
First Period Experience in Hindi: पीरियड्स एक लड़की के यूट्रस से योनि के माध्यम से रक्त निकलना होता है। लड़की को पीरियड्स शुरू होने का मतलब है कि वह यौवन के करीब पहुंच रही है। आपको बता दें कि ज्यादातर लड़कियों को पहला मासिक धर्म 12 साल की उम्र में शुरू हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार 10 से 15 साल की उम्र के बीच पहला पीडियड आना ठीक रहता है। लेकिन हर लड़की के शरीर का अलग-अलग पीरियड शेड्यूल होता है। इसलिए हर लड़की को अलग-अलग उम्र में पीरियड आ सकता है। साथ ही, सभी लड़कियों के पीडियड का अनुभव भी अलग ही होता है। किसी को पीरियड्स के दिनों में तेज दर्द होता है, तो किसी को दर्दरहित पीरियड्स होते हैं। वहीं, जब लड़कियों को पहली बार पीरियड होता है, तो उसका अनुभव भी अलग ही होता है। World Menstrual Hygiene Day के मौके पर हमने कुछ लड़कियों से संपर्क किया, जिन्होंने अपने पहले पीरियड अनुभव के बारे में खुलकर बात की-
पीरियड ब्लड को समझा था चोट: साक्षी उनियाल
साक्षी बताती हैं,'मुझे 15 साल की उम्र में पहला पीरियड आया था। उस समय मुझे पीरियड्स के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। जब पीरियड हुआ, तो मुझे लगा कि चोट की वजह से ब्लीडिंग हो रही है। क्योंकि उस समय मैं बाहर से खेलकर घर आई थी। फिर मैं रोने लगी और मम्मी के पास गई। इसके बाद, मेरी मम्मी ने मुझे पीरियड्स के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि हर लड़की को हर महीने पीरियड्स होते हैं, जो बहुत जरूरी है। पीरियड आने के बाद मम्मी ने मुझे पैड दिया और इसे इस्तेमाल करना सिखाया। साथ ही, मम्मी ने पीरियड्स के दिनों में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, इसके बारे में भी बताया। पीरियड्स के दौरान मुझे पेट और कमर में तेज दर्द होने लगा था। पहला पीरियड आया, तो मेरी दादी ने बताया कि मासिक धर्म चक्र के दौरान मंदिर नहीं जाना चाहिए।'
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दीदी और मम्मी ने दी पीरियड्स की जानकारी: नंदनी शर्मा
नंदनी बताती हैं, 'मुझे पहला पीरियड 12 साल की उम्र में आया था। जब मुझे पहली बार पीरियड आया, तो मुझे इसके बारे में पहले से जानकारी थी। मेरी दीदी और मम्मी ने मुझे मासिक धर्म चक्र के बारे में पहले से बता रखा था। साथ ही, स्कूल में भी इसके बारे में बताया जाता था। मैं लकी थी कि पहले पीरियड वाले दिन मैं घर पर ही थी। मेरे कपड़ों पर ब्लड लगा हुआ था, जिसे मेरी दीदी ने नोटिस किया। इसके बाद, दीदी ने मुझे पैड लगाना सिखाया। फिर दीदी और मम्मी ने मुझे मासिक धर्म चक्र के महत्व को समझाया। जब मुझे पहला पीरियड आया, तो मुझे दर्द का अनुभव नहीं हुआ। हां, मेरे चेहरे पर मुंहासे निकल गए थे।'
पेट और जांघों में हुआ असहनीय दर्द: निकिता चौहान
निकिता बताती हैं, 'जब मैं 14 साल की थी, तब मुझे पहली बार पीडियड आया था। मुझे वो दिन आज भी अच्छी तरह से याद है। जब मुझे पीरियड्स की वजह से पेट और जांघों में तेज दर्द होने लगा था। आज भी मुझे मासिक धर्म के दौरान असहनीय दर्द से परेशान होना पड़ता है। मैं पीरियड्स के बारे में पहले से जानती थी। मुझे मेरी मम्मी ने इसके बारे में पहले से बता रखा था। मुझे स्कूल में ही पीरियड ब्लीडिंग होने लगी थी। लेकिन कपड़े खराब नहीं हुए थे। फिर जब मैं घर आई, तो मम्मी ने मुझे पैड लगाना सिखाया। इसके बाद, मम्मी ने मुझे बताया कि पीरियड्स के दिनों में खट्टी चीजों का ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए। मेरी मम्मी ने यह भी कहा कि तुझे पीरियड्स शुरू हो गए है, लेकिन इसके बारे में किसी को बताने की जरूरत नहीं है। मुझे भी पीरियड्स को लेकर सबके सामने बात करने में शर्म आने लगी थी। लेकिन आज मैं पीरियड्स के महत्व को समझती हूं और इसके बारे में खुलकर बात करना जरूरी समझती हूं।
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मुझे दर्द का अनुभव नहीं हुआ: दीपिका
दीपिका बताती हैं,'ज्यादातर लड़कियों को पहले पीरियड में काफी दर्द होता है, लेकिन मेरा पीरियड्स दर्दरहित था। जब मैं 8वीं क्लास में थी, जब पहली बार पीरियड आया था। इसके बारे में मुझे मेरी मम्मी ने पहले से बता रखा था। स्कूल में भी हमारी टीचर्स पीरियड्स के बारे में जानकारी देती रहती थीं। जब पहला पीरियड आया था, तो मैं वेकेशन पर गई थी। मेरी मम्मी ने मुझे इसके महत्व के बारे में बताते हुए पैड का इस्तेमाल करना सिखाया।'
पहला पीरियड हर लड़की के लिए एक नया अनुभव लेकर आता है। पहले पीरियड के बाद से ही लड़कियां इसके महत्व को अच्छी तरह से समझ पाती हैं। साथ ही, इन दिनों में खुद को कैसे संभाले रखना है, ये भी वे धीरे-धीरे ही सीखती हैं। आपने भी कुछ ऐसा ही अनुभव किया होगा। इस लेख को पढ़कर आपको भी अपने पहले पीरियड का दिन जरूर याद आ गया होगा।