माइक्रोब्लेडिंग... क्या आप इसके बारे में जानते हैं?

माइक्रोब्लेडिंग प्रक्रिया ने उन तमाम महिलाओं को सहज होने में मदद की है जिनकी भौहें पतली हैं। इन महिलाओं को अकसर पाउडर, पेंसिल और जेल का इस्तेमाल करना पड़ता है। इसके कारण कई बार उन्हें दूसरों के सामने शर्मिंदा भी होना पड़ा है।
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माइक्रोब्लेडिंग... क्या आप इसके बारे में जानते हैं?


माइक्रोब्लेडिंग प्रक्रिया ने उन तमाम महिलाओं को सहज होने में मदद की है जिनकी भौहें पतली हैं। इन महिलाओं को अकसर पाउडर, पेंसिल और जेल का इस्तेमाल करना पड़ता है। इसके कारण कई बार उन्हें दूसरों के सामने शर्मिंदा भी होना पड़ा है। लेकिन माइक्रोब्लेडिंग प्रक्रिया ने शर्मिंदगी के इस विषय को पूरी तरह खत्म कर दिया है। माइक्रोब्लेडिंग प्रक्रिया से महिलाएं भौहों को मन चाहा शेप दे रही हैं, जितना मोटा चाहिए, उतना मोटा बना रही हैं। लेकिन अब माइक्रोब्लेडिंग प्रक्रिया सिर्फ भौहों तक ही सीमित नहीं रही। यह प्रक्रिया अब स्कैल्प में भी आजमायी जा रही है। इससे बाल झड़ने की जो समस्या है, उसे मात देने में मदद मिल रही है।

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दरअसल यह कहने की जरूरत नहीं रही कि तेजी से लोगों में गंजेपन की बीमारी फैल रही है। इसमें महिलाओं की संख्या भी बढ़ती जा रही है। पहले पहल सिर्फ पुरुष इस तरह की समस्या से दो चार होते थे। लेकिन अब महिलाएं भी इस तरह की परेशानी का सामना कर रही हैं। ऐसे में माइक्रोब्लेडिंग प्रक्रिया पुरुष और महिला दोनों के लिए एक आशा की किरण है। इसके अलावा माइक्रोब्लेडिंग प्रक्रिया की सबसे अच्छी बात यह है कि यह अन्य बाल उगाने के तरीकों की तुलना में कम महंगा और तुरंत असरकारक है।

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माइक्रोब्लेडिंग प्रक्रिया उन सभी जगहों में असरकारक है जहां से बाल उगना बंद कर देते हैं। यह खासकर कंसीलिंग एरिया और हेयर लाइन एरियार के लिए ज्यादा उपयोगी है। ज्यादातर लोगों के बाल झड़ने की समस्या कान के पीछे से शुरु होती है। ऐसे में माइक्रोब्लेडिंग प्रक्रिया इस क्षेत्र के लिए काफी उपयोगी है। इसके अलावा सिर के जिस भी क्षेत्र में बाल ने उगना बंद कर दिया है या फिर बहुतायत में झड़ रहा है, वहां भी इस प्रक्रिया का उपयोग किया जा सकता है।

आपको बताते चलें कि पुरुष के बाल झड़ने का प्रारूप और महिलाओं के बाल झड़ने का प्रारूप अलग अलग होता है। विशेषज्ञों के मुताबिक माइक्रोब्लेडिंग प्रक्रिया पूरे सिर के लिए उपयोगी नहीं है। जिन लोगों के सिर में बिल्कुल बाल नहीं है, उनके लिए यह प्रक्रिया उपयोगी नहीं है। यह प्रक्रिया सिर्फ उनके लिए असरकार है जिनके हेयरलाइन बालों में दिक्कत है। इसके अलावा जिन जगहों पर कम बाल है, वहां भी प्रक्रिया अपना असर दिखाती है। जिन लोगों के बाल पतले हैं उनके सिर पर माइक्रोब्लेडिंग प्रक्रिया सबसे ज्यादा प्रभाव छोड़ती है। असल में माइक्रोब्लेडिंग प्रक्रिया के तहत जो स्ट्रोक्स बनाए जाते हैं, वे मौजूदा बालों के बीच में ही बनते हैं। इससे बालों में मोटापा बढ़ता है। जबकि पूरी तरह गंजेपन में इस तरह की प्रक्रिया असरकार नहीं होती।

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माइक्रोब्लेडिंग प्रक्रिया सिर और भौहें दोनों पर एक ही तरह से काम करती है। विशेषज्ञों की मानें तो भौहें से ज्यादा माइक्रोब्लेडिंग प्रक्रिया सिर के लिए उपयोगी है और मजेदार बात यह है इसके जरिये सिर को प्राकृतिक लुक भी दिया जा सकता है। दरअसल इसके जरिये बालों को प्राकृतिक रंग मिल जाता है। साथ ही बालों का मोटापा भी बेहतर होता है।

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