जीवन नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकता है तो ऐसे में ना बोलना ही सही है। किसी भी दबाव में आकर कोई निर्णय न लें।
इसे भी पढ़ें- माता-पिता अपने बच्चों को जरूर सिखाएं गुड टच और बैड टच में अंतर, जानें इसके आसान तरीके
नोट - उपाय बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि माता पिता को बचपन से ही लड़कियों को कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताना चाहिए, जिससे ना केवल लड़कियों का भविष्य उज्जवल हो बल्कि वे खुद के लिए खड़ी भी हो सकें। जब लड़कियां स्वाभिमानी, साहसी, आत्मविश्वास के साथ खड़ी रहेंगी तो इससे न केवल उनका जीवन संवरेगा बल्कि वह जीवन में अपने लक्ष्य को भी हासिल कर पाएंगी।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version