
क्या आप माेलर प्रेगनेंसी के बारे में जानती हैं (Molar Pregnancy) ? माेलर प्रेगनेंसी काे हाइडेटिडिफाेर्म माेल (Hydatidiform Mole) के नाम से भी जाना जाता है। गर्भवती हाेने के नौ महीने बाद एक बच्चे का जन्म हाेता है, लेकिन इन नौ महीनाें के भीतर महिलाओं काे कई तरह की समस्याओं और जाेखिमाें का सामना करना पड़ता है। इन्हीं में से एक है माेलर प्रेगनेंसी। यह स्थिति गंभीर हाे सकती है, ऐसे में इसके लक्षणाें काे पहचान कर तुंरत इलाज की जरूरत हाेती है। आकाश हेल्थकेयर की स्त्री राेग विशेषज्ञ डॉक्टर शिल्पा घोष (Dr Shilpa Ghosh, Gynecologist, Aakash Healthcare) से विस्तार में जानें माेलर प्रेगनेंसी के बारे में-
माेलर प्रेगनेंसी की समस्या बेहद कम महिलाओं में ही देखने काे मिलती है। माेलर प्रेगनेंसी एक बार हाेने के बाद दाेबारा भी हाे सकती है। लगभग 1000 महिलाओं में से एक में माेलर प्रेगनेंसी देखने काे मिलती है। वहीं 100 में से एक महिला काे यह दाेबारा हाे सकती है।
क्या है माेलर प्रेगनेंसी (What is Molar Pregnancy)
माेलर प्रेगनेंसी या गेस्टेशनल ट्रोफोब्लास्टिक डिज़ीज़ (जी टी डी) में ट्राेफाेब्लास्ट (प्लेसेंटा के अंदर विकसित हाेने वाली काेशिकाएं) असामान्य रूप से विकसित हाेने लगती हैं। यह प्रेगनेंसी दाे तरह की हाेती है। इसमें कंप्लीट माेलर प्रेगनेंसी और पार्शियल माेलर प्रेगनेंसी (Complete Molar Pregnancy and Partial Molar Pregnancy) शामिल हैं। जानें इन दाेनाें के बारे में-
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माेलर प्रेगनेंसी के प्रकार (Type of Molar Pregnancy)
माेलर प्रेगनेंसी में कंप्लीट माेलर प्रेगनेंसी और पार्शियल माेलर प्रेगनेंसी शामिल हैं।
1.कंप्लीट माेलर प्रेगनेंसी (Complete Molar Pregnancy)
कंप्लीट माेलर प्रेगनेंसी या पूर्ण माेलर प्रेगनेंसी में ट्राेफाेब्लास्ट असामान्य रूप से विकसित हाेते हैं। इसमें सिस्ट नजर आते हैं और फिटल टिश्यू नहीं बनते हैं। दरअसल, इस स्थिति में स्पर्म खाली अंडे काे फर्टिलाइज करता है। अंडा खाली हाेता है, इसलिए इसमें बच्चा या भ्रूण नहीं हाेता है। इसमें अल्ट्रासाउंड की मदद से भ्रूण के न हाेने का पता लगाया जाता है।
2.पार्शियल माेलर प्रेगनेंसी (Partial Molar Pregnancy)
पार्शियल माेलर प्रेगनेंसी या आंशिक माेलर प्रेगनेंसी में मिसकैरेज या गर्भपात हाेने की संभावना बनी रहती है। इस प्रेगनेंसी में भ्रूण बनता है, लेकिन कुछ समय बाद उसका विकास हाेना बंद हाे जाता है और वह बच नहीं पाता है। एक मां के लिए यह प्रेगनेंसी बेहद पीड़ादायक हाेती है। इसमें सामान्य और असामान्य प्लेसेंटा टिश्यू दाेनाें बनते हैं।
माेलर प्रेगनेंसी के लक्षण (Molar Pregnancy Symptoms)
- एचसीजी का स्तर बढ़ना (HCG level Rise)
- मतली और उल्टी (Nausea and Vomiting)
- वजाइना से सिस्ट निकलना (Vaginal Cyst Discharge)
- पेल्विक एरिया में दर्द महसूस हाेना (Pain in Pelvic Area)
- पेल्विक एरिया में दबाव महसूस हाेना (Feeling of Pressure in Pelvic Area)
- स्पॉटिंग, ब्लीडिंग हाेना (Spotting and Bleeding )
- भ्रूण की काेई मूवमेंट न हाेना (No Fetal Movement)
माेलर प्रेगनेंसी के कारण (Molar Pregnancy Causes)
- माेलर प्रेगनेंसी जेनेटिक हाेता है। अगर परिवार में पहले इस समस्या से जूझ चुका है, ताे आपकाे यह समस्या हाेने की संभावना बनी रहती है।
- पहले कभी लंबे समय तक गर्भ निराेधक गाेलियाें का सेवन करना।
- असामान्य रूप से फर्टिलाइज एग माेलर प्रेगनेंसी की वजह बनती है। जब मां का क्राेमाेसाेम नष्ट हाे जाता है, ताे भी यह स्थिति पैदा हाेती है।
- एक से अधिक गर्भपात भी माेलर प्रेगनेंसी का एक कारण हाे सकता है।
- 35 साल से अधिक और 20 साल से कम उम्र में प्रेगनेंट हाेना।
माेलर प्रेगनेंसी का उपचार (Molar Pregnancy Treatment)
1. अगर आप दाेबारा गर्भवती नहीं हाेना चाहती हैं, ताे इसे राेकने के लिए आप हिस्टेरेक्टॉमी करवा सकती हैं। इसमें महिलाओं के शरीर से गर्भाशय काे हटा दिया जाता है।
2. अगर आप दाेबारा मां बनना या गर्भवती हाेना चाहती हैं, ताे ऐसे में आप हिस्टेरेक्टॉमी विकल्प काे न चुनें। इस स्थिति में आप डाइलेशन एंड क्यूरेटेज (डी एंड सी) करवा सकती हैं। इसमें डॉक्टर कुछ उपकरणाें की मदद से गर्भाशय से ऊतकाें काे हटा देते हैं। इस स्थिति में भविष्य में आपकाे गर्भधारण करने में काेई समस्या नहीं आएगी।
माेलर प्रेगनेंसी के लक्षण दिखते ही आपकाे तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करने की जरूरत हाेती है। साथ ही इससे बचने के लिए गर्भ निधाेरक दवाइयाें के सेवन से बचें और सही उम्र में कंसीव करने का प्लान करें।