कई बार कुछ गलत ट्रीटमेंट के कारण मरीजों को गंभीर समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां आईब्रो के गलत इलाज के कारण दो महिलाओं को फेफड़ों से जुड़ी समस्या हो गई थी। दरअसल, इन महिलाओं ने आईब्रो पर माइक्रोब्लेडिंग कराई थी, जिसके बाद उन्हें सिस्टेमैटिक sarcoidosis नामक समस्या का सामना करना पड़ा। इस ट्रीटमेंट को कराने के बाद महिलाओं की आईब्रो में संतरी रंग के प्लाक दिखने लगते हैं।
आईब्रो का रंग हुआ संतरी
जर्नल ऑफ मेडिकल केस रिपोर्ट में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक स्लोवेनिया की दो महिलाओं को माइक्रोब्लेडेड ट्रीटमेंट के बाद महिलाओं को आईब्रो से जुड़ी परेशान हो गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक दोनों महिलाओं की आईब्रो पर इंफ्लेमेटरी सेल्स जम गए थे, जिस कारण उन्हें इस समस्या का सामना करना पड़ा। यह समस्या फेफड़ों के साथ ही साथ लिंफ नोड्स को भी प्रभावित कर सकती है।
क्या है सिस्टेमैटिक sarcoidosis?
सिस्टेमैटिक sarcoidosis फेफड़ों से जुड़ी एक प्रकार की समस्या है, जिसमें आपको सांस लेने तक में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। यह 90 प्रतिशत मरीजों के हार्ट, त्वचा और आखों पर प्रभाव डालती है। दरअसल, यह ऑटोइम्यून सिस्टम से जुड़ी एक प्रकार की समस्या है, जिसमें फेफड़ों में दबाव पड़ता है, जिससे सांस संबंधी समस्याए भी हो सकती हैं। यह समस्या आमतौर पर वातावरण में परिवर्तन होने के अलावां जेनेटिक कारणों पर भी निर्भर करती है। इसके डायग्नोस होने पर इस समस्या को नजरअंदाज करने से बचें।
इसे भी पढ़ें - फेफड़ों की कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए रोज फॉलो करें ये 5 आदतें, रहेंगे स्वस्थ
सिस्टेमैटिक sarcoidosis के लक्षण
- इस स्थिति में आपको कई लक्षण देखने को मिल सकते हैं।
- ऐसे में मांसपेशियों में दर्द होने के साथ ही साथ वजन कम होने जैसी समस्या भी हो सकती है।
- ऐसे में किडनी स्टोन होने के साथ ही साथ सांस लेने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।
- ऐसे में बार-बार पेशाब आने के साथ ही प्यास भी लगती है।
- इस स्थिति में जोड़ों में दर्द होने के साथ ही साथ थकान और सुस्ती भी महसूस हो सकती है।