
वर्तमान में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो मोबाइल फोन का प्रयोग न करता हो। लेकिन हाल ही में आये इस शोध के नतीजे जानकर आप फोन से दूरी बना सकते हैं। नेशनल युनिवर्सिटी फॉर फूड द्वारा किये गये शोध की मानें तो मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडियेशन से कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी हो सकती है।
इस शोध में पता चला है कि वायरलेस डिवाइस के रेडिएशन से मेटाबॉलिक असंतुलन हो सकता है। इससे कई न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियां और कैंसर तक का खतरा हो सकता है। इस असंतुलन को ऑक्सीडेटिव तनाव भी कह सकते हैं।
अध्ययनकर्ता इसे रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पेसीज (आरओएस) और एंटी-ऑक्सीडेंट के बीच असंतुलन कहते हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि वायरलेस डिवाइस से निकलने वाले खतरनाक रेडिएशन को जीवित कोशिकाओं में ऑक्सीडेटिव क्षति के क्लासिकल मैकेनिज्म से पहचाना जा सकता है।
यह रिसर्च जर्नल 'इलेक्ट्रोमैग्नेटिक बॉयोलॉजी एण्ड मेडिसिन' में प्रकाशित हुआ है। इसके प्रमुख शोधकर्ता आइगर याकीमेंको ने बताया, रेडियो फ्रिक्वेंसी रेडिएशन (आरएफआर) से होने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव से न सिर्फ कैंसर बल्कि थकान, सिरदर्द और त्वचा में जलन जैसी समस्या भी हो सकती है।
आइगर ने यह भी बताया, ये आंकड़े इस बात का साफ संकेत देते हैं कि इस तरह के रेडिएशन का स्वास्थ्य पर कितना बुरा असर हो सकता है।
साल 2011 में कैंसर पर शोध करने वाली एक अंतरराष्ट्रीय एजेंसी ने भी कहा था कि आरएफआर मनुष्यों में कैंसर का संभावित कारण हो सकता है। आइगर और उनकी टीम ने मोबाइल फोन और वायरलेस इंटरनेट जैसे वायरलेस उपकरणों के इस्तेमाल में एहतियात बरतने की सलाह दी है।
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