माता-पिता हमेशा अपने बच्चे को सुरक्षित रखना चाहते हैं। इसके लिए वे तमाम तरह के साधन जुटाते हैं और कोशिश भी करते हैं कि उनका बच्चा हर तरह से सेफ रहे।जब तक बच्चा छोटा रहता है। वह ज्यादातर समय अपने माता-पिता और परिवार के लोगों के साथ रहता है लेकिन जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है। वह दोस्तों के साथ खेलना, स्कूल और ट्यूशन क्लासेस जाना शुरू कर देता है। उस समय एक माता-पिता के रूप में आप अपने बच्चे को सड़क पार करने और किसी से व्यवहार करने के बारे में तो सिखाते हैं लेकिन कोई उन्हें गलत तरीके से टच करें। गुड टच और बैड टच क्या होता है। इसके बारे में नहीं बताते हैं। कई माता-पिता तो ऐसे होते हैं, जिन्हें अपने बच्चों से इस बारे में बात करने में भी हिचक और शर्म महसूस होती है लेकिन आपको ये ध्यान रखना चाहिए कि आपके बच्चे को सुरक्षित और सशक्त बनाने की जिम्मेदारी आपकी है ताकि वह अपने साथ हो रही गलत चीजों के खिलाफ बोल सके। बच्चों को मन बहुत कोमल होता है। कई बार वह अपने साथ हुई गलत चीजों को लेकर खुलकर बोल नहीं पाते हैं और आप उनके व्यवहार समझ नहीं पाते हैं इसलिए अपने बच्चे से हमेशा खुलकर सभी विषयों पर बात करें। इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे आप अपने बच्चे को गुड टच और बैड टच के बारे में समझा सकते हैं और इसके आसान तरीके क्या है।
क्या होता है गुड टच और बैड टच
1. गुड टच और बैड टच
अपने बच्चे को समझाएं कि अगर कोई आपको टच करें और आपको अच्छा न लगे तो इसे बैड टच कहते हैं। जैसे- कोई व्यक्ति आपके प्राइवेट पार्ट्स को गलत तरीके से छूने की कोशिश करें तो, ये बैड टच होता है। इसके अलावा अगर कोई आपको प्यार से टच करें, जैसे कि माथे पर हाथ फेरना या प्यार से गालों को खींचना। ये सभी गुड टच में गिने जाते हैं।
2. शरीर के अंगों की दे जानकारी
बच्चों को उनके शरीर के बारे में जानकारी दें। बच्चों को उनके प्राइवेट पार्ट्स के बारे में जानकारी देना जरूरी है। माता-पिता को बताना चाहिए कि अगर कोई व्यक्ति उनके प्राइवेट पार्ट को छूने की कोशिश करें, तो उन्हें इसका विरोध करना चाहिए या फिर अपने माता-पिता को इस बारे में बताना चाहिए। साथ ही उन्हें समझाएं कि इससे उन्हें डरकर चुप नहीं रहना चाहिए।
3. गलत व्यवहार के बारे में बताएं
खेल-खेल में उन्हें बताएं कि किस तरह से टच करने का उनको विरोध करना चाहिए। जैसे अगर कोई उन्हें जबरदस्ती गोद में उठाने या चूमने की कोशिश करें, तो उन्हें अपने आपको छुड़ाकर तुरंत अपने उस व्यक्ति से दूर भाग जाना चाहिए। अगर स्कूल में है, तो उन्हें अपने टीचर के पास भाग जाना चाहिए।
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4. बच्चे को न कहना सिखाएं
बच्चे मन से बेहद सरल होते हैं। उन्हें अगर कोई प्यारे से कुछ खाने या खेलने को दें, तो वह उनके साथ खेलने या खाने लगते हैं। ऐसे में उनका फायदा उठाना या उन्हें गलत तरीके से छूने की कोशिश की जाती है इसलिए अपने बच्चे को ये जरूर बताएं कि अगर बाहर आपको कोई कुछ खाने दें या खेलने दे, तो उससे बिल्कुल न लें। अगर माता-पिता साथ है, तो भले आप खाने या खेलने की चीजें ले सकते हैं लेकिन अगर पैरेंट्स नहीं है, तो ये चीजें न लें।
5. बच्चों के साथ टाइम स्पेंड करें
कई बार पैरेंट्स इतने व्यस्त होते हैं कि अपने बच्चे की परेशानी उन्हें समझ नहीं आती है। कई बार बच्चे चाहकर भी माता-पिता से अपने दिल की बात या परेशानी नहीं बता पाते हैं। ऐसे में बच्चों के साथ टाइम स्पेंड करें और उनके साथ बातें करें ताकि वह अपनी सारी बातें शेयर करें। हो सके तो बच्चे को एक पेज रोज डायरी लिखने की आदत डालें या सोने के समय उन्हें कोई कहानी सुनाने को कहें। ताकि वह अपने मन की बात कह और लिख सकें।
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6. बच्चों के बर्ताव पर ध्यान दें
बच्चों को कई बार गुड टच या बैड टच के बारे में पता नहीं होता है या बहुत बच्चे किसी से खुलकर अपने मन की बात नहीं कह पाते हैं। ऐसे में वे अंदर ही अंदर उसे चीज से परेशान होते हैं और ये बातें उनकी पढ़ाई और शारीरिक विकास पर प्रभाव डालती है। इसलिए हमेशा बाहर या स्कूल से आने के बाद अपने बच्चे के व्यवहार पर जरूर ध्यान देने की कोशिश करें कि कहीं आपका बच्चा बहुत ज्यादा चुप तो नहीं रहता है। साथ ही खाना कम खाना, पढ़ाई में मन न लगना और हमेशा खोया हुआ तो नहीं रहता है।
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7. लड़के लड़कियों दोनों को सिखाएं
कई बार हमें लगता है कि लड़कियों को ही बस गुड टच और बैड टच बताने की जरूरत है। अगर आप भी ऐसा सोचते है, तो आपको बिल्कुल गलत है। आपको अपने दोनों बच्चे को चाहे वह लड़का हो या लड़की उन्हें गुड या बैड टच के बारे में बताना चाहिए।
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माता-पिता इन बातों पर भी रखें ध्यान
1. माता-पिता 3-4 साल के अपने बच्चे को गुड टच और बैट टच के बारे में जरूर बताएं।
2. उनके कपड़े किसी अन्य व्यक्ति के सामने न उतारें।
3. बच्चों को समझाएं कि उनके प्राइवेट पार्ट्स को आपके अलावा और कोई नहीं छू सकता है।
4. बच्चों को ये भी समझाएं कि अगर डॉक्टर उनके शरीर को माता-पिता की उपस्थिति में टच करते हैं, तो ये गुड टच है।
5. बच्चों को बताएं कि करीबी रिश्तेदार भी उनके प्राइवेट पार्ट्स को नहीं छू सकते हैं।
6. बच्चों तो वीडियो दिखाकर गुड टच और बैड टच के बारे में समझाने की कोशिश करें।
7. उनसे हमेशा बात करें और ये विश्वास दिलाएं कि आप हमेशा उनके साथ हैं।
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